Published On: Mon, Jul 15th, 2024

ब्रह्मा, गणेश, कृष्ण, शिव… 1700 से ज्यादा अवशेष, ASI को भोजशाल में क्या मिला


इंदौर. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को भोजशाला परिसर में सर्वे के दौरान 1700 से ज्यादा अवशेष मिले हैं. भोजशाला के मंदिर होने का दावा करने वाली भोजशाला मुक्ति यज्ञ के पदाधिकारी का दावा है कि सर्वे के दौरान एएसआई को जो अवशेष मिले हैं, वह भोजशाला के मंदिर होने का प्रमाण है। जो 37 मूर्तियां मिली हैं, उनमें भगवान कृष्ण, हनुमान, शिव, ब्रह्मा, वाग देवी, गणेश, पार्वती, भैरवनाथ आदि देवी देवताओं की मूर्तियां शामिल हैं.

एएसआई की ओर से सोमवार को रिपोर्ट मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में पेश कर दी गई है. अब इस मामले पर अगली सुनवाई 22 जुलाई होगी. दरअसल, मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला को हिंदू समुदाय वाग्देवी (देवी सरस्वती) का मंदिर मानता है, जबकि मुस्लिम पक्ष 11वीं सदी के इस स्मारक को कमाल मौला मस्जिद बताता है. यही कारण है कि यहां मंगलवार को पूजा होती है और शुक्रवार को नमाज अता की जाती है.

‘हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस’ नामक संगठन की अर्जी पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 11 मार्च को एएसआई को भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था. इसके बाद एएसआई ने 22 मार्च से इस विवादित परिसर का सर्वेक्षण शुरू किया, जो जो 27 जून तक चला. कुल 98 दिन तक सर्वे हुआ. एएसआई के अनुरोध पर हाईकोर्ट ने 10 दिन का अतिरिक्त समय दिया था.

एएसआई ने सर्वे के दौरान खुदाई कराई, जिसकी वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी की गई. साथ ही इसमें ग्राउंड पेनिट्रेट रडार (जीपीआर) और ग्लोबल सिस्टम (जीपीएस) की सहायता ली गई. भोजशाला को लेकर विवाद शुरू होने के बाद एएसआई ने सात अप्रैल 2003 को एक आदेश जारी किया था.

इस आदेश के अनुसार पिछले 21 साल से चली आ रही व्यवस्था के मुताबिक हिंदुओं को प्रत्येक मंगलवार भोजशाला में पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुस्लिमों को हर शुक्रवार इस जगह नमाज अदा करने की इजाजत दी गई है. ‘हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस’ ने अपनी याचिका में इस व्यवस्था को चुनौती दी है

Tags: Lord Hanuman, Lord Shiva, Madhya Pradesh High Court

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