मंकीपॉक्स की आहट, ऐक्शन में केजरीवाल सरकार, दिल्ली कितनी तैयार?

मंकीपॉक्स की आहट को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी की अरविंद केजरीवाल सरकार ने भी कमर कस ली है। दिल्ली सरकार ने अपने तीन अस्पतालों को एमपॉक्स के संदिग्ध और पुष्ट मामलों के लिए आइसोलेशन रूम स्थापित करने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। हालांकि दिल्ली में अब तक मंकीपॉक्स का कोई मरीज नहीं पाया गया है। डब्ल्यूएचओ ने अफ्रीका के कई हिस्सों में इस संक्रामक बीमारी के प्रसार को देखते हुए एमपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी (PHEIC) घोषित की है।
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उक्त डेवलपमेंट के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के तीन अस्पतालों एलएनजेपी, जीटीबी और बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल को बीमारी के संदिग्ध और पुष्ट मामलों के लिए आइसोलेशन वार्ड तैयार करने के निर्देश दिए हैं। एलएनजेपी को नोडल अस्पताल के रूप में नामित किया गया है। यही नहीं दो अन्य अस्पतालों को भी स्टैंड बाय पर रखा गया है।
अधिकारी ने बताया कि लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में मरीजों के आइसोलेशन के लिए कुल 20 कमरे होंगे। इनमें से 10 कमरों को एक्टिव मामलों के लिए रखा गया है। गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल और बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल में ऐसे मरीजों के लिए 10-10 कमरे होंगे। इन दोनों ही अस्पतालों में संदिग्ध मरीजों के लिए पांच-पांच कमरे होंगे।
अधिकारी ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार पूरी तैयारी कर चुकी है। राहत की बात यह कि दिल्ली में अभी तक मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है। अस्पताल पूरी तरह सतर्क हैं। अस्पताल स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। सनद रहे साल 2022 से अब तक भारत में एमपॉक्स के 30 मामले सामने आ चुके हैं। देश में एमपॉक्स का आखिरी मामला मार्च 2024 में सामने आया था।
दिल्ली में केंद्र सरकार के तहत आने वाले एम्स में भी तैयारियां तेज हो गई हैं। एम्स दिल्ली ने संदिग्ध एमपॉक्स रोगियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ऐसे मरीजों के इलाज के लिए आइसोलेशन में पांच बेड आवंटित किए गए हैं। एम्स की ओर से जारी बयान के मुताबिक, अस्पताल के एबी-7 वार्ड में एमपॉक्स के मरीजों के लिए पांच बिस्तर निर्धारित किए गए हैं। एम्स की ओर से जारी एसओपी में कहा गया है कि संदिग्ध मरीजों को तुरंत आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए, ताकि अन्य लोगों के साथ उनका संपर्क कम हो सके।