Published On: Mon, Aug 12th, 2024

बिहार में ऑस्ट्रेलिया ने बनाया निवेश का मन; सोलर सेक्टर में दिखाई दिलचस्पी, ऊर्जा मंत्री से मिले कांसुलेट जनरल


बिहार में सोलर ऊर्जा क्षेत्र में संभावनाओं को देखते हुए आस्ट्रेलिया ने निवेश की इच्छा जताई है। सोमवार को ऊर्जा भवन में सूबे के ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव से मुलाकात के दौरान कोलकाता स्थित ऑस्ट्रेलियाई कांसुलेट जनरल (महावाणिज्य दूतावास) ह्यू बॉयलान ने यह इच्छा प्रकट की। मुलाकात के दौरान कॉन्सुलेट जनरल ने आश्वासन दिया कि ऑस्ट्रेलियाई कंपनी जल्दी ही बिहार का दौरा करेगी और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश की बात को आगे बढ़ाएगी।

बॉयलान दो दिन के बिहार दौरे पर हैं। इस दौरान ऊर्जा मंत्री ने उन्हें नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। साथ ही उन नीतियों की भी चर्चा की, जो बिहार में रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में बाहरी पूंजी निवेश के लिए अनुकूल है। इस मुलाकात के दौरान ऊर्जा विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल, एसबीपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक महेंद्र कुमार व एनबीपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक निलेश देवरे भी उपस्थित थे। ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में बिहार में निरंतर विकास के कार्य चल रहे हैं।

ऊर्जा की निरंतर बढ़ रही मांग को देखते हुए पारंपरिक ऊर्जा से इतर रिन्यूएबल एनर्जी के विकल्प पर भी काफी जोर दिया जा रहा है। इस क्षेत्र में पूंजी निवेश को आकर्षित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए गए हैं। खुशी की बात है कि ऑस्ट्रेलिया जैसा देश बिहार में रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में पूंजी निवेश करने के लिए न सिर्फ इच्छुक है, बल्कि व्यवहारिक स्तर पर इस क्षेत्र में बिहार के साथ आगे बढ़ने की संभावना पर भी बातचीत कर रहा है।

मंत्री ने कहा कि उत्तर बिहार में कई नदी, नहर, पोखर और आहर-पईन हैं, जिसमें फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाया जा सकता है। दरभंगा और सुपौल में पहले से दो फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट कमीशन किए जा चुके हैं। वहीं दक्षिण बिहार में कई ऐसे पहाड़ हैं जहां पेड़ नहीं है। ऐसे पहाड़ों पर भी सोलर पावर प्लांट लगाने की संभावनाओं पर हम काम कर रहे हैं।

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ऊर्जा विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने कहा कि बिहार में जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत गैर-परंपरागत बिजली उत्पादन को हर तरह से प्रोत्साहित किया जा रहा है। अब तक 3500 से अधिक सरकारी भवनों पर सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं और अगले दो वर्षों में 9000 सरकारी भवनों पर सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना को स्वीकृति मिल चुकी है। उसी प्रकार सभी पंचायतों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य तेजी से चल रहा है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 16 हजार मेगावाट गैर परंपरागत बिजली का उत्पादन हो सकता है। राज्य में जहां 11 हजार 200 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादित की जा सकती है। वहीं पवन ऊर्जा के माध्यम से 3650 मेगावाट बिजली उत्पादन करने की संभावना है।

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