बिहार से निकलकर बच्चे जाएंगे ISRO और NASA: पहली बार शुरू हो रहा एस्ट्रोनॉमी का कोर्स, 20 करोड़ की लागत; 7 तरह के टेलीस्कोप आएंगे – Patna News

बिहार में पहली बार किसी यूनिवर्सिटी में सूरज, तारे, चांद, ग्रहों, आदि को समझने के लिए एस्ट्रोनॉमी की पढ़ाई शुरू होगी। आर्यभट्ट ज्ञान यूनिवर्सिटी (AKU) में एस्ट्रोनॉमी में पीजी और पीएचडी के साथ ही स्पेस इंजीनियरिंग में एमटेक का कोर्स अगले महीने से शुर
.
यहां से पढ़कर बच्चे ISRO और NASA में जा सकते हैं। इस पूरे कोर्स को शुरू करने में 20 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसमें लैब से लेकर इक्विपमेंट शामिल है।

आर्यभट्ट ज्ञान यूनिवर्सिटी में शुरू होगी एस्ट्रोनॉमी की पढ़ाई
DPR बनकर हुआ तैयार, सरकार को भेजा गया
AKU के रजिस्ट्रार रामजी सिंह ने कहा कि चौथी शताब्दी में आर्यभट्ट ने एस्ट्रोनॉमी पर काफी काम किया था। इस विश्वविद्यालय का नाम महान खगोलविद आर्यभट्ट के नाम पर ही पड़ा हुआ है और हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहते थे कि यहां एस्ट्रोनॉमी की भी पढ़ाई हो।
इसी को ध्यान में रखते हुए हमने पूरा DPR बनाकर सरकार को भेज दिया है। यहां कंसल्टेंट की भी नियुक्ति की गई है। जो इस बैकग्राउंड के लोग हैं, या जो ऐसे लोग हैं जो एस्ट्रोनॉमी में रुचि रखते हैं, वह यहां एडमिशन ले सकेंगे।
हर साल 7% बढ़ रहा एस्ट्रोनॉमी कोर्स का डिमांड
वहीं, एस्ट्रोनॉमी कोर्स के कंसल्टेंट प्रो राजमणि प्रसाद सिन्हा ने बताया कि हर साल इस कोर्स का डिमांड 7% बढ़ रहा है। AKU में इस कोर्स को शुरू करने की कवायद काफी सालों से चल रही थी। फिलहाल शुरुआत में इस कोर्स में 10 सीटें ही होंगी, फिर बाद में सीटों को बढ़ाया जाएगा।
एस्ट्रोनॉमी कोर्स में चार सेमेस्टर होंगे और हर सेमेस्टर की फीस 12 हजार रुपए होगी। इस कोर्स को पढ़ाने के लिए 13 फैकल्टी की टीम फाइनल हो गई है। इसे पढ़ाने के लिए बैंगलोर से भी प्रोफेसर आएंगे।

AKU के रजिस्ट्रार रामजी सिंह ने बताया कि यह नीतीश कुमार का ड्रीम कोर्स है।
इस कोर्स में लगेगी 20 करोड़ की लागत
इस कोर्स को शुरू करने में मीडियम साइज स्पेस ऑब्जर्वेटरी में 7 करोड़ रुपए, स्पेस इंजीनियरिंग के इंस्ट्रूमेंट में 1 करोड़ रुपए, स्पेस साइंस और एस्ट्रोनॉमी लैब में 8 करोड़ रुपए, नए इक्विपमेंट्स के मेंटेनेंस में 50 लाख रुपए, लैब और रिसर्च एक्टिविटी के स्टोर के लिए 50 लाख रुपए, स्पेशलाइज्ड टेक्नीशियन के हायरिंग में 25 लाख रुपए, लैब मेंटेनेंस में 40 लाख रुपए, ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट 30 लाख रुपए, सेंटर में वर्कशॉप/ कॉन्फ्रेंस में 50 लाख रुपए, सपोर्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में 1 करोड़ रुपए, पब्लिक के लिए एग्जीबिशन में 20 लाख रुपए, एनुअल जनरल और क्वार्टरली न्यूज लेटर पब्लिश करने में 15 लाख रुपए का खर्च आएगा।
7 तरह के टेलीस्कोप मंगाए जाएंगे
वहीं, एस्ट्रोनॉमी के पढ़ाई के लिए 7 तरह के टेलीस्कोप मंगाए जाएंगे। इसमें 4″ रिफ्रैक्टिव टेलीस्कोप, 12″ कैटाडियोप्ट्रिक टेलीस्कोप, सोलर टेलीस्कोप, IR टेलिस्कोप, चार्ज कपल्ड डिवाइस, एस्टॉनोमिकल फोटोमीटर और सिंपल रेडियो टेलीस्कोप शामिल है।
प्रो राजमणि प्रसाद सिन्हा ने कहा कि फिलहाल 20 करोड़ बजट है, लेकिन जरूरत अनुसार इसे बढ़ाया भी जाएगा। जिस एजेंसी को लैब बनाने के लिए टेंडर दिया जाएगा, वही पूरे लैब को तैयार करेगा। वहीं, कुछ टेक्नीशियन हमारे ओर से भी बुलाए जाएंगे। अभी तक बिहार के इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट में एस्ट्रोनॉमी की पढ़ाई होती है, मगर वह टेक्निकल बैकग्राउंड की होती है जिसमें रिसर्च का कोई काम नहीं रहता है। AKU में शुरू होने से छात्र डायरेक्ट खगोल विज्ञान के बारे में पढ़ सकेंगे।