Published On: Fri, Jun 6th, 2025

बीकानेर पहुंचा अमेरिका का शोध दल… इस ‘कलम’ ने मोहा दिल, अब पूरी दुनिया में होगी इसकी गूंज!


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Bikaner News: बीकानेर की पारंपरिक सुनहरी कलम कला और मथेरण-यति समाज पर अमेरिकी छात्र कर रहे हैं गहन शोध. एमोरी यूनिवर्सिटी के छात्रों ने चित्रकार राम कुमार भादाणी से प्रशिक्षण लिया और जैन तीर्थों का भ्रमण किया. …और पढ़ें

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एमोरी

एमोरी यूनिवर्सिटी अटलांटा , जॉर्जिया, के छात्रों का दल शुक्रवार को बीकानेर पंहुच

हाइलाइट्स

  • अमेरिकी छात्र बीकानेर में सुनहरी कलम कला सीख रहे हैं.
  • एरिक विलालोबास मथेरण और यति समाज पर शोध कर रहे हैं.
  • ज्योति अग्रवाल जैन तीर्थों पर मुगल काल से पहले का शोध कर रही हैं.

बीकानेर. बीकानेर का इतिहास काफी अनूठा है. विदेशी लोग भी यहां की परंपराओं और समाज पर शोध कर रहे हैं. इसी क्रम में अमेरिका के स्टूडेंट भी बीकानेर में विभिन्न समाजों और कला पर शोध कर रहे हैं और स्थानीय लोगों से जानकारी प्राप्त कर रहे हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका के एमोरी यूनिवर्सिटी, अटलांटा, जॉर्जिया के छात्रों का एक दल शुक्रवार को बीकानेर पहुंचा. शोध के विषय को लेकर इस दल ने बीकानेर गोल्डन आर्ट एकेडमी के चित्रकार राम कुमार भादाणी से मुलाकात की.

उन्होंने एक दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान बीकानेर की पारंपरिक सुनहरी कलम कला की बारीकियों को जाना. इसमें उन्होंने गुदराई यानी ऊपर उठाने की तकनीक, सोने के वर्क का प्रयोग, श्याही से रेखांकन और रंगों की भराई की प्रक्रिया को बारीकी से सीखा. उन्होंने एक कलात्मक फोटो फ्रेम बनाकर पूरे कार्य की व्यावहारिक जानकारी प्राप्त की.

मथेरण और यति समाज पर चल रहा शोध
अमेरिका से आए शोधार्थी एरिक विलालोबास पिछले चार वर्षों से मथेरण समाज और यति समाज पर शोध कर रहे हैं. पिछले वर्ष भी जब वे बीकानेर आए थे, तब उन्होंने राम कुमार भादाणी से मथेरण शैली के बादलों पर एक दिवसीय प्रशिक्षण लिया था. उनके साथ आईं ज्योति अग्रवाल, जो दिल्ली की रहने वाली हैं, वह भी अमेरिका से शोध हेतु आई हैं. वे जैन तीर्थों पर मुगल काल से लेकर ब्रिटिश आगमन से पहले के समय तक का शोध कार्य कर रही हैं.

जैन तीर्थ और ग्रंथालय का भ्रमण
दोनों शोधार्थियों को भाण्डाशाह जैन मंदिर, प्राचीन हवेलियों और अभय चंद जैन ग्रंथालय का भ्रमण करवाया गया. फिलहाल वे तीन दिनों के लिए बीकानेर में हैं. वे निकट भविष्य में ज्यादा समय के लिए लौटेंगे और बीकानेर के विभिन्न स्थलों का भ्रमण करेंगे.

भारतीय कला को जीवंत बनाए रखने का प्रयास
चित्रकार राम कुमार भादाणी ने बताया कि वे सुनहरी कलम को भारतीय कला के रूप में जीवंत बनाए रखने के लिए लगातार प्रयासरत हैं. इससे पूर्व वे अमेरिका के स्टूडेंट्स, केंद्रीय विश्वविद्यालय विश्व भारती शांतिनिकेतन, एनआईएफटी, एनआईडी, पीएम श्री नवोदय विद्यालयों सहित कई अन्य महाविद्यालयों में सुनहरी कलम का प्रशिक्षण दे चुके हैं.

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