बिहार के पांच जिलों में बाढ़ का खतरा: मुख्यमंत्री ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया; अगले 7 दिनों तक हो सकती है झमाझम बारिश – Patna News
बिहार के कई जिलों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। इसके साथ ही नेपाल में भी भारी बारिश हो रही है। इससे कोसी, बागमती, गंडक, कमला समेत कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे कई जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पश्चिम
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बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सीएम नीतीश ने सभी विभाग के अधिकारियों और जिलाधिकारियों को पूरी तरह अलर्ट रहने का निर्देश दिया है।
मौसम विज्ञान केंद्र ने आज प्रदेश के 31 जिलों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि मानसून टर्फ लाइन बिहार और उत्तर प्रदेश के ऊपर से गुजर रहा है। इसके कारण प्रदेश में अगले 7 दिनों तक कई जिलों में बारिश होने की संभावना है।
बाढ़ के बढ़ते खतरा को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार सोमवार को गंडक बराज का निरीक्षण करने पहुंचे थे।
24 घंटे अलर्ट पर हैं अधिकारी
जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि बिहार में बाढ़ की स्थिति बन गई है। गंडक नदी में उफान है। 2004 के बाद गंडक बराज से पानी छोड़ा गया है। इसलिए तटबंध के आस-पास वाले गांव में पानी घुस गया है। बिहार के इंजीनियर और अधिकारी चौबीस घंटे के अलर्ट पर हैं। किसी भी आकस्मिक घटना से निपटने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से नेपाल में भारी बारिश हो रही है। इससे गंडक के तटबंध और कोसी के जलस्तर में वृद्धि हुई है। तीन-चार दिनों में जलस्तर इतनी बढ़ी है, जो पिछले 15 से 20 सालों में नहीं बढ़ी थी।
गंडक नदी में अचानक आई बाढ़ से पश्चिम चंपारण जिले के योगापट्टी प्रखंड क्षेत्र के जलरपुर खुटवनिया और सिसवा-मंगलपुर पंचायत के 450 से ज्यादा परिवार बाढ़ के पानी में फंस गए।
सुपौल में 5 लाख आबादी प्रभावित
सुपौल में 5 प्रखंड के 27 पंचायतों के करीब 5 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। वहीं बेतिया के योगापट्टी प्रखंड क्षेत्र के जलरपुर खुटवनिया और सिसवा-मंगलपुर पंचायत के 450 से ज्यादा परिवार बाढ़ के पानी में फंस गए। बगहा में नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद हालात खराब है।