भोजशाला पर 2000 पन्नों की रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश: एएसआई ने बताया- 94 से ज्यादा टूटी मूर्तियां, शिलालेख और संस्कृत के श्लोक मिले – Indore News

धार भोजशाला की सर्वे रिपोर्ट से धार्मिक कैरेक्टर पर चल रहा विवाद खत्म हो सकता है।
धार की भोजशाला और कमाल मौलाना मस्जिद परिसर पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने अपनी सर्वे रिपोर्ट सोमवार को इंदौर हाईकोर्ट में पेश कर दी। रिपोर्ट में बताया है कि मस्जिद का निर्माण पहले के मंदिरों के हिस्सों का उपयोग करके बनाया गया है। 98 दिनों के स
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हिमांशु जोशी का कहना है कि रिपोर्ट 2 हजार पेज की है। इसमें सर्वे और खुदाई के दौरान मिले 1700 से ज्यादा प्रमाण/अवशेष शामिल हैं। हाईकोर्ट इस पर 22 जुलाई को सुनवाई करेगा।
हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने दावा किया कि ‘भोजशाला की सर्वे रिपोर्ट से हिंदू पक्ष का दावा 100% साबित हो रहा है। यहां 94 आर्टिकल्स मिले, इनमें टूटी मूर्तियां, शिलालेख और संस्कृत के श्लोक हैं। इससे प्रतीत होता है कि यहां मां वाग्देवी मंदिर ही था और धार्मिक शिक्षा दी जाती थी। अलग-अलग टाइम के करीब 30 सिक्के भी इनमें शामिल हैं।
याचिकाकर्ता ने कहा- परमारकालीन मूर्तियां भी मिलीं
हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने दावा किया कि यह इमारत राजा भोज के काल की ही साबित होगी, जिसे वर्ष 1034 में बनाया गया था। ASI को इस सर्वे में कई प्राचीन मूर्तियां मिली हैं, जो परमारकालीन हो सकती हैं। इस तरह ये परमारकालीन इमारत है।
अवशेषों से लगभग तय माना जा रहा है कि इसका निर्माण 9वीं से 11वीं शताब्दी के बीच का है। एक गर्भगृह के पास ईंटों से बनी 27 फीट लंबी दीवार भी मिली है। पुरातत्वविदों का मानना है कि ईंटों से निर्माण और भी प्राचीन समय में होता था। मोहन जोदड़ो सभ्यता के समय, यानी यह स्थान और भी प्राचीन हो सकता है। स्तंभ और उन पर उकेरी गई वास्तुकला को देखकर लगता है कि ये मंदिरों के अवशेष ही हैं। इनका उपयोग मस्जिद बनाने के लिए किया गया होगा।

फैसला सुप्रीम कोर्ट के स्तर पर ही होगा
धार के शहर काजी वकार सादिक ने दैनिक भास्कर से कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही निर्देश दे चुका है कि ASI की रिपोर्ट पर हाईकोर्ट स्तर से कोई एक्शन नहीं लिया जा सकता है। हाईकोर्ट में 22 जुलाई को सुनवाई है, लेकिन फैसला सुप्रीम कोर्ट स्तर से ही करना है।
उन्होंने कहा कि सुनने में आया है कि रिपोर्ट पक्षकारों को दी जा रही है। रिपोर्ट की गोपनीयता बनाए रखने के निर्देश भी सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे, ऐसे में पक्षकारों को रिपोर्ट दी जानी थी या नहीं, इस तथ्य पर भी जानकारी ले रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि कोई भी पक्ष रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करेगा, ताकि अमन कायम रहे।

वसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा के लिए हिंदू पक्ष को भोजशाला में पूरे दिन पूजा और हवन करने की अनुमति है। ये हवन कुंड भोजशाला के बीच में है।
वैज्ञानिक सर्वे में यह 7 प्रमुख तथ्य सामने आए थे
1. गर्भगृह का पिछला हिस्सा : यहां अंदर 27 फीट तक खुदाई की गई है, जहां दीवार का ढांचा मिला है।
2. सीढ़ियों के नीचे का बंद कमरा : यहां से वाग्देवी, मां सरस्वती, हनुमानजी, गणेशजी समेत अन्य देवी प्रतिमा, शंख, चक्र सहित 79 अवशेष मिले हैं।
3. उत्तर-पूर्वी कोना व दरगाह का पश्चिमी हिस्सा : यहां से श्रीकृष्ण, वासुकी नाग और शिवजी की प्रतिमा मिली है।
4. उत्तर-दक्षिणी कोना : स्तंभ, तलवार, दीवारों के 150 नक्काशी वाले अवशेष मिले हैं।
5. यज्ञशाला के पास : सनातनी आकृतियों वाले पत्थर मिले हैं।
6. दरगाह : अंडरग्राउंड अक्कल कुइया चिह्नित हुई।
7. स्तंभों पर : केमिकल ट्रीटमेंट के बाद सीता-राम, ओम नम: शिवाय की आकृतियां चिह्नित हुई हैं।

मंगलवार को पूजा, शुक्रवार को होती है नमाज
भोजशाला में मंगलवार को हिंदू पक्ष को पूजा करने की अनुमति है। शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष को नमाज पढ़ने के लिए दोपहर 1 से 3 बजे तक प्रवेश दिया जाता है। दोनों को नि:शुल्क प्रवेश मिलता है। बाकी दिनों में 1 रुपए का टिकट लगता है। हिंदू पक्ष भोजशाला को वाग्देवी सरस्वती का मंदिर मानता है। मुस्लिम इसे कलाम मौला मस्जिद मानता है।
हाईकोर्ट ने 11 मार्च को दिए थे सर्वे के आदेश
धार में भोजशाला ASI द्वारा संरक्षित इमारत है। 2022 में हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस नाम से पिटीशन हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस प्लस भोजसेवा संस्थान धार ने दायर की थी। इसमें भोजशाला को मंदिर बताते हुए इसका साइंटिफिक सर्वे GPR और GPS तकनीक से कराने की मांग की गई थी। आधिपत्य सौंपने की भी मांग थी।
इंदौर हाईकोर्ट ने 11 मार्च 2024 को इसे स्वीकारते हुए सर्वे के आदेश दिए थे। 15 जुलाई को ASI ने हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश कर दी। रिपोर्ट पर 22 जुलाई को सुनवाई होगी।

जिला प्रशासन की वेबसाइट पर भोजशाला बताया
जिला प्रशासन की वेबसाइट के अनुसार भोजशाला राजा भोज ने बनवाई थी। यह यूनिवर्सिटी थी, जिसमें वाग्देवी की प्रतिमा स्थापित की गई थी। मुस्लिम शासक ने इसे मस्जिद में परिवर्तित कर दिया था। इसके अवशेष प्रसिद्ध मौलाना कमालुद्दीन मस्जिद में देखे जा सकते हैं। यह भोजशाला के कैंपस में है जबकि देवी की प्रतिमा लंदन के म्यूजियम में रखी है।

हिंदू पक्ष का दावा है कि धार की भोजशाला का निर्माण राजा भोज ने करवाया था। यह विश्वविद्यालय हुआ करता था।
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धार भोजशाला का ज्ञानवापी की तरह होगा सर्वे: हाईकोर्ट की इंदौर बेंच का आदेश

हाईकोर्ट के आदेश के बाद एएसआई की टीम ने भोजशाला में 98 दिन तक सर्वे किया।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने ज्ञानवापी की तर्ज पर धार की भोजशाला का सर्वे कराने के आदेश दिए थे। इस मुद्दे पर कोर्ट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) को 5 एक्सपर्ट की टीम बनाने को कहा। इस टीम को 6 सप्ताह में रिपोर्ट कोर्ट को सौंपनी थी। याचिका के बिंदु, जिनके आधार पर मांग स्वीकार की गई
हिंदू पक्ष का दावा-भोजशाला की दरगाह में गोमुख जैसी आकृति:गर्भगृह के पीछे सीढ़ियां

सर्वे के दौरान कुछ नए तथ्यों के सामने आने का दावा हिंदू पक्ष ने किया है। उसका दावा है कि जो नए फैक्ट्स आए हैं, उस लिहाज से यह मंदिर ही है। उनका कहना है कि 15वें दिन गर्भगृह के पिछले हिस्से में तीन सीढ़ियां दिखीं तो 19वें दिन सालों से दीवार में दबा गोमुख भी निकला है। हिंदू पक्ष मंदिर के संकेत बताता है, मुस्लिम पक्ष ने किया खारिज