Published On: Thu, Jun 20th, 2024

भर्तृहरि महताब प्रोटेम स्पीकर नियुक्त, नए सांसदों को शपथ दिलाएंगे: कटक से 7 बार के सांसद, मार्च में BJD छोड़कर BJP में आए


नई दिल्ली30 मिनट पहले

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24 जून से शुरू हो रहे संसद सत्र में लोकसभा स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव होगा। नए स्पीकर चुने जाते तक भर्तृहरि इस पद पर रहेंगे। - Dainik Bhaskar

24 जून से शुरू हो रहे संसद सत्र में लोकसभा स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव होगा। नए स्पीकर चुने जाते तक भर्तृहरि इस पद पर रहेंगे।

18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होगा। इसमें लोकसभा स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव होगा। इससे पहले गुरुवार (20 जून) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के आर्टिकल 95 (1) के तहत ओडिशा के कटक से भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। वे संसद में नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाएंगे।

भर्तृहरि महताब कटक से सात बार के सांसद हैं। वे इस साल मार्च में ही BJD छोड़कर BJP में शामिल हुए हैं। 2017 में लोकसभा में होने वाली चर्चाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें आउटस्टैंडिंग पार्लियामेंटेरियन अवॉर्ड से नवाजा गया था।

18वीं लोकसभा में भर्तृहरि की जिम्मेदारी

  • 543 नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाएंगे। शपथ ग्रहण दो दिन तक चल सकता है।
  • इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। तब तक लोकसभा चलाने की जिम्मेदारी भर्तृहरि ​​​​की होगी।

प्रोटेम स्पीकर की मदद के लिए 5 सांसदों को भी चुना
इसके अलावा राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 99 के तहत लोकसभा स्पीकर के चुनाव तक नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाने में प्रोटेम स्पीकर की मदद करने के लिए सुरेश कोडिकुन्निल, थलिक्कोट्टई राजुथेवर बालू, राधा मोहन सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते और सुदीप बंदोपाध्याय को नियुक्त किया है।

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भर्तृहरि माहताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए जाने की जानकारी दी।

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भर्तृहरि माहताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए जाने की जानकारी दी।

कौन होता है प्रोटेम स्पीकर?
प्रोटेम लैटिन शब्द प्रो टैम्पोर से आया है। इसका मतलब होता है- कुछ समय के लिए। प्रोटेम स्पीकर अस्थायी स्पीकर होता है। लोकसभा या विधानसभा चुनाव होने के बाद सदन को चलाने के लिए सत्ता पक्ष प्रोटेम स्पीकर को चुनता है।

प्रोटेम स्पीकर का मुख्य काम नव निर्वाचित सांसदों/विधानसभा को शपथ ग्रहण कराना है। यह पूरा कार्यक्रम प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में होता है। प्रोटेम स्पीकर का काम फ्लोर टेस्ट भी करवाना होता है। हालांकि संविधान में प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति, काम और पावर के बारे में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा गया है।

INDIA गुट स्पीकर पद के लिए दावेदारी पेश कर सकता है
18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होकर 3 जुलाई तक चलेगा। 26 जून से लोकसभा स्पीकर के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। ऐसी खबरें हैं कि भाजपा ओम बिड़ला को दूसरी बार स्पीकर बना सकती है। जबकि भाजपा की सहयोगी पार्टियां- चंद्रबाबू नायडू की TDP और नीतीश कुमार की JDU- भी स्पीकर पद मांग रही हैं।

इधर विपक्षी खेमा I.N.D.I.A गुट भी लोकसभा में मजबूत स्थिति में है। ऐसे में उसे उम्मीद है कि डिप्टी स्पीकर पद विपक्ष के किसी सांसद को मिलेगा। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर विपक्ष के सांसद को डिप्टी स्पीकर पद नहीं मिलता है तो विपक्षी खेमा स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार उतारेगा।

डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को देने की परम्परा रही है। 16वीं लोकसभा में NDA में शामिल रहे अन्नाद्रमुक के थंबीदुरई को यह पद दिया गया था। जबकि, 17वीं लोकसभा में किसी को भी डिप्टी स्पीकर नहीं बनाया गया था। पूरी खबर यहां पढ़ें…

राजस्थान में कोटा-बूंदी सीट से भाजपा उम्मीदवार और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने लगातार तीसरी जीत हासिल की है। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार प्रहलाद गुंजल को 41,974 वोटों से हराया है।

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1999 में स्पीकर ने विशेष अधिकार का इस्तेमाल किया और एक वोट से अटल सरकार गिर गई थी। ये एक उदाहरण स्पीकर पद की अहमियत बताने के लिए काफी है। 2024 लोकसभा चुनाव के बाद ये पद एक बार फिर चर्चा में है। नतीजों में BJP को बहुमत नहीं मिला। वो चंद्रबाबू नायडू की TDP और नीतीश कुमार की JDU के सहारे सरकार बनाने जा रही है।

इस बीच खबरें आ रही हैं कि दोनों ही पार्टियां स्पीकर पद के लिए अड़ी हैं। स्पीकर का पद कितना ताकतवर होता है; सहयोगी दलों को सांसद टूटने का डर या कोई और वजह, आखिर क्यों बनाना चाहते हैं अपना स्पीकर…पूरी खबर यहां पढ़ें…

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