Published On: Mon, Aug 12th, 2024

बांग्लादेश में हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा में हाथ सेंक रहा लश्कर-ए-तैयबा, ABT से मिलाया हाथ; खुफिया सूत्रों का दावा


बांग्लादेश में फैली अराजकता के बीच अल्पसंख्यक हिंदू समुदायों पर हो रहे हमलों के पीछे दूसरे पड़ोसी देश पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है। खुफिया सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है और कहा है कि भले ही बांग्लादेश में अराजकता और आंदोलन वहां के छात्रों ने शुरू किया हो लेकिन उसकी आड़ में पाकिस्तानी आतंकी संगठन अपने मंसूबों को अंजाम देने में जुटा है। उसका सॉफ्ट टारगेट बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय हैं। इतना ही नहीं अब उसकी नजर भारत के पूर्वोत्तर राज्यों पर है। बांग्लादेश में फैली मौजूदा अराजक स्थितियों ने पूर्वोत्तर भारत में आतंकी खतरे की घंटी बजा दी है।

खुफिया सूत्रों के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में आंतकी हमलों को अंजाम देने के लिए बांग्लादेश के अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) से हाथ मिलाया है। इसके अलावा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार को हटाने के अभियान में अहम भूमिका निभाई है। सूत्रों के मुताबिक ISI की संलिप्तता ABT और जमात-ए-इस्लामी जैसे प्रतिबंधित संगठनों को हर तरह से मदद पहुंचाने में रही है।

बता दें कि लश्कर-ए-तैयबा और ABT ने साल 2022 में ही हाथ मिलाया था। तब दोनों ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में हमले करने के लिए बंगाल में बेस कैम्प स्थापित किया था। कहा जाता है कि त्रिपुरा में मस्जिदों को नुकसान पहुंचाने की घटना के बाद से ही लश्कर और एबीटी ने हाथ मिलाए हैं, ताकि हिन्दू बहुल इलाकों में धमाका कर सके और हिन्दुओं को निशाना बना सके। साल 2022 में भी खुफिया एजेंसियों को इनपुट मिले थे कि ABT के करीब 100 कैडर त्रिपुरा में घुसपैठ करने की फिराक में हैं और इसकी योजना बना रहे हैं। 

क्या है अंसारुल्लाह बांग्ला टीम?

अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) बांग्लादेश में सक्रिय एक इस्लामी आतंकवादी समूह है। मूल रूप से इसकी स्थापना 2007 में जमात उल-मुस्लिमीन के रूप में एनजीओ फंडिंग के लिए साथ हुई थी लेकिन आर्थिक परेशानियों के कारण यह कुंद हो गया लेकिन 2013 में यह अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) संगठन के रूप में फिर से सक्रिय हुआ। 2015 में जब इस पर प्रतिबंध लगा तो इसने अपना नाम अंसार अल-इस्लाम कर लिया। इसके बाद 2017 में फिर से यह प्रतिबंधित कर दिया गया।

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अंसार अल-इस्लाम ने अब खुद को भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (AQIS) की बांग्लादेशी शाखा के रूप में स्थापित कर लिया है, जो बांग्लादेश में प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष विचारों की वकालत करने वालों की हत्याओं के लिए जिम्मेदार है। साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल के अनुसार, 2013 से अब तक बांग्लादेश में ABT/अंसार अल-इस्लाम के लगभग 425 सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है। यह इस बात को रेखांकित करता है कि धीरे-धीरे इस संगठन ने कैसे अपनी जड़ें जमा ली हैं। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना एबीटी जैसे आतंकी संगठनों पर नकेल कसने के लिए कई कदम उठाए थे।

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