बदल सकता है जोधपुर एयरपोर्ट का नाम, मिले दो ऑप्शन, एक करणी माता तो दूसरा इस महराज का नाम

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जोधपुर एयरपोर्ट का नामकरण विवाद में आ गया है. मारवाड़ नागरिक परिषद ने विधि मंत्री जोगाराम पटेल से मुलाकात की. उन्होंने एयरपोर्ट का नाम महाराजा उम्मेद सिंह के नाम पर करने की मांग की है. जबकि दूसरा पक्ष करणी माता…और पढ़ें

एयरपोर्ट के नाम को बदलने का आया प्रस्ताव (इमेज- फाइल फोटो)
राजस्थान के जोधपुर में इन दिनों एक नया विवाद सुर्खियों में है. जोधपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम बदलने को लेकर दो पक्ष आमने-सामने हैं. एक पक्ष चाहता है कि एयरपोर्ट का नाम आधुनिक जोधपुर के निर्माता और एविएशन के प्रणेता महाराजा उम्मेद सिंह के नाम पर हो, जबकि दूसरा पक्ष इस क्षेत्र की कुलदेवी माता करणी के नाम की वकालत कर रहा है. इस मुद्दे ने न केवल स्थानीय समुदाय बल्कि राजनीतिक और सामाजिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है. मारवाड़ नागरिक परिषद ने इस मामले को गंभीरता से उठाते हुए गुरुवार को संसदीय और विधि मंत्री जोगाराम पटेल से मुलाकात की और महाराजा उम्मेद सिंह के नाम पर नामकरण की मांग की. इसके साथ ही, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भी एक ज्ञापन सौंपा गया.
मारवाड़ नागरिक परिषद के मुख्य संरक्षक और पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. नारायण सिंह माणकलाव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने विधि मंत्री जोगाराम पटेल से मुलाकात की. इस दौरान परिषद ने तर्क दिया कि महाराजा उम्मेद सिंह ने 1924 में जोधपुर में पहली हवाई पट्टी बनवाकर और 1931 में जोधपुर फ्लाइंग क्लब की स्थापना करके मारवाड़ में एविएशन की नींव रखी थी. उन्होंने जोधपुर को अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवाओं से जोड़ा और स्वयं एक कुशल पायलट के रूप में भारतीय वायुसेना के पहले एयर वाइस मार्शल बने. परिषद ने कहा कि 1936 तक जोधपुर एयरपोर्ट एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन चुका था, जहां से लंदन तक उड़ानें संचालित होती थीं. इस योगदान को देखते हुए एयरपोर्ट का नाम महाराजा उम्मेद सिंह के नाम पर करना उचित होगा.
दूसरा पक्ष भी अड़ा
दूसरी ओर, कुछ संगठन और स्थानीय लोग जोधपुर एयरपोर्ट का नाम माता करणी के नाम पर करने की मांग कर रहे हैं. उनका तर्क है कि करणी माता मारवाड़ की कुलदेवी हैं और उनकी आध्यात्मिक शक्ति और पर्यावरण संरक्षण के प्रति योगदान को सम्मान देने के लिए यह नामकरण उपयुक्त होगा. सोशल मीडिया पर इस मांग को लेकर चर्चा जोरों पर है, जहां कुछ लोग इसे सामाजिक एकता का प्रतीक मान रहे हैं. उदाहरण के लिए, एक यूजर ने लिखा, “महाराजा उम्मेद सिंह की हवाई सौगात को नहीं भुलाया जा सकता लेकिन माता करणी के पर्यावरण संरक्षण के बलिदान को भी सम्मान देना चाहिए.” यह मांग कोई नई नहीं है. 2023 में भी मारवाड़ नागरिक मंच ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को ज्ञापन सौंपकर जोधपुर एयरपोर्ट का नाम महाराजा उम्मेद सिंह के नाम पर करने की मांग की थी. उस समय यह तर्क दिया गया था कि महाराजा ने 1924-25 में जोधपुर और उत्तरलाई (बाड़मेर) में हवाई अड्डे बनवाए, जो आज भी भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयरबेस है. इसके अलावा, जोधपुर रियासत ने 1947 तक हवाई क्षेत्र में 1 करोड़ 4 लाख रुपये से अधिक का निवेश किया था.

न्यूज 18 में बतौर सीनियर सब एडिटर काम कर रही हूं. रीजनल सेक्शन के तहत राज्यों में हो रही उन घटनाओं से आपको रूबरू करवाना मकसद है, जिसे सोशल मीडिया पर पसंद किया जा रहा है. ताकि कोई वायरल कंटेंट आपसे छूट ना जाए.
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