बायोगैस से किसानों की उन्नति, पर्यावरण का भी संरक्षण: पशुपालकों के लिए भी किफायती, पैसों की बचत के साथ जानमाल के नुकसान से निजात – Nalanda News
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में एक क्रांतिकारी परिवर्तन की ओर इशारा करते हुए, बायोगैस प्लांट न केवल किसानों को आर्थिक लाभ प्रदान कर रहा है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
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बिहारशरीफ प्रखण्ड के दीपनगर के निवासी किसान सुरेंद्र राम ने इस नवीन तकनीक के लाभों पर प्रकाश डाला है। उन्होंने बताया कि फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (एफपीओ) के माध्यम से बायोगैस प्लांट लगाने की योजना किसानों के लिए वास्तव में एक वरदान साबित हो रही है।
बाजार में बायोगैस प्लांट का मूल्य लगभग 40,000 रुपए है, लेकिन एफपीओ के तहत किसानों को केवल 15,000 रुपए का निवेश करना पड़ता है। यह तकनीक इतनी सरल है कि दो-तीन पशु रखने वाले छोटे किसान भी इसका लाभ उठा सकते हैं।
बायोगैस प्लांट के संदर्भ में जानकारी देते किसान सुरेंद्र राम।
सुरेंद्र राम ने रेखांकित किए इस प्रणाली के कई फायदे
– पारंपरिक गैस सिलेंडर पर निर्भरता कम होती है।
– एक दिन में 40 किलो गोबर का उपयोग करके गैस उत्पादन।
– निकलने वाला अपशिष्ट पदार्थ जैविक खाद के रूप में उपयोगी।
– फसल उत्पादकता में दोगुना से त्रिगुना तक वृद्धि।
स्थान और सुरक्षा
नई तकनीक से लैस मात्र 8×10 फीट के क्षेत्रफल में स्थापित किया जाने वाला यह बायोगैस प्लांट, जमीन के भीतर या ऊपर दोनों जगह स्थापित हो सकता है। सुरक्षा के मामले में भी यह एलपीजी गैस से काफी बेहतर माना जा रहा है। गैस लीक या अन्य समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। पैसों की बचत के साथ साथ जानमाल का भी इसमें नुकसान न के बराबर है।
पर्यावरण अनुकूल समाधान
स्वच्छता अभियान के तहत चलाई जा रही इस योजना ने न केवल किसानों की आय में वृद्धि की है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में एक नए मॉडल की नींव भी रखी है।
यह तकनीक भारत के ग्रामीण विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है, जो टिकाऊ विकास और किसान कल्याण के लक्ष्य को एक साथ संबोधित करती है।