बड़ी उपलब्धि… उदयपुर की इस झील ने रच दिया इतिहास, अब इसे दुनिया भी मानेगी खास! जानें पूरा डीटेल

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Udaipur Lake News: उदयपुर के मेनार गांव की झील को रामसर साइट घोषित किया गया है, जिससे इसे अंतरराष्ट्रीय वेटलैंड का दर्जा मिला है. यह मान्यता पर्यावरण संरक्षण और इको-टूरिज्म को बढ़ावा देगी. हर साल हजारों प्रवासी…और पढ़ें

रामसर साइड
हाइलाइट्स
- मेनार झील को रामसर साइट घोषित किया गया.
- उदयपुर और मेनार के लोगों को बधाई दी गई.
- मेनार झील को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली.
उदयपुर. उदयपुर के लिए आज का दिन बेहद खास है. कारण, कारण यह है कि एक झील को अब रामसर साइट घोषित कर दिया गया है. दरअसल, शहर के पास बसे मेनार गांव की झील को अब रामसर साइट घोषित कर दिया गया है. यानी इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण वेटलैंड यानी आर्द्रभूमि माना गया है. यह खबर विश्व पर्यावरण दिवस से ठीक एक दिन पहले आई है और पूरे मेवाड़ को इस पर गर्व है.
हर साल आते हैं हजारों पक्षी
मेनार झील, जिसे लोग प्यार से ‘बर्ड विलेज’ कहते हैं, सालों से प्रवासी पक्षियों का ठिकाना बनी हुई है. हर साल सर्दियों में यहां साइबेरियन क्रेन, ग्रेटर फ्लेमिंगो, पेंटेड स्टॉर्क और कई तरह के पक्षी आते हैं. यहां के ग्रामीण भी इन पक्षियों का अच्छे से ख्याल रखते हैं. यही वजह है कि मेनार झील को अब दुनिया भर में एक खास दर्जा मिला है.
पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण को मिलेगा लाभ
इस मान्यता के बाद मेनार को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी. साथ ही यह पर्यावरण संरक्षण में मदद करेगी और इको-टूरिज्म को बढ़ावा देगी. विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे यहां रिसर्च और विकास के नए मौके बनेंगे. मेनार के साथ-साथ जोधपुर के खीचन गांव को भी रामसर साइट घोषित किया गया है. खीचन डेमोज़ेल क्रेन्स के लिए जाना जाता है. यह सिर्फ एक गांव की नहीं बल्कि पूरे राजस्थान की जीत है. पर्यावरण दिवस के मौके पर इससे बेहतर तोहफा शायद ही कुछ हो सकता था.