कटिहार के कोढ़ा थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मक्का व्यवसायी ने खुद पर लूट की फर्जी वारदात का नाटक रच पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। इस सनसनीखेज खुलासे ने पुलिस और आमजन को हैरान कर दिया है। आरोपी व्यवसायी धर्मेन्द्र कुमार दास ने शुरुआत में पुलिस को बताया था कि दो बाइक सवार हथियारबंद बदमाशों ने उससे दिनदहाड़े 6 लाख रुपये लूट लिए। मामला सामने आते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। पुलिस अधीक्षक वैभव शर्मा ने तत्काल एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया और मामले की गहराई से जांच के आदेश दिए।
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पुलिस ने सबसे पहले घटनास्थल की बारीकी से जांच की। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई और धर्मेन्द्र से कई चरणों में पूछताछ की गई। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, धर्मेन्द्र के बयान में कई विरोधाभास सामने आने लगे। घटनास्थल पर कोई भी लूट का प्रमाण नहीं मिला। पुलिस की सख्ती और बारीक पड़ताल के आगे धर्मेन्द्र आखिरकार टूट गया और उसने अपना अपराध कबूल कर लिया। उसने बताया कि वह भारी कर्ज में डूबा हुआ था और किसानों को भुगतान करने से बचना चाहता था। इसी दबाव में आकर उसने लूट की झूठी कहानी रची, ताकि वह पैसे न लौटाने के बहाने बना सके।
पुलिस ने धर्मेन्द्र की निशानदेही पर उसके पास से 6 लाख 10 हजार रुपये, एक बैंक चेकबुक और एक मोबाइल फोन बरामद कर लिया है। मामले में अब कानूनी कार्रवाई की जा रही है और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। कटिहार पुलिस अधीक्षक वैभव शर्मा ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह घटना दर्शाती है कि आर्थिक संकट में फंसे लोग किस हद तक जा सकते हैं, लेकिन पुलिस की सतर्कता और वैज्ञानिक जांच के चलते सच्चाई ज्यादा देर तक छिप नहीं सकती। यह मामला न केवल पुलिस की सतर्कता का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कानून से बचने की कोशिश में कोई भी फर्जी कहानी अंततः उजागर हो ही जाती है।