बाड़मेर जिला अस्पताल के इंटर्न डॉक्टरों की हड़ताल, स्वास्थ्य सेवाओं पर छाया संकट, ये है मांग

बाड़मेर. इंटर्न डॉक्टरों को 8 माह से स्टाइपेंड नहीं मिला है ऐसे में सरहदी बाड़मेर जिला मेडिकल कॉलेज के इंटर्न डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. डॉक्टरों ने अपनी मांगों के समर्थन में काम बंद कर दिया है. हड़ताल के कारण मरीजों को परेशानीयों का सामना करना पड़ रहा है. करीब 96 इंटर्न डॉक्टरों को 8 माह से स्टाइपेंड नहीं मिला है.
सरहदी बाड़मेर जिला अस्पताल में कार्यरत मेडिकल कॉलेज के 96 इंटर्न डॉक्टरों की ओर से स्टाइपेंड नहीं मिलने के कारण कार्य बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन किया गया है. इंटर्न डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि जब तक स्टाइपेंड खातों में जमा नहीं होता है तब तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा. डॉक्टरों का कहना है कि बिना वेतन के रोजमर्रा की जिंदगी में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि स्थिति ऐसी शर्मनाक बन गई है कि डॉक्टर बनने के बावजूद घरवालों से खाने तक के रुपये मंगवाने पड़ रहे हैं.
1.50 लाख रुपये प्रति इंटर्न बकाया
बाड़मेर इंटर्न डॉक्टर एसोसिएशन के बैनर तले यह प्रदर्शन किया गया है. जिला अस्पताल में कार्यरत कॉलेज के 96 इंटर्न डॉक्टरों ने नारेबाजी की और प्रदर्शन किया. इसके बाद उन्होंने जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ बीएल मंसुरिया को ज्ञापन सौंपकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहने की चेतावनी दी है. डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. इंटर्न डॉक्टरों की मांग है कि हमें बीते 8 माह से काम के बदले सैलरी नहीं मिल रही है. प्रशासन व सरकार को कई बार लिखित व मौखिक बताने के बावजूद स्टाइपेंड का भुगतान नहीं किया गया है. इंटर्न कर रही डॉ नेहा शर्मा के मुताबिक एनओसी लेने के बाद भी स्टाइपेंड नहीं दिया जा रहा है. पिछले 8 महीने से यह बकाया चल रहा है. उन्होंने कहा कि 8 माह का करीब 1.50 लाख रुपये प्रति इंटर्न कर ही एमबीबीएस स्टूडेंट्स का बकाया पड़ा है. वहीं डॉ हर्षिता के मुताबिक पाली, भीलवाड़ा, चुरू सहित अन्य जिलों में कॉलेज में बजट आने के साथ इंटर्न को स्टाइपेंड मिल चुका है जबकि बाड़मेर कॉलेज प्रशासन द्वारा हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है.
FIRST PUBLISHED : November 8, 2024, 15:45 IST