Published On: Mon, Jul 15th, 2024

बढ़ते दामों के बीच राहत: 20 से भी ज्यादा दिन सुरक्षित रख पाएंगे इन किस्मों के टमाटर; इस संकट पर भी लगेगी लगाम


Hybrid varieties of tomatoes developed by ICAR raise hopes of stability in market

टमाटर की फसल। फाइल फोटो।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

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देश में इन दिनों  टमाटर की कीमतें आसमान पर हैं। कहीं 100 तो कहीं 80 रुपये प्रति किलो तक टमाटर बिक रहा है। इस बीच, आईसीएआर के महानिदेशक हिमांशु पाठक ने एक बड़ी जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अपने बेंगलुरू स्थित संस्थान में टमाटर की दो ऐसी संकर प्रजाति विकसित कर रहा है जो भविष्य में संकट से बचा सकता है।  

आईसीएआर के स्थापना दिवस समारोह को लेकर सोमवार को पूसा में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में आईसीएआर के महानिदेशक हिमांशु पाठक ने बताया कि भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (आईआईएचआर) द्वारा विकसित की गई संकर टमाटर की किस्में, अर्का रक्षक और अर्का अबेध ऐसी हो किस्म हैं, जो तीन सप्ताह से भी ज्यादा दिनों तक सुरक्षित रह सकती हैं। हमें इन किस्मों के तहत क्षेत्र का विस्तार करने की जरूरत है। इससे भविष्य में बढ़ती कीमतों पर भी लगाम लग सकती है। 

आईआईएचआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक चन्द्रशेखर सी के अनुसार, 2012 में विकसित भारत का पहला ट्रिपल रोग प्रतिरोधी टमाटर एफ1 हाइब्रिड अर्का रक्षक की खेती वर्तमान में 7,000 हेक्टेयर में की जाती है। इस हाइब्रिड तकनीक का लाइसेंस 11 कंपनियों को दिया गया है। 2012-22 के दौरान बीज बिक्री से 3,600 करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है। वहीं, तीन साल विकसित की गई टमाटर की अर्का अबेध किस्म तीन सप्ताह या उससे भी अधिक समय तक सुरक्षित रह सकती है। यह दूर के बाजारों के लिए उपयुक्त है।

उन्होंने ये भी बताया कि टमाटर की ये दोनों किस्में लीफ कर्ल वायरस, बैक्टीरियल विल्ट और अर्ली ब्लाइट सहित कई बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता भी प्रदान करती हैं।

महानिदेशक हिमांशु पाठक ने कहा कि 100 दिन में नई बीज किस्में और नई तकनीक के साथ संस्थान एक नई पहल की शुरुआत करेगा। इसमें खेत स्तर पर उच्च उपज वाली बीच किस्म बीज हब की स्थापना के साथ-साथ जिलों में तिलहन और दालों के लिए विशिष्ट केंद्र शामिल है। इसके अलावा इस समारोह में 40 नई प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया जाएगा, साथ ही 10 नए समझौता ज्ञापनों के माध्यम से व्यावसायिकरण भी किया जाएगा। इसमें देश विदेश के कृषि विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। पाठक ने बताया 2023- 24 के दौरान संस्थान ने 47 फसलों की कुल 323 किस्में जारी की हैं। इसमें 156 अनाज की किस्में है। 42 तिलहन की 19 पशु एवं अन्य चारा, 12 गन्ने की उन्नत किस्में शामिल हैं।

इसके अलावा 289 जलवायु अनुकूल किस्में भी हैं 24 फसलों के लिए पोषक तत्व प्रबंधन के लिए प्रक्रिया का पालन किया गया है। इसके अलावा मछली प्रजाति के लिए अधिक प्रजनन वाली मछलियों को विकसित करना, रोबोटिक अनुसंधान और वैज्ञानिक प्रगति और खेत और वैज्ञानिक अनुप्रयोग के बीच की खाई को पाटने का काम भी नवीन पद्धतियों के माध्यम से किया जा रहा है।

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