ब्रह्मोस से 13 गुना ज्यादा रेंज, एक साथ कई टारगेट को तबाह करने में सक्षम

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Agni-5 Missile: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में स्वदेशी तकनीक से विकसित मिसाइल और अन्य हथियारों का ऐसा मुजायरा किया कि दुनिया दंग है. पाकिस्तान के हौसले पस्त हैं और चीन के होश उड़े हुए हैं. दुश्मनों ने अभी ब्रह्…और पढ़ें

अग्नि-5 मिसाइल भारत के हथियारों के जखीरे का वह नगीना है, जिसकी प्रचंडता के बारे में सोचकर ही दुश्मनों की नींद उड़ जाती है. (फोटो: PTI)
हाइलाइट्स
- अग्नि-5 मिसाइल का रेंज 5000 से 5800 किलोमीटर है, ICBM का है दर्जा
- ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल से तकरीबन 13 ज्यादा दूरी तक मार करने में है सक्षम
- अग्नि-5 मिसाइल MIRV तकनीक से भी लैस है, पल भर में ला सकता है तबाही
नई दिल्ली. पाकिस्तान पहलगाम में आतंकवादी हमला करवाकर अपने आप को बहादुर समझ रहा था. वहीं, बैसरन घाटी में धर्म पूछकर नरसंहार करने की इस बर्बर घटना देश के साथ ही पूरी दुनिया सदमे में आ गई थी. जिन बहन-बेटियों के हाथों की मेंहदी का रंग अभी उतरा भी नहीं था, उन्हें विधवा बना दिया गया. तब भारत ने एक साथ हुंकार भरी और ऐलान-ए-जंग की घोषणा करते हुए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इस घटना को अंजाम देने वाले आतंकवादियों और उन्हें संरक्षण देने वाले उनके आका को मिट्टी में मिला दिया जाएगा. इंडियन आर्म्ड फोर्सेज ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर महज 23 मिनट में पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 टेररिस्ट कैंप को मिट्टी में मिला दिया. इसके बाद कट्टरपंथी आर्मी चीफ आसिम के इशारे पर पाकिस्तानी फौज ने इंडियन मिलिट्री बेस को टारगेट करने की कोशिश की थी. भारत ने करारा जवाब देते हुए न केवल पाकिस्तानी फौज के हमले को पूरी तरह से नाकाम कर दिया, बल्कि एक ही झटके में पाकिस्तान के 11 एयरबेस को तबाह कर दिया. इसके बाद पाकिस्तान शांति के लिए गुहार लगाने लगा. भारत ने ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल से ऐसा प्रचंड प्रहार किया कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अभी तक उसे भूल नहीं पा रहे हैं. आतंकियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान की ऐसी हालत तब है, जब भारत ने अभी तक अपने ‘ब्रह्मास्त्र’ का इस्तेमाल नहीं किया है.
भारत ने अग्नि सीरीज के तहत लंबी दूरी तक मार करने वाली ICBM यानी इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल डेवलप की है. इनमें से अग्नि-V लंबी दूरी तक मार करने वाली खतरनाक मिसाइल में से एक है. डीआरडीओ की ओर से डेवलप यह मिसाइल न्यूक्लियर के साथ ही कन्वेंशनल वॉरहेड (परंपरागत हथियार) को ले जाने में सक्षम है. अग्नि-V की ऐसी कई खूबियां हैं, जो इसे बेहद ही खतरनाक और घातक बनाती हैं. अग्नि-V एक साथ कई टारगेट को तबाह करने में सक्षम है. अग्नि-V को ऐसी तकनीक से लैस किया गया है, जिसे डिफेंस एक्सपर्ट मिसाइल बस कहते हैं. जिस तरह बस में एक साथ कई यात्री सफर कर सकते हैं, उसी तरह अग्नि-V मिसाइल एक साथ कई वॉरहेड को अपने साथ ले जाने और दुश्मनों पर हमला करने में सक्षम है. अग्नि-V के विकास के साथ ही मिसाइल टेक्नोलॉजी में भारत गिने-चुने देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है.
अग्नि 5 मिसइाल की खसियत.
अग्नि-V की रेंज
अग्नि-V इंटर-कॉन्टिनेंटल मिसाइल की रेंज इतनी ज्यादा है कि पाकिस्तान चाहे भी तो वहां तक अपने पैर नहीं फैला सकता है. इसकी रेंज में चीन का अधिकांश हिस्सा भी आ गया है. विशेषज्ञों की मानें तो अग्नि-V की रेंज 5000 से 5800 किलोमीटर के रेंज में है. कुछ एक्सपर्ट तो इसकी रेंज 7000 किलोमीटर से भी ज्यादा बताते हैं. भारत अग्नि सीरीज के तहत डेवलप की जा रही मिसाइल की रेंज को 10,000 से 12,000 किलोमीटर तक करने की योजना पर भी काम कर रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने जिस ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का इस्तेमाल किया, फिलहाल उसकी अधिकतम रेंज 450 किलोमीटर है. शुरुआत में इसकी रेंज 290 किलोमीटर थी. इसे बढ़ाकर 800 किलोमीटर तक करने की प्लानिंग पर डीआरडीओ लगातार काम कर रहा है. अब जरा सोचिए जो पाकिस्तान ब्रह्मोस मिसाइल के प्रहार से ही बिलबिला उठा यदि उसपर अग्नि-V से अटैक किया गया तो आतंकवादियों के आका का क्या हाल होगा. पाकिस्तान एक ही झटके में छिन्न-भिन्न हो जाएगा.
MIRV तकनीक से लैस है अग्नि-V
11 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर बड़ा ऐलान करते हुए कहा था कि अग्नि-V बैलिस्टिक मिसाइल का MIRV यानी मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हिकल टेक्नोलॉजी के साथ सफल परीक्षण किया गया है. इसके साथ ही भारत उस क्लब में शामिल हो गया, जिसमें चुनिंदा देश ही शामिल हैं. मिशन दिव्यास्त्र के तहत इसकी टेस्टिंग की गई थी. अब सवाल है कि अग्नि-V बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण जिस MIRV टेक्नोलॉजी के साथ किया गया है वह क्या है और वह इतना अहम क्यों है? डिफेंस एक्सपर्ट के अनुसार, MIRV एक ‘मिसाइल बस’ है, जिसके यात्री परमाणु बम होते हैं और जो उन्हें अलग-अलग लक्ष्यों तक पहुंचाने के लिए एक बूस्टर की सुविधा प्रदान करता है. साल 1970 में अमेरिका ने मिनटमैन III को तैनात करना शुरू किया, जो प्रत्येक मिसाइल पर तीन वॉरहेड के साथ पहली MIRV-एड ICBM मिसाइल थी. साल 1971 में पोसिडॉन को तैनात किया, जो पहली MIRV-एड पनडुब्बी-लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) थी. इसमें प्रत्येक मिसाइल पर 10 वॉरहेड तक ले जाने की क्षमता थी. अब सोचिए भारत ने यदि दुश्मनों पर अग्नि-V बैलिस्टिक मिसाइल से अटैक किया तो उनका क्या हाल होगा.

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