ब्रह्मोस से ज्यादा घातक, 7400 KMPH की रफ्तार, दुश्मनों के लिए तबाही

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India-Russia Defence Deal: चीन और पाकिस्तान को जरूरत पड़ने पर एक साथ सबक सिखाया जा सके, इसके लिए भारत अपने हथियारों के भंडार को बढ़ाने के साथ ही उसे अपग्रेड करने में भी जुटा है. रूस से ऐसी हाइपरसोनिक मिसाइल ख…और पढ़ें

रूस का R-37M मिसाइल दुनिया के खतरनाक मिसाइलों में से एक है. (फोटो: विकिपीडिया)
हाइलाइट्स
- भारत रूस से हाइपरसोनिक मिसाइल R-37M खरीदने पर विचार कर रहा
- दुनिया की सबसे खतरनाक मिसाइल में से एक, 400 किलोमीटर तक है रेंज
- मैक-6 यानी 7400 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अटैक करने में कैपेबल
नई दिल्ली. पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत ने जिस तरह से रिस्पांस किया उससे पाकिस्तान के साथ ही पूरी दुनिया भी हैरत में पड़ गई. पाकिस्तान के तो होश उड़ गए. आतंकियों के आका ने सपने में भी सोचा था कि आतंकवादियों को पनाह देकर उसके जरिये हमला कराने का इतना बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा. भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर पहले पीओके और पाकिस्तान में मौजूद आतंकी अड्डों को तबाह किया और उसके बाद एक ही झटके में 11 एयरबेस को टारगेट कर व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचाया. भारत के इस प्रचंड प्रहार से पाकिस्तानी सेना के साथ ही सरकार की चूलें हिल गईं. ऑपरेशन सिंदूर में इंडियन एयरफोर्स की भूमिका सबसे अहम रही. वायुसेना के जवानों ने महज कुछ ही मिनटों में पाकिस्तान में तबाह ला दी. खासकर ब्रह्मोस क्रूज सुपरसोनिक मिसाइल ने तो पाकिस्तान के हौसले को ही पंक्चर कर दिया. ब्रह्मोस के वार से पाकिस्तान झट से घुटनों पर आ गया. करोड़ों देशवासियों के साथ ही पूरी दुनिया ने ब्रह्मोस की ताकत और दुश्मनों को तबाह करने की क्षमता को देखा. पाकिस्तान अभी इसकी दहशत में जी रहा है, उधर भारत अपने वेपन सिस्टम में नई और ब्रह्मोस से भी घातक मिसाइल को जोड़ने जा रहा है. नई दिल्ली रूस से R-37M हाइपरसोनिक एयर-टू-एयर मिसाइल खरीदने पर विचार कर रहा है.
R-37M और ब्रह्मोस मिसाइल में कई अंतर हैं.
R-37M हाइपरसोनिक मिसाइल
ब्रह्मोस मिसाइल की गिनती घातक मिसाइल्स में होती है.
R-37M बनाम ब्रह्मोस मिसाइल
मारक क्षमता में बढ़ोतरी
भारत में उत्पादन
भारत को रूस की ओर से R-37M हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल की आपूर्ति की पेशकश की गई है. यह पेशकश न केवल सीधे मिसाइल सप्लाई तक सीमित है, बल्कि इसके तहत मेक इन इंडिया पहल के अंतर्गत भारत में स्थानीय उत्पादन का विकल्प भी शामिल है. रिपोर्ट्स के अनुसार, इस संभावित स्थानीय उत्पादन में हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की भागीदारी हो सकती है. R-37M मिसाइल की विशेषता इसकी लगभग 400 किमी की रेंज और माक 6 की गति है, जिससे यह दुनिया की सबसे लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों में से एक मानी जाती है. इसका लक्ष्य मुख्य रूप से हाई-वैल्यू एरियल एसेट्स (जैसे AWACS, AEW&C और टैंकर विमान) को बड़े स्टैंड-ऑफ डिस्टेंस से निशाना बनाना होता है, जिससे दुश्मन के एयर डिफेंस नेटवर्क को कमजोर किया जा सके.

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