बिहार में अभी गिर रहे पुल, 8 महीने पहले क्यों नहीं गिरे; जीतनराम मांझी ने साजिश का एंगल डाला

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बिहार में हो रहे ब्रिज हादसों पर पूर्व सीएम एवं केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने साजिश की आशंका जताई है। हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक मांझी ने कहा कि इन दिनों पुल गिरने की घटनाएं लगातार हो रही हैं। मगर गौर करने वाली बात यह है कि 6-8 महीने पहले ऐसी घटनाएं क्यों नहीं हुईं। उन्होंने कहा कि इसमें किसी न किसी तरह की साजिश है। नीतीश सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए। उन्होंने पुल गिरने के पीछे ठेकेदारों को जिम्मेदार ठहराते हुए उनपर घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया। बता दें कि बिहार में बीते 11 दिनों के भीतर अलग-अलग जिलों में पांच सड़क पुल ढह गए।
केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने शनिवार को नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत में बिहार में पुल गिरने की घटनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इसके पीछे ठेकेदार जिम्मेदार हैं। वे घटिया किस्म का मटेरियल इस्तेमाल करते हैं, इसी कारण ये घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने नीतीश सरकार के समर्थन में कहा कि इन घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई की गई है। जो संवेदक हैं उनपर जरूरी एक्शन लिया जा रहा है। पुलों के गिरने से जनता का जो पैसा बर्बाद हुआ है, उसकी वसूली जिम्मेदार लोगों से की जाएगी।
पुल गिरने की घटनाओं के पीछे साजिश वाला एंगल बताकर मांझी ने कहा कि हाल के दिनों में पुल हादसे अचानक लगातार होने लगे हैं। कुछ महीने पहले तक ऐसी घटनाएं क्यों नहीं हो रही थीं। बता दें कि बिहार में 6 महीने पहले महागठबंधन की सरकार थी। हालांकि, उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही थे।
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गौरतलब है कि बिहार में बीते कुछ दिनों के भीतर बारिश के पानी के तेज बहाव की वजह से अलग-अलग जिलों में पुल गिरने के पांच मामले सामने आ चुके हैं। 18 जून को सबसे पहले अररिया में बकरा नदी पर हाल ही में बनाया गया एक पुल गिर गया, जिसका उद्घाटन कुछ ही दिनों में होना था। इसके बाद पूर्वी चंपारण, सीवान, किशनगंज और फिर मधुबनी जिले में भी अलग-अलग जगहों पर छोटे और बड़े पुल पानी में धंस गए।