बाड़मेर के एक गांव की चटपटी कहानी, पानी की गगर से लेकर शर्मिंदगी का गागरिया,नाम लेते छूटती है हंसी

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बाड़मेर के एक गांव का नाम सुनते ही चेहरे पर मुस्कान तैर जाती है. महिलाओं के पहनने वाले घाघरे से मिलने वाले गागरिया गांव के नाम पर कई लोग शर्म से पानी पानी हो जाते है. दरअसल इस गांव के नाम के पीछे भी पानी ही है.

गागरिया गांव
हाइलाइट्स
- गागरिया गांव का नाम पानी की गगरियों से पड़ा.
- गागरिया गांव बाड़मेर से 70 किमी दूर स्थित है.
- गागरिया गांव की जनसंख्या लगभग 1500 है.
बाड़मेर. भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे बाड़मेर के एक गांव का नाम सुनते ही चेहरे पर मुस्कान तैर जाती है. महिलाओं के पहनने वाले घाघरे से मिलने वाले गागरिया गांव के नाम पर कई लोग शर्म से पानी पानी हो जाते है. दरअसल इस गांव के नाम के पीछे भी पानी ही है. पश्चिम राजस्थान के सरहदी बाड़मेर में एक गांव ऐसा भी है जिसका नाम सुनकर चेहरे पर मुस्कान और कभी-कभी शर्मिंदगी भी छा जाती है… जी हाँ, बात हो रही है गागरिया गाँव की जिसका नाम पड़ा पानी की गगरियों से. अब ये कोई घाघरे-वाघरे की बात नहीं बल्कि पानी की गगरियों का कमाल है. यहीं से इस गांव को मिला इसका अनोखा नाम गागरिया…
साल 1900 में जोधपुर से सदीपल्ली (अब पाकिस्तान) के बीच रेल सेवा शुरू हुई थी. बाड़मेर से निकलने के बाद जब रेल रामसर से आगे बढ़ती थी. तो इसी जगह पर पानी की गगरिया रखी जाती थी जिन्हें ट्रेन के साथ चलने वाली पानी की टंकियो से भरा जाता था. इन्ही गगरियों की वजह से गांव का नाम गागरिया पड़ गया.
पानी की गगरी के कारण नाम पड़ा गागरिया
यहां के ग्रामीण बताते है कि पानी की समस्याओं की वजह से पड़े इस नाम को गांव वालों ने बदलने की खूब कोशिश की लेकिन जब एक बार नाम जुबान पर चढ़ गया तो फिर इसने उतरने का नाम ही नही लिया है. वही गांव के ही गफूर खान बताते है कि बरसों पुराने पानी के गगर की वजह से इसका नाम गागरिया पड़ा है.
बाड़मेर से भारत-पाकिस्तान अंतराष्ट्रीय बॉर्डर जाने वाले पर्यटक भी इस गांव के नाम को सुनकर मुस्कुराए बिना नहीं रह पाते है और कुछ लोग तो शर्मिंदगी भी महसूस करते हैं, क्योंकि यह नाम महिलाओं के घाघरे से मिलता-जुलता है.
यहां स्थित है गागरिया
गागरिया सरहदी बाड़मेर जिले का एक गांव है जोकि बाड़मेर जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर स्थित है. यह रामसर तहसील मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर है. यहां बाड़मेर जिला मुख्यालय से पहुंचने के लिए बस व ट्रेन से पहुंचा जा सकता है. यह भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के नजदीक स्थित होने की वजह से यह प्रतिबंध क्षेत्र में आता है. इसकी जनसंख्या करीबन 1500 है.
एक दशक से डिजिटल जर्नलिज्म में सक्रिय. दिसंबर 2020 से News18Hindi के साथ सफर शुरू. न्यूज18 हिन्दी से पहले लोकमत, हिन्दुस्तान, राजस्थान पत्रिका, इंडिया न्यूज की वेबसाइट में रिपोर्टिंग, इलेक्शन, खेल और विभिन्न डे…और पढ़ें
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