Published On: Thu, Dec 12th, 2024

बिहार में नकली साहब: ट्रकों से वसूली कर रहे थे डीटीओ, पेनाल्टी की फर्जी रसीद बुक से खुली पोल


DTO was collecting money from trucks in Aurangabad truth was revealed by fake receipt book of penalty

आरोपी गिरफ्तार
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


औरंगाबाद जिले में जिला परिवहन पदाधिकारी यानी डीटीओ साहब सड़क पर ट्रकों को रोककर उनके कागजातों की जांच कर रहे थे। कमी निकाल कर जुर्माना लगा रहे थे। जुर्माना भी वसूल रहे थे। इसी बीच पुलिस भी उधर से गुजरी। सोंचा साहब को जांच में सहयोग कर देते हैं। इस दौरान पुलिस को साहब द्वारा दी जा रही पेनाल्टी रसीद पर संदेह हो गया। शक होते ही पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। दबोचे जाते ही साहब की पोल खुल गई। डीटीओ साहब फर्जी निकले और साहब ने अपना अपराध भी स्वीकार कर लिया।

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दरअसल, यह वाकया औरंगाबाद के ओबरा थाना क्षेत्र में अरंडा के पास का है। अरंडा गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) संख्या-139 पर वाहनों को रोककर कागजातों की जांच की जा रही थी। डीटीओ साहब ट्रक चालकों पर रौब गांठ रहे थे। खरी-खोटी सुना रहे थे। जुर्माना भी लगा रहे थे और इसकी रसीद भी दे रहे थे। इसी बीच अवैध वसूली के शिकार हुए किसी ट्रक चालक को जुर्माने की रसीद देखकर यह संदेह हुआ कि अब तो परिवहन विभाग द्वारा पेनाल्टी की रसीद हैंड होल्ड पॉस मशीन से निकाल कर दिया जाता है और जुर्माने की राशि बाद में ऑनलाइन भुगतान भी की जाती है। फिर यह पेनाल्टी की दी हुई रसीद जरूर नकली है और उसके साथ धोखा हुआ है। धोखा का भान हाते ही चालक को यह समझ में आ गया कि वह ठगा गया है और पेनाल्टी की रकम लेकर रसीद देने वाला डीटीओ जरूर फर्जी है। इसके बाद उसने पुलिस को अपना पहचान उजागर नहीं करने के आग्रह के साथ मामले की जानकारी देकर आगे बढ़ गया।

नाटकीय तरीके से हुई गिरफ्तारी

सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने भी खेल खेला। पुलिस ने डीटीओ साहब को सहयोग करने का नाटक रचा। एक पुलिस वाले ने साहब को कहा कि इस ट्रक वाले के कागज में कमी है। साहब ने जुर्माना लगाने के लिए अपने पास से पेनाल्टी की रसीद बुक निकाली, जिसे देखते ही पुलिस का शक यकीन में बदल गया कि यह डीटीओ फर्जी है। इसके बाद डीटीओ साहब को रसीद पर जुर्माना की रकम भरने के पहले ही पुलिस ने दबोच लिया। फर्जी डीटीओ साहब की पहचान दाउदनगर थाना क्षेत्र के पसवां गांव निवासी बिंदु कुमार के रूप में की गई है। फर्जी डीटीओ के पास से एक फर्जी रसीद का बुकलेट भी बरामद किया गया, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया। गिरफ्तारी के बाद फर्जी डीटीओ ने अपना अपराध भी स्वीकार कर लिया। उसने पुलिस को बताया कि वह अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर यह काम करीब 5-6 माह से कर रहा है।

ऐसे हुआ राजफाश

इस बारे में दाउदनगर के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) कुमार ऋषिराज ने बताया कि गुप्त सूचना मिली कि कुछ लोग एनएन-139 पर अरंडा गांव के पास ट्रको को रोककर डीटीओ के नाम पर अवैध वसूली कर रहे हैं। तत्काल इसकी सूचना ओबरा थानाध्यक्ष को दी गई। सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते ओबरा थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचे और नाटकीय तरीके से फर्जी डीटीओ को धर दबोंचा। इस दौरान फर्जी डीटीओ के दो सहयोगी भाग निकले। गिरफ्तार फर्जी डीटीओ ने अपना अपराध स्वीकार किया है। उसके पास से अवैध रसीद भी बरामद हुई है। उसने अपने दो अन्य साथियों के नाम भी बताए है, जिन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस विभिन्न संदिग्ध ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही है। जल्द ही फर्जी डीटीओ के सहयोगियों को पुलिस गिरफ्तार कर लेगी। फर्जी डीटीओ ने पुलिस के समक्ष यह भी स्वीकार किया है कि वह यह काम करीब 5-6 माह से कर रहा था। वह गाड़ी चालकों को फर्जी रसीद देकर पैसे वसूलता था। वह प्रत्येक दिन यह काम नहीं करता था। बल्कि कुछ दिनों के अंतराल पर पैसों की वसूली करता था। वह पुलिस की टीम को देखकर हट जाया करता था लेकिन आज वह पुलिस की पकड़ में आ गया।

फर्जी डीटीओ गए जेल

मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर फर्जी डीटीओ को जेल भेज दिया है। पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है। गौरतलब है कि पूर्व में भी एनएच-139 पर सदीपुर डिहरी और अरंडा गांव के पास ट्रकों से अवैध वसूली का मामला सामने आया था। कभी प्रदूषण के नाम पर, कभी डीटीओ के नाम पर तो कभी स्टीकर के नाम पर अवैध वसूली की शिकायत मिलती रही है। ऐसे ही मामले में फर्जी डीटीओ को पकड़ने में पुलिस को यह सफलता मिली।

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