बिहार के 12 पुल खतरनाक, जांच में चौकाने वाली रिपोर्ट; मंत्री विजय सिन्हा ने दिया यह निर्देश
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बिहार में एक के बाद एक करके दर्जन भर से ज्यादा पुल एक माह के भीतर ध्वस्त हो गए। इससे सरकार की जमकर किरकिरी हुई। लालू, तेजस्वी समेत सभी विपक्षी नेताओं ने सरकार पर हमला किया। पुल हादसों को लेकर नीतीश कुमार की सरकार गंभीर है और राज्य के पुलों का हेल्थकार्ड बनाया जा रहा है। पुलों का हेल्थकार्ड बनाने के लिए पुलों के हो रहे सर्वे कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। अबतक के सर्वे में 12 से अधिक पुल जर्जर पाए गए हैं। इनकी तत्काल मरम्मत की जरूरत है। अगर इसमें देरी हुई तो कोई भी अनहोनी हो सकती है। पुल ध्वस्त हो सकते हैं और जान-माल को खतरा हो सकता है।
सर्वे का कार्य पूरा होने पर राज्य में और जर्जर पुलों की पहचान हो सकती है। हालांकि जो दर्जनभर पुल खस्ताहाल मिले हैं, उन्हें बचाने के लिए पथ निर्माण विभाग इनकी मरम्मत प्रक्रिया में जुट गया है। दरअसल हाल के दिनों में राज्य में कई पुल-पुलिया या तो गिर गए या पानी की तेजधार में बह गए। इनमें कुछ ऐसे भी पुल-पुलिया थे, जिनका निर्माण डेढ़-दो दशक पहले ही हुआ था। पुलों के रखरखाव पर जब सवाल उठने लगे तो पथ निर्माण विभाग ने अपने अधीन के सभी पुलों का सर्वे करने का निर्णय लिया। उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने राज्यभर के पुलों का सर्वे करने का निर्देश दिया। उसी आदेश के आलोक में बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने 30 मीटर से अधिक लंबे पुलों के सर्वे का काम शुरू किया है। अब तक राज्य के आधे यानी आठ सौ से अधिक पुलों के सर्वे कार्य पूरा हो गया है। निगम की कोशिश है कि इस माह के अंत तक सभी 17 सौ पुलों का सर्वे कार्य पूरा हो जाएगा।
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पुलों की सेहत का हो रहा आकलन
निगम अधिकारियों के अनुसार सर्वे में पुलों की सेहत का आकलन किया जा रहा है। इंजीनियरों की टीम यह देख रही है कि पुल कितना पुराना है। जब इसका निर्माण हुआ था तब इसमें कितना वजन सहने की शक्ति थी। वर्तमान में इन पुलों पर दबाव कितना है। अभी इनसे होकर कितनी और किस तरह की गाड़यिां आ-जा रही हैं। गुणवत्ता के हिसाब से इन पुलों की क्या स्थिति है और इसकी किस तरह की मरम्मत की जरूरत है।
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दो श्रेणियों में बांटकर होगी मरम्मत
अब तक हुए सर्वे में तत्काल मरम्मत की दरकार वाले जिन दर्जनभर पुलों की पहचान हुई है, वे दो-ढाई दशक पुराने हैं। अगर इनकी मरम्मत में देरी हुई तो कोई भी अनहोनी हो सकती है। वहीं बाकी पुलों का भी रखरखाव जरूरी है। अधिकारियों के अनुसार पुलों का सर्वे कार्य पूरा होने पर उसकी मरम्मत के लिए श्रेणी तय की जाएगी। पहली श्रेणी में उन पुलों को रखा जाएगा, जिनकी तत्काल मरम्मत की जरूरत है। अन्य श्रेणी में वैसे पुल रखे जाएंगे जिनकी मरम्मत सामान्य रूप से करने की जरूरत है। बरसात अवधि में कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, ताकि इसके बाद पुलों की मरम्मत का कार्य शुरू किया जा सके।