भाई से दुश्मनी भतीजे से प्यार? उद्धव ठाकरे की रणनीति पर क्यों हो रहा आश्चर्य

महाराष्ट्र चुनाव में कई सीटें ऐसी हैं, जिन पर परिवार के लोग ही आमने सामने हैं. लेकिन सबसे दिलचस्प मुकाबला शिवसेना का गढ़ कही जाने वाली दादर-माहिम सीट पर है. इस सीट से राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे चुनावी मैदान में हैं तो महाविकास अघाड़ी और महायुति ने भी कैंडिडेट दिए हैं. सभी दल वोटरों के बीच जा रहे हैं. रैलियां कर रहे हैं. लेकिन उद्धव ठाकरे के एक फैसले की काफी चर्चा है. क्योंकि उद्धव गुट ने तय किया है कि माहिम सीट पर न तो उद्धव ठाकरे चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे और न ही उनके बेटे आदित्य ठाकरे. इसे अमित ठाकरे के लिए मौन समर्थन माना जा रहा है. यानी भाई राज ठाकरे से दुश्मनी और भतीजे से प्यार!
उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे का चुनावी कार्यक्रम आने के बाद कई तरह की अटकलें लगी हैं. कहा जा रहा है कि माहिम सीट पर न तो उद्धव ठाकरे और न ही आदित्य ठाकरे की कोई सभा होगी. यहां तक कि वे जाएंगे भी नहीं. महाविकास अघाड़ी के नेताओं के साथ उद्धव ठाकरे की पहली पब्लिक रैली 6 नवंबर को मुंबई में होगी. उसके बाद 17 नवंबर को शाम 7 बजे और 18 नवंबर को दोपहर 3 बजे फिर से बीकेसी मैदान में उद्धव ठाकरे की सभा होगी. तो वहीं आदित्य ठाकरे भी मुंबई की कुछ सीटों पर सभाएं करने वाले हैं. हालांकि, माहिम में कोई रैली नहीं होने पर हैरानी जताई जा रही है. इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या उद्धव ठाकरे पर्दे के पीछे से अमित ठाकरे की मदद कर रहे हैं?
उद्धव ठाकरे का गेमप्लान?
चुनाव से पहले से ठाकरे गुट माहिम को लेकर काफी गंभीर था. शिवसेना में विभाजन के बाद महेश सावंत को बकायदा इसका जिम्मा सौंपा गया. इसलिए जब शिंदे का विद्रोह हुआ, तो भी यहां संगठन कमजोर नहीं हुआ. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, महेश सावंत काफी ताकतवर नेता हैं. अगर उन्हें अमित ठाकरे को समर्थन देना होता तो सीधे देते. उद्धव ठाकरे वहां के चुनाव को लेकर गंभीर थे, इसलिए मजबूत कैंडिडेट भी उतारा. जमीन पर शिवसैनिक प्रचार भी जमकर कर रहे हैं. लेकिन वो जोर नहीं दिखता.
आदित्य से मुलाकात?
ठाकरे गुट की ओर से मुंबई में कैंडिडेट्स की एक बड़ी बैठक होने वाली है. हर चुनाव में उद्धव ठाकरे ऐसी रैली करते हैं. इसमें सभी सीटों से शिवसेना नेता, जनप्रतिनिधि और संगठन के लोग शामि होते हैं. शिवसेना सूत्रों का कहना है कि हो सकता है कि उसके बाद आदित्य ठाकरे माहिम में जाएं और वहां रैली करें. लेकिन उनका निशाना अमित ठाकरे पर होगा, इसकी संभावना बहुत कम है. आदित्य ठाकरे अपने कैंडिडेट सदा सरवणकर के लिए समर्थन मांग सकते हैं. हालांकि, उनकी इस बैठक के बारे में अभी तक कुछ भी नहीं कहा गया है. इसलिए माना जा रहा है कि उद्धव गुट अमित ठाकरे को मौन समर्थन दे रहा है.
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FIRST PUBLISHED : November 6, 2024, 15:43 IST