बड़े फैसले-विवाद से जुड़ा रहा राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर का कार्यकाल: केके पाठक से भिड़े तो CM को बचाव में उतरना पड़ा, सीनेट में पहुंचने वाले पहले राज्यपाल बने – Patna News

बिहार से राज्यपाल रहे राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर का 22 महीने का कार्यकाल रहा। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल आर्लेकर को औपचारिक विदाई दी और नए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का स्वागत किया। राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को पटना एयरपोर्ट
.

केके पाठक के फरमान पर राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आपत्ति जताते हुए तीखी आलोचना की थी।
केके पाठक के फरमान पर जताई थी आपत्ति
राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उस समय ज्यादा सुर्खियां बटोरी जब शिक्षा विभाग के सचिव केके पाठक बनाए गए। केके पाठक ने सचिव बनते ही फरमान जारी किया कि सभी विश्वविद्यालय के कुलपति और उप कुलपति विभाग की बैठक में शामिल होंगे। केके पाठक के फरमान पर राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आपत्ति जताते हुए तीखी आलोचना की थी। राज्यपाल ने यहां तक कह दिया था कि यह निर्देश राज्यपाल के क्षेत्राधिकार का हनन है। उच्च शिक्षा की बैठक पर फैसला राज्यपाल ही ले सकता है।
केके पाठक ने कदम आगे बढ़ाते हुए विश्वविद्यालय को मिलने वाले अनुदान को बंद करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि बैठक में शामिल नहीं होंगे तो सरकार द्वारा मिलने वाली राशि रोक दी जाएगी। सचिव केके पाठक और राज्यपाल के बीच चल रहे तनाव को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बचाव में उतरना पड़ा। बाद के दिनों में मामला ज्यादा गर्म हो जाने के बाद केके पाठक को शिक्षा विभाग के सचिव पद से हटाया गया। माना जाता है कि केके पाठक को शिक्षा विभाग से हटाने में राज्यपाल और सचिव के बीच का टकराव प्रमुख रहा।

राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सीनेट की बैठक में पहुंचकर सबको चौंका दिया था।
सीनेट में पहुंचने वाले पहले राज्यपाल थे आर्लेकर
विश्वविद्यालय के सीनेट की बैठक में छात्र नेता और छात्रों की प्रतिनिधि के साथ-साथ कुलपति और विश्वविद्यालय के पदाधिकारी शामिल होते रहे हैं। वहीं राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने नई परंपरा की शुरुआत करते हुए सीनेट की बैठक में पहुंचकर सबको चौंका दिया था। यह बात पटना विश्वविद्यालय की है, जब सीनेट की बैठक शुरू हुई तब उसमें राज्यपाल के रूप में राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने पहुंचकर सीनेट की न सिर्फ गरिमा बढ़ाई बल्कि इस बैठक की भूमिका को भी सार्थक बनाया। इस कदम को लेकर छात्रों के साथ-साथ शिक्षा जगत में भी उनकी खूब प्रशंसा हुई।
केरल के राज्यपाल का कार्यभार संभालेंगे आर्लेकर
राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को केरल का अगला राज्यपाल नियुक्त किया गया है। फरवरी 2023 में वह बिहार के 41वें राज्यपाल बनाए गए थे। बिहार के राज्यपाल बनने से पहले आर्लेकर, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल थे। उन्हें जुलाई 2021 में हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर गोवा के रहने वाले हैं। साल 2002 से 2007 तक वह BJP के विधायक भी रहे हैं। इस दौरान गोवा विधानसभा को उन्होंने पेपर लेस करने में अहम भूमिका निभाई थी।

2 जनवरी को पदभार ग्रहण करेंगे आरिफ मोहम्मद खान।
2 जनवरी को नए राज्यपाल करेंगे पदभार ग्रहण
बिहार के नवनियुक्त राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान आज यानी 2 जनवरी को पदभार ग्रहण करेंगे। फिलहाल पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद देश में राष्ट्रीय शोक मनाया जा रहा है। इसकी वजह से वह 2 जनवरी को पदभार ग्रहण करेंगे, लेकिन वह 30 दिसंबर को ही पटना पहुंचे हैं। पटना एयरपोर्ट पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। साथ ही बिहार के तमाम बड़े नेता उनके स्वागत में एयरपोर्ट पहुंचे। राजभवन में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने भी उनका स्वागत किया।