Published On: Sun, Dec 8th, 2024

बांग्लादेशी सैनिक असम में घुसे: मंदिर निर्माण रोका, BSF की सख्ती पर लौटे; तीन दिन से बॉर्डर पर तनाव


गुवाहाटी32 मिनट पहले

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परिसर में दो मंदिर हैं। मां मनसा, पशुपतिनाथ का। देवी मंदिर के निर्माण का विरोध है। - Dainik Bhaskar

परिसर में दो मंदिर हैं। मां मनसा, पशुपतिनाथ का। देवी मंदिर के निर्माण का विरोध है।

असम में बांग्लादेश से सटी सीमा पर बीते तीन दिन से तनाव है। बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड (बीजीबी) कुशियारा नदी के इस तरफ यानी भारतीय सीमा में बन रहे एक मंदिर पर नजर गढ़ाए हुए हैं। हालांकि इन्हें जवाब देने के लिए हमारे बीएसएफ जवान भी मुस्तैदी से खड़े हैं।

मामला असम के श्रीभूमि का है। इस इलाके में कुशियारा नदी ही दोनों देशों की सीमा रेखा है और नदी के दोनों ओर 150 मी. का इलाका नो मेंस लैंड है। यहां जाने या किसी भी तरह के निर्माण के पहले अनुमति लेनी होती है।

5 दिसंबर को नदी पार असम में घुसे थे बांग्लादेशी सैनिक 5 दिसंबर को बांग्लादेश के सिलहट डिवीजन के जाकीगंज पॉइंट पर तैनात बीजीबी जवानों की टीम नदी पार कर श्रीभूमि में घुस आई। यहां नदी किनारे फॉरेस्ट रोड पर स्थानीय लोग मां मनसा देवी के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार करा रहे हैं। बीजीबी ने मजदूरों को धमकाकर काम रुकवा दिया।

मंदिर संचालन समिति के एक सदस्य ने भास्कर को बताया कि बीएसएफ को घुसपैठ की सूचना दी। तत्काल मौके पर पहुंची बीएसएफ टीम ने बीजीबी जवानों को दो टूक समझाया कि मंदिर नो मेंस लैंड से दूर है, लौट जाएं। लेकिन, वो नहीं माने।

बाद में बीजीबी अफसरों को बुलाया गया और उसी शाम को श्रीभूमि के सीमा बिंदु पर कमांडेंट स्तर की फ्लैग मीटिंग हुई। दोबारा बिना बताए बॉर्डर क्रॉस न करने की सख्त हिदायत दी गई। इसके बाद बीजीबी जवान लौटे।

श्रीभूमि जिले की 94 किमी सीमा बांग्लादेश से सटी फिलहाल बीएसएफ की निगरानी में मंदिर निर्माण जारी है। बता दें कि श्रीभूमि जिले की 94 किमी सीमा बांग्लादेश से सटी है। इसमें से 43 किमी का क्षेत्र नदी किनारा है। जबकि अंतरराष्ट्रीय सीमा के 4 किमी क्षेत्र में फेंसिंग नहीं हुई है।

बांग्लादेश में एक बार फिर इस्कॉन मंदिर निशाने पर बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने एक बार फिर इस्कॉन मंदिर को निशाना बनाया है। शनिवार को राजधानी ढाका में इस्कॉन मंदिर में आग लगा दी गई। कोलकाता इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने PTI को बताया कि बांग्लादेश में लगातार वैष्णव सम्प्रदाय और इस्कॉन सदस्यों को टारगेट कर हमले किए जा रहे हैं।

राधारमण दास ने X पोस्ट में लिखा- बांग्लादेश में एक और इस्कॉन नमहट्टा सेंटर को जला दिया गया। हमले में श्री श्री लक्ष्मी नारायण देवता की मूर्तियों समेत मंदिर का सामान पूरी तरह से जल गया। शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात 2-3 बजे के बीच उपद्रवियों ने ढाका में मौजूद श्री श्री राधा कृष्ण मंदिर और श्री श्री महाभाग्य लक्ष्मी नारायण मंदिर में आग लगा दी।

उन्होंने आरोप लगाया कि उपद्रवियों ने मंदिर में आग लगाने के लिए पेट्रोल या ऑक्टेन का इस्तेमाल किया। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से हमारी अपील के बाद भी, पुलिस इन हमलों से निपटने के लिए कोई खास कदम नहीं उठा रही है।

बांग्लादेश में हमारी उम्मीद से एकदम उलट तस्वीर राधारमण दास ने ANI से कहा- हम उम्मीद कर रहे थे अब हिंसा कम होगी, दो दिन में हिंसा कुछ कम भी हुई थी, लेकिन आज हुई घटना बहुत दुखद है। अंतरिम सरकार के प्रमुख ने अल्पसंख्यक समूहों के प्रमुखों से मुलाकात भी की थी। इसके बाद हम लोग हालात में बदलाव की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन अब जो देख रहे हैं वो एकदम अलग ही तस्वीर है।

मेरे पास और भी कई वीडियो आए हैं, जिसमें कुछ लोग धमकी देते हुए कह रहे हैं कि अगर सरकार इस्कॉन को बैन नहीं करेगी तो हम खुद इस्कॉन के लोगों की हत्या करना शुरू करेंगे। सरकार को ऐसे लोगों को जल्द गिरफ्तार करना चाहिए।

भारतीय केंद्रीय मंत्री की दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पश्चिम बंगाल BJP अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने X पोस्ट में कहा- बांग्लादेश के ढाका में इस्कॉन नमहट्टा सेंटर पर हमले की कड़ी निंदा करता हूं, जिसमें श्री श्री लक्ष्मी नारायण के विग्रह और मंदिर का सामान जल गया। दोषियों को कटघरे में लाने और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।

इस्कॉन पर बैन लगाने के लिए केस भी दायर बांग्लादेश में 5 अगस्त, 2024 को शेख हसीना सरकार गिरने के बाद हिंदू आबादी निशाने पर है। मंदिरों पर हमले हो रहे हैं। हिंदू नेताओं को धमकियां मिल रही हैं। इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास देशद्रोह के आरोप में 25 नवंबर से पुलिस हिरासत में हैं।

कट्‌टरपंथी मुस्लिम इस्कॉन पर बैन लगाना चाहते हैं। चट्टोग्राम में 2 केस भी दायर हुए हैं।

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