बाढ़ नियंत्रण को बजट से मिले 11500 करोड़, बिहार की समस्या पर नेपाल से बात करेगी भारत सरकार

ऐप पर पढ़ें
बिहार लगातार बाढ़ की समस्या से दो-चार होता रहता है। इन समस्याओं की अधिकतर वजहें बिहार के बाहरी हिस्सों में मौजूद हैं। निर्मला सीतारमण ने आगे अपनी बात रखते हुए कहा कि नेपाल में बाढ़ नियंत्रण सरंचनाएं बनाने की योजना अभी तक आगे नहीं बढ़ पाई है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बाढ़ नियंत्रण के लिए 11500 करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा की है। इस फंड के जरिए कोसी-मेची नदी जोड़ो परियोजनाओं की तरह 20 अन्य परियोजनाएं पूरी की जाएंगी।
इस फंड की मदद से नई तथा पहले से चल रही योजनाएं पूरी की जाएंगी। इन योजनाओं में नदी का प्रदूषण कम करने, सिचाई परियोजनाओं को बढ़ावा देने जैसी कारगर योजनाएं शामिल हैं।बिहार में बाढ़ के दौरान हर साल लाखों-करोड़ों रुपये खर्च हो जाते हैं। इससे जन-धन दोनो की बहुत हानी होती है। लोगों को भारी संख्या में पलायन करना पड़ता है। उनकी खेत-खलिहान नष्ट हो जाते हैं। जो लोग अपने आपको सुरक्षित स्थानों पर सही समय पर नहीं ले जा पाते हैं उन लोगों की मौत भी हो जाती है। इस जन-धन की हानी को बचाने के लिए केंद्र सरकार ने नेपाल से बात करके समाधान निकालने की बात कही है।
केंद्र सरकार बाढ़ को नियंत्रित करने के लिए बाढ़ प्रभावी कदम उठाने के मूड में है। इसके लिए वह नेपाल से बात करने के लिए तैयार है, क्योंकि बिहार के कई नदियों में नेपाल से बहकर पानी आता है। तेज बारिश के दिनों में इन नदियों की हालत बेहद खराब हो जाती है। इनमें तेज बहाव वाला पानी बहने लगता है। इससे कई इलाकों में अचानक बाढ़ आने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। तटबंध, डैम या दूसरी बाढ़रोधी आधारभूत संरचनाओं की मदद से बिहार में बाढ़ के पानी को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने 11500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इस राशी से बिहार की आम जनता को भीषण बाढ़ के प्रकोप से छुटकारा मिलने की उम्मीद दिखाई पड़ रही है।