Published On: Mon, Jul 29th, 2024

बालोतरा की अनीता का दिल अब धड़केगा सीकर के पूजा में, जानें क्या हुआ?


जोधपुर. दुनिया में जन्म लेने वाले हर व्यक्ति की मौत निश्चित है. हर इंसान यह शरीर छोड़कर इस दुनिया से चले जाना है. लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपनी मौत को महोत्सव बना देते हैं. वे इस दुनिया को छोड़कर जाते-जाते भी कई घरों की उम्मीदों को पूरा कर जाते हैं. बालोतरा के सिणधरी इलाके की रहने वाली अनीता भी ऐसी ही शख्सित बन गई है. अनिता रविवार को दुनिया से रुखसत हो गई लेकिन जाने से पहले चार लोगों को जिंदगी दे गई.

दरअसल अनीता का बीते दिनों एक्सीडेंट हो गया था. इस हादसे में अनीता की मासूम बच्ची और वह खुद गंभीर घायल हो गई थी. अनीता को प्राथमिक उपचार के बाद जोधपुर के एम्स में भर्ती करवाया गया था. वहां डॉक्टर्स ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया. अनीता के स्वस्थ होनी की कोई उम्मीद नहीं बची थी. ऐसे में अनीता के पति ठाकराराम और उसके पिता ने यह निर्णय लिया कि अनीता की अंगों को दान करेंगे.

यह अंग किए दान
परिजनों की ओर से सहमति दिए जाने के बाद अनीता के शरीर से उसका हार्ट, दोनों किडनी और लिवर को निकाला गया. उसके बाद हार्ट और एक किडनी को जोधपुर से जयपुर भेजा गया. जबकि एक किडनी और लीवर का जोधपुर के एम्स में प्रत्यारोपण किसी जरुरतमंद को प्रत्यारोपित किया गया.

ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भेजा
अनीता का हार्ट उसके शरीर से निकलने के बाद डॉक्टर्स और जिला प्रशासन ने मिलकर एम्स से जोधपुर एयरपोर्ट तक उसे ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एयरपोर्ट पहुंचाया. वहां से हवाई मार्ग से तुरंत अनिता के हार्ट को एसएमएस अस्पताल जयपुर के लिए रवाना कर दिया गया. उसके बाद जयपुर एयरपोर्ट से एसएमएस तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर यह हार्ट वहां पहुंचाया गया. अनिता का हार्ट सीकर की पूजा सैन को ट्रांसप्लांट किया गया है. पूजा बीते दो साल से ऑर्गन ट्रांसप्लांट की बाट जोह रही थी. 34 साल की पूजा सैन को एसएमएस अस्पताल की बांगड़ इकाई में डॉ. राजकुमार यादव की देखरेख में यह हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया.

एम्स के डॉक्टर्स ने दी प्रेरणा
अनीता के अंगदान करने को लेकर एम्स के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ. गोवर्धन दत्त पुरी ने उसके परिजनों से बात की. उन्होंने बताया कि उन्होंने अनीता के ब्रेन डेड को लेकर दो बार जांच की और दोनों एक बार रिजल्ट नेगेटिव आए. इसके बाद उन्होंने अनीता के पति और पिता से बात कर उन्हें समझाया कि अनीता ब्रेन डेड हो चुकी है. अनीता के शरीर में अन्य अंग काम करना बंद कर दे उससे पहले उन्हें दान कर देना चाहिए. सलाह को मानते हुए उनके परिवार ने इसकी सहमति दे दी.

चार लोगों को जीवन देने के लिए काम आएंगे
डॉक्टर गोवर्धन दत्त पुरी ने बताया कि अनीता के ये अंग चार लोगों को जीवन देने के लिए काम आएंगे. इससे पहले भी एक ब्रेन डेड मैरिज के परिजनों ने अंगदान किए थे. तब भी वे अंग जयपुर भेजे गए थे. इसके अलावा एक बार बाहर से जोधपुर किडनी लाई गई थी. वह यहां पर प्रत्यारोपित की गई थी.

(इनपुट- हितेन्द्र शर्मा)

Tags: Jodhpur News, Organ Donation, Rajasthan news

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