Published On: Wed, May 28th, 2025

बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा बिहार: औरंगाबाद को 29,900 करोड़ रुपए की सौगात देंगे प्रधानमंत्री, बढ़ जाएगी सुपर थर्मल पावर की क्षमता – Aurangabad (Bihar) News


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मई को रोहतास के बिक्रमगंज में जनसभा को संबोधित करेंगे। यहां से पीएम 48,000 करोड़ रुपए से अधिक की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। इसमें औरंगाबाद नवीनगर स्थित 2400 मेगावाट की थर्मल पावर प्लांट परियोजना भी शामिल है।

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स्टेज-2 के तहत 800 मेगावाट की तीन नई इकाइयां स्थापित किए जाएंगे। इससे प्लांट की कुल क्षमता बढ़कर 4380 मेगावाट हो जाएगी। इसके बाद नबीनगर सुपर थर्मल पावर प्लांट देश का दूसरा सबसे बड़ा पावर प्लांट के रूप में कृतिमान गढ़ेगा। शिलान्यास के बाद स्टेज 2 का निर्माण जल्द ही शुरू होगा। इससे जुड़ी सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है। हालांकि इस संबंध में एनटीपीसी से जुड़े अधिकारी फिलहाल कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।

बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा बिहार

नबीनगर पावर स्टेशन के स्टेज वन की 660-660 मेगावाट की तीन चालू इकाइयों से 1980 मेगावाट बिजली प्रोडक्शन हो रहा है। इसमें बिहार की हिस्सेदारी 82.5 फीसदी यानि 1634 मेगावाट की है। स्टेज 2 की नई इकाइयों में एयर कूल्ड कंडेनसर सिस्टम लगाया जाएगा। इससे पानी की खपत कम होगी। नई इकाइयां अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी। इस तकनीक में उच्च तापमान और दबाव से बिजली बनाई जाएगी। ऐसे थर्मल एफिशिएंसी बढ़ेगी। स्टेज 2 के पूरा होने के बाद बिहार बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जाएगा।

नबीनगर थर्मल पावर प्लांट।

नबीनगर थर्मल पावर प्लांट।

कोयले के साथ बायो पैलेट्स का होगा उपयोग

जानकारी के अनुसार प्रथम यूनिट से 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। 6-6 महीने के अंतराल पर स्टेज 2 की दूसरी और तीसरी यूनिट से भी बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। स्टेज 2 की तीनों ही यूनिट में कोयले के साथ बायो पैलेट्स का उपयोग होगा। स्टेज 2 के तहत तीनों यूनिट से बिजली उत्पादन शुरू होने के बाद नबीनगर एनटीपीसी देश का दूसरा सबसे बड़ा पावर प्लांट बन जाएगा

वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक प्लांट ने 13792 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया है। प्लांट का लोड फैक्टर 81.07 प्रतिशत रहा है। एनटीपीसी में बिहार सरकार के साथ 1500 मेगावाट का करार किया है। यहां उत्पादित 80% बिजली बिहार में ही खपत होती है। केवल 20% बिजली गुजरात और अन्य राज्यों में बेची जाती है।

जानिए, क्या है यूएससी तकनीक

अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल (यूएससी) तकनीक से कोयले की क्षमता बढ़ती है। सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित यूनिट से बनने वाली बिजली में जितनी कोयले की खपत होती है, उतने कोयले से अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल तकनीक आधारित यूनिट से करीब 12% बिजली का उत्पादन बढ़ जाता है।

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