बांग्लादेश में फंसे कश्मीरी छात्रों पर महबूबा ने जताई चिंता: कहा- स्टूडेंट्स के पेरेंट्स परेशान, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बोले- हम उनके संपर्क में हैं
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नई दिल्ली7 घंटे पहले
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बांग्लादेश में जारी हिंसा में भारत के कई राज्यों के लोग फंसे हुए हैं।
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ हफ्ते भर से जारी विरोध-प्रदर्शन अब उग्र हो गया है। इस बीच विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि, ‘हम बांग्लादेश में रह रहे भारतीय लोगों को हाई कमिशन के संपर्क में रहने और जरूरी मदद देने के लिए ट्रैवेल एडवाइजरी जारी कर चुके हैं।’
प्रवक्ता ने बताया कि, ‘विरोध प्रदर्शन के बीच बांग्लादेश में भारत के लगभग साढ़े 8 हजार स्टूडेंट्स और 15,000 भारतीय नागरिक रहते हैं। विदेश मंत्री खुद स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। बांग्लादेश में हमारी हाई कमिशन स्थिति पर लगातार अपडेट भी जारी कर रहा है। बांग्लादेश में रहने वाले सभी भारतीय नागरिकों से संपर्क में रहने का अनुरोध कर रहे हैं। हम अपने नागरिकों को हर संभव मदद देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। फिलहाल हमारे सभी नागरिक सुरक्षित हैं।’
महबूबा बोली- विदेश मंत्री कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करें
बांग्लादेश में जारी हिंसा के बाद वहां से भारतीय लोगों का पलायन शुरू हो गया है। इस पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से बांग्लादेश में फंसे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है। महबूबा मुफ्ती ने एक सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा कि बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन के चलते राजनीतिक उथल-पुथल बढ़ गयी है।
उन्होंने विदेश मंत्री से तत्काल मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि पड़ोसी देश में इंटरनेट बंद होने से स्टूडेंट्स के पेरेंट्स की चिंता बढ़ गई है।
विदेश मंत्रालय हालत पर लगातार नजर बनाए हुए हैं
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार (19 जुलाई) को कहा कि भारत सरकार हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है। बांग्लादेश में फंसे भारतीय नागरिक ढाका में भारतीय हाई कमीशन के निर्देशों का पालन करें।
नागरिकों की सहायता के लिए हाई कमीशन ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। प्रदर्शनों को देखते हुए भारत में बांग्लादेश हाई कमीशन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
प्रदर्शन में अब तक 39 लोगों की मौत
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ हफ्ते भर से जारी विरोध-प्रदर्शन अब उग्र हो गया है। प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार शाम बांग्लादेश के मुख्य सरकारी टीवी चैनल BTV के मुख्यालय में आग लगा दी। AFP की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार शाम को सैकड़ों प्रदर्शनकारी BTV ऑफिस के कैंपस में घुस आए और 60 से ज्यादा गाड़ियां भी फूंक दीं।
ढाका में सरकारी टीवी चैनल BTV में घुसते हुए प्रदर्शनकारी
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कल ही BTV को इंटरव्यू दिया था। छात्रों और पुलिस के बीच गुरुवार को हिंसक झड़पें भी हुईं। PTI की रिपोर्ट के मुताबिक हिंसा में गुरुवार को कम से कम 18 लोगों की मौत हुई। इसके अलावा 2500 से अधिक लोग घायल हुए। प्रदर्शन शुरू होने के बाद से कम से कम 39 लोगों की मौत हुई है।
छात्रों ने प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों के शवों के सामने प्रदर्शन किया।
बांग्लादेश में जारी हिंसा के बाद वहां से भारतीय लोगों का पलायन शुरू हो गया है। न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि हिंसा के बाद वहां फंसे 300 से अधिक भारतीय, नेपाली और भूटानी नागरिक मेघालय पहुंच गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से भड़की हिंसा
बांग्लादेश 1971 में आजाद हुआ और इसी साल से वहां पर 56 फीसदी कोटा सिस्टम लागू हो गया था। इसमें स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को नौकरी में 30%, पिछड़े जिलों के लिए 10%, महिलाओं के लिए 10%, अल्पसंख्यकों के लिए 5% और 1% विकलांगों को दिया गया। इस हिसाब से सरकारी नौकरियों में 56% आरक्षण है।
साल 2018 में 4 महीने तक छात्रों के प्रदर्शन के बाद हसीना सरकार ने कोटा सिस्टम खत्म कर दिया था, लेकिन बीते महीने 5 जून को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फिर से आरक्षण लागू करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि 2018 से पहले जैसे आरक्षण मिलता था, उसे फिर से उसी तरह लागू किया जाए।
शेख हसीना सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अपील भी की मगर सुप्रीम कोर्ट ने अपना पुराना फैसला बरकरार रखा। इससे छात्र नाराज हो गए। अब इसी के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन हो रहा है।
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बांग्लादेश में पिछले 5 दिनों से आरक्षण खत्म करने की मांग को विरोध प्रदर्शन जारी है। इस प्रदर्शन ने अब हिंसक रूप ले लिया है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इसको रोकने के लिए सड़कों पर सेना को तैनात कर दिया है। पुलिस के साथ झड़प में 6 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, 400 से ज्यादा प्रदर्शनकारी घायल बताए जा रहे हैं।
हालात इतने ज्यादा खराब हो गए हैं कि ढाका सहित बांग्लादेश के अलग-अलग शहरों में शिक्षण संस्थानों को अनिश्चित काल तक के लिए बंद कर दिया गया है। पूरी खबर पढ़ें…