Published On: Sat, Jun 22nd, 2024

भतीजे आकाश को मायावती ने फिर स्टार प्रचारक बनाया: लिस्ट में दूसरे नंबर पर नाम; 46 दिन पहले उत्तराधिकारी और कोऑर्डिनेटर पद छीना था – Lucknow News


मायावती ने आकाश आनंद को फिर से पार्टी का स्टार प्रचारक बनाया है।- फाइल

मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को फिर नई जिम्मेदारी दी है। बसपा प्रमुख ने उनको उत्तराखंड उपचुनाव में पार्टी का स्टार प्रचारक बनाया है। आकाश का नाम लिस्ट में मायावती के बाद दूसरे नंबर पर है। हालांकि, पार्टी सूत्रों ने बताया कि अभी आकाश यूपी की सियासत से द

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लोकसभा चुनाव के दौरान 7 मई को मायावती ने आकाश से पार्टी के सभी अहम पद छीन लिए थे। उन्होंने सार्वजनिक ऐलान किया था कि आकाश अभी मैच्योर नहीं हैं। आकाश इसके बाद पूरे चुनाव में चुप रहे। उनका एक भी बयान सामने नहीं आया।

आकाश की चुनावी सभाओं में बयानबाजी को लेकर मायावती नाराज हुईं थीं। मायावती ने पिछले साल दिसंबर में ही आकाश को पार्टी का अपने बाद उत्तराधिकारी घोषित किया था।

उत्तराखंड में दो सीटों पर 10 जुलाई को विधानसभा उपचुनाव होना है। बसपा के 13 स्टार प्रचारकों की सूची में आकाश का नाम दूसरे नंबर पर है।

उत्तराखंड में दो सीटों पर 10 जुलाई को विधानसभा उपचुनाव होना है। बसपा के 13 स्टार प्रचारकों की सूची में आकाश का नाम दूसरे नंबर पर है।

नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद पर थे आकाश
यूपी में लोकसभा चुनाव के दौरान आकाश आनंद मायावती से ज्यादा एक्टिव रहे हैं। 7 मई को तीसरे चरण की वोटिंग के बाद अचानक मायावती ने भतीजे आकाश को उत्तराधिकारी और नेशनल कोआर्डिनेटर पद से हटाने का ऐलान किया था। उन्होंने X पर लिखा था-आकाश आनन्द को नेशनल कोओर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, किन्तु पार्टी व मूवमेन्ट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है।

पढ़िए, लोकसभा चुनाव के दौरान आकाश आनंद के बयान, जिसके कारण उन्हें पार्टी से निकाला गया…

1- बिजनौर में तू-तड़ाक कर भाषण दिया

6 अप्रैल को आकाश आनंद ने लोकसभा चुनाव को लेकर पहली जनसभा बिजनौर में की थी। कहा था- भाजपा सरकारी खर्चे पर अपनी योजनाओं का बखान कर रही है। प्रदेश सरकार को खुद को ‘बुलडोजर सरकार’ कहलवाना बहुत अच्छा लगता है। लेकिन जनता ने सरकार को तोड़ने के लिए नहीं, जोड़ने के लिए चुना था।

2- भाजपा को गद्दार और घमंडी बताया

24 अप्रैल को संत कबीर नगर में कहा था- भाजपा गद्दार और घमंडी है। ये कहते हैं कि इन्होंने राम मंदिर बनवाया। तुम कौन होते हो भगवान को लाने वाले? तुम इंसान होकर भगवान को लाने की बात कर रहे हो। मंदिर तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बनना शुरू हुआ और पैसे जनता के लग रहे है, इसमें भाजपा का क्या लगा है।

यूपी में चुनावी रैली के दौरान आकाश आनंद। मायावती ने 10 दिसंबर 2023 को आकाश को उत्तराधिकारी बनाया था।

यूपी में चुनावी रैली के दौरान आकाश आनंद। मायावती ने 10 दिसंबर 2023 को आकाश को उत्तराधिकारी बनाया था।

3- पेपर लीक वालों को जमीन में गाड़ देना चाहिए

25 अप्रैल को आकाश आनंद ने आजमगढ़ में कहा था- सरकारी नौकरियों के लिए पेपर देते हो और वो लीक हो जाता है, तो मन करता है जिसने पेपर लीक किया, उसका गूदा निकालकर जमीन में गाड़ दें। उन्होंने सपा को देशद्रोही और गद्दार कहा था।

4- भाजपा आतंकवादी सरकार है

28 अप्रैल को सीतापुर में कहा था- भाजपा की सरकार बुलडोजर सरकार नहीं, बल्कि आतंकवादी सरकार है। इसने आवाम को गुलाम बनाकर रखा है। अब ऐसी सरकार को उखाड़कर फेंकना है। जो सरकार रोजगार और पढ़ाई नहीं दे सकती, उसे सत्ता में रहने का कोई हक नहीं। अगर ऐसे लोग आपके बीच वोट मांगने आते हैं, तो जूता निकालकर रेडी कर लीजिए। वोट की जगह जूता मारने का वक्त आ गया है।

7 महीने पहले घोषित किया था उत्तराधिकारी
10 दिसंबर 2023 को बसपा ने यूपी-उत्तराखंड के नेताओं की बैठक बुलाई थी। बैठक में मायावती ने अपने सबसे छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित किया था। पार्टी की विरासत और राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए अपने भतीजे पर विश्वास जताया। डेढ़ घंटे मीटिंग चली थी।

यूपी-उत्तराखंड के नेताओं की बैठक के दौरान मायावती ने आकाश को उत्तराधिकारी बनाया।

यूपी-उत्तराखंड के नेताओं की बैठक के दौरान मायावती ने आकाश को उत्तराधिकारी बनाया।

लोकसभा चुनाव से पहले आकाश को उत्तराधिकारी घोषित करने की 3 वजह थीं

1- चंद्रशेखर के ऑप्शन में आकाश: पश्चिम यूपी में आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर की दलित वर्ग के बीच पकड़ मजबूत है। बसपा प्रमुख ने दलित समाज के युवाओं को यह साफ मैसेज देने का प्रयास किया था कि बसपा में युवा नेता और पार्टी का ऑप्शन आकाश है। वह लगातार रैलियां भी कर रहे थे।

2- आकाश के बहाने बसपा का युवाओं पर फोकस: यूपी में विधानसभा चुनाव 2022 के चुनाव में बसपा को तगड़ा झटका लगा था। पार्टी का वोट शेयर 22% से घटकर 11% पर आ गया था। इसलिए बसपा अपना खोया जनाधार पाने के लिए युवाओं को जोड़ना चाहती है। इसीलिए मायावती ने आकाश को उत्तराधिकारी चुना था।

3- बसपा के सामने अब ज्यादा ऑप्शन नहीं: चार बार यूपी की सीएम रह चुकीं मायावती की पार्टी बसपा की अब प्रदेश में स्थिति कमजोर हो रही है। अभी बसपा का सिर्फ एक विधायक है। जबकि 10 सांसद थे, जिसमें से उन्होंने एक सांसद दानिश अली को पार्टी से बाहर कर दिया, कुछ ने दल बदल दिया।

आकाश ने 2017 में राजनीति में की थी एंट्री​​

सपा और बसपा गठबंधन टूटने के बाद मायावती ने 2019 में आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया था।

सपा और बसपा गठबंधन टूटने के बाद मायावती ने 2019 में आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया था।

उत्तराधिकारी घोषित होने के 6 साल पहले यानी 2017 में आकाश आनंद सहारनपुर की जनसभा में मायावती के साथ दिखे थे। इसके बाद वह लगातार पार्टी का काम कर रहे थे। 2019 में उन्हें नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया गया। यह फैसला तब लिया गया जब सपा और बसपा का गठबंधन लोकसभा चुनाव के बाद टूटा। 2022 के हिमाचल विधानसभा चुनाव में पहली बार आकाश आनंद का नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट में आया था।

आकाश ने लंदन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) की पढ़ाई की है। आकाश की शादी बसपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य अशोक सिद्धार्थ की बेटी डॉ. प्रज्ञा से हुई है।

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