फिल्म डायरेक्टर सनोज मिश्रा को रेप केस में जमानत: पीड़िता बोली- लिवइन रिलेशन में थी, दुष्कर्म नहीं हुआ; महाकुंभ सेंसेशन मोनालिसा को फिल्म ऑफर किया था

नई दिल्ली6 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

सनोज मिश्रा फिल्म डायरेक्टर और राइटर हैं। श्रीनगर, द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल, गजनवी, शशांक जैसी फिल्मों की कहानी लिख चुके हैं।- फाइल फोटो
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को रेप के एक मामले में फिल्म डायरेक्टर सनोज कुमार मिश्रा को जमानत दे दी है। 28 साल की पीड़िता ने हलफनामे में कहा है कि वह सनोज मिश्रा के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में थी और उसने सहमति से शारीरिक संबंध बनाए थे। उसने यह भी कहा कि उसने मिश्रा के कुछ विरोधियों के दबाव में आकर FIR दर्ज कराई थी।
इसके बाद जस्टिस गिरीश कठपालिया ने सनोज कुमार मिश्रा को जमानत दे दी। जस्टिस कठपालिया ने कहा कि यह रेप की झूठी शिकायतें दर्ज करने का एक और मामला है। इससे न केवल आरोपी की छवि को नुकसान पहुंचता है, बल्कि पूरे समाज में शक और अविश्वास भी पैदा होता है। रेप मामले में FIR दर्ज होने के बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें मार्च 2025 में गिरफ्तार किया था।

सनोज मिश्रा के वकील अमित चड्ढा और आमिर चौधरी ने दलील दी कि फिल्म डायरेक्टर और शिकायत करने वाली युवती लंबे समय से लिव-इन रिलेशनशिप में थे। दोनों मुंबई में साथ रहते थे, जबकि रेप का का आरोप मध्य प्रदेश के ओरछा में लगाया गया है। इसलिए यह मामला दिल्ली के अधिकार क्षेत्र में भी नहीं था।
वहीं, 21 मई को दिए गए अपने बयान में, युवती ने कहा कि आरोपी ने उसके साथ कभी रेप या कोई अपराध नहीं किया और वह पिछले पांच सालों से उसके साथ रिलेशनशिप में थी। उसने कुछ लोगों के उकसावे में आकर झूठी शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि आरोपी को जमानत मिलने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है।
इसके बाद जस्टिस कठपालिया ने कहा कि अब आरोपी को जमानत न देने का कोई कारण नहीं बचता है। जज ने सनोज मिश्रा को ट्रायल कोर्ट, एरिया मजिस्ट्रेट या ड्यूटी मजिस्ट्रेट की संतुष्टि के लिए 10,000 रुपए की राशि का एक निजी बॉन्ड और उतनी ही राशि के एक जमानतदार पर रिहा करने का निर्देश दिया।
युवती ने 3 बार अबॉर्शन कराने का आरोप लगाया था
- युवती ने सनोज मिश्रा पर रेप, हमला, अबॉर्शन कराने के लिए मजबूर करने और धमकी देने का आरोप लगाया था। उसने FIR में कहा था सनोज ने उसे 3 बार जबरन गर्भपात करवाने के लिए मजबूर किया गया।
- 18 फरवरी, 2025 को डायरेक्टर उसे दिल्ली के नबी करीम इलाके में स्थित होटल शिवा ले गया। वहां उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। बाद में जब उसने शादी करने का वादा पूरा नहीं किया, तो उसने शिकायत दर्ज कराई।
- दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका पहले खारिज कर दी थी। इसके बाद पुलिस ने 30 मार्च, 2025 को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से सनोज मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि सनोज मिश्रा पहले से शादीशुदा है और वह अपने परिवार के साथ मुंबई में रहता है।

पीड़िता बोली- डायरेक्टर ने आत्महत्या की धमकी दी 28 साल युवती ने शिकायत में बताया- साल 2020 में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक और इंस्टाग्राम के जरिए डायरेक्टर सनोज से पहचान हुई थी। उस समय मैं झांसी में रहती थी। कुछ समय तक हमारे बीच बातचीत होती रही।
डायरेक्टर ने 17 जून, 2021 को फोन कर बताया कि वो झांसी रेलवे स्टेशन पहुंचा है। जब सामाजिक दबाव का हवाला देते हुए मैंने मिलने से इनकार किया, तो उसने आत्महत्या करने की धमकी दी। डर की वजह से मैं उससे मिलने चली गई। अगले दिन 18 जून, 2021 को उसने फिर फोन किया और मुझे रेलवे स्टेशन बुलाया।
‘द डायरी ऑफ मणिपुर’ में मोनालिसा को दिया ऑफर प्रयागराज महाकुंभ के दौरान वायरल हुई मोनालिसा को सनोज मिश्रा ने अपनी फिल्म ऑफर की थी। इसके बाद से ही वह सुर्खियों में आ गए थे। ‘द डायरी ऑफ मणिपुर’ में मोनालिसा अनुपम खेर की बेटी का किरदार निभाएंगी।

मोनालिसा के महाकुंभ छोड़ने के बाद सनोज मिश्रा फिल्म का ऑफर लेकर उसके घर पहुंचे थे।
रिजवी ने कहा था- मिश्रा कई लड़कियों को फंसा चुके मोनालिसा को फिल्म ऑफर करने के बाद सनोज मिश्रा से जुड़े विवाद भी सामने आने लगे थे। उनकी पिछली फिल्म के प्रोड्यूसर वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी ने तो यहां तक आरोप लगाए थे कि मिश्रा शराबी हैं। वह मोनालिसा से पहले कई लड़कियों को फंसा चुके हैं। अब आदिवासी लड़की का फायदा उठाना चाहते हैं।
इस पर सनोज ने भास्कर से कहा था- मैंने एक साल पहले “द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल” फिल्म बनाई थी। इस फिल्म में वसीम रिजवी मेरे साथ पार्टनर थे। पार्टनरशिप में होने के बाद भी फिल्म से जुड़ी सारी डील रिजवी ने खुद ही कर ली। इसके बाद पिक्चर को बेचकर जो भी पैसा मिला, वो लेकर फरार हो गया।

…………………………………….
रिलेशनशिप पर कोर्ट की टिप्पणी से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…
सुप्रीम कोर्ट बोला- रिलेशनशिप टूटने के बाद रेप केस गलत:इससे आरोपी की छवि खराब होती है

सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा कि यदि दो वयस्कों में सहमति से बना रिश्ता बाद में टूट जाता है या दोनों के बीच दूरी आ जाती है, तो इसे शादी का झूठा वादा बताकर रेप का केस नहीं बनाया जा सकता।’ जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने यह टिप्पणी की। पूरी खबर पढ़ें…
सुप्रीम कोर्ट बोला- शादी विश्वास पर आधारित रिश्ता, इसका मकसद खुशी और सम्मान है, विवाद नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शादी का रिश्ता आपसी भरोसे, साथ और साझा अनुभवों पर टिका होता है। अगर ये चीजें लंबे समय तक नहीं हों तो शादी सिर्फ कागजों पर रह जाती है। कोर्ट ने आगे कहा कि शादी का उद्देश्य दोनों की खुशी और सम्मान है, न कि तनाव और विवाद। पूरी खबर पढ़ें…