फिर से जाग गया सोया हुआ ‘दैत्य’, दुबारा फैला रहा साम्राज्य, भेष बदल ली एंट्री!

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भारत में एक बार फिर कोरोना ने नए वेरिएंट के साथ एंट्री ली है. कई राज्यों में कोरोना के मामले सामने आने के बाद अब राजस्थान में भी इसने दस्तक दे दी है.

दो नए मामले सामने आने के बाद सतर्क हुआ विभाग (इमेज- फाइल फोटो)
राजस्थान में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग को सतर्क कर दिया है. छह महीने की शांति के बाद, राज्य में दो नए मामले सामने आए हैं, जिनमें से एक जयपुर और एक उदयपुर में दर्ज किया गया है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, दोनों मरीजों का उपचार आउटडोर आधार पर चल रहा है और उनकी हालत स्थिर है. यह खबर न केवल स्थानीय निवासियों के लिए चिंता का विषय है बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि क्या कोरोना वायरस एक बार फिर खतरा बन सकता है?
चिकित्सा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि दोनों मरीजों में नए वैरिएंट के लक्षण हल्के हैं. इनमें से एक मरीज जयपुर का है जबकि दूसरा उदयपुर का. दोनों को सर्दी, खांसी और हल्का बुखार जैसे लक्षणों के बाद जांच के लिए भेजा गया, जहां उनकी कोविड-19 जांच पॉजिटिव आई. विशेषज्ञों का कहना है कि यह नया वैरिएंट पहले के मुकाबले कम घातक हो सकता है लेकिन सतर्कता बरतना जरूरी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में नए वैरिएंट को “वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट” के रूप में वर्गीकृत किया है, जिसका मतलब है कि इसकी निगरानी की आवश्यकता है, हालांकि यह अभी गंभीर खतरे की श्रेणी में नहीं है.
की गई ख़ास अपील
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे हल्की सर्दी, खांसी, बुखार या गले में खराश जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सीय सलाह लें. जयपुर और उदयपुर में स्वास्थ्य अधिकारियों ने अस्पतालों और जांच केंद्रों को अलर्ट पर रखा है. साथ ही मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और नियमित रूप से हाथ धोने जैसे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी गई है. जयपुर, जो पहले भी कोविड-19 का हॉटस्पॉट रहा है, में स्वास्थ्य विभाग ने विशेष सतर्कता बरती है. 2022 में जयपुर ने एक दिन में 1,438 मामले दर्ज किए थे, जो उस समय राज्य में सबसे अधिक थे. उदयपुर भी 2021 में 30% पॉजिटिविटी दर के साथ हॉटस्पॉट बन चुका था. इन दोनों शहरों में पहले की लहरों के अनुभवों को देखते हुए प्रशासन कोई जोखिम नहीं लेना चाहता.
तेजी से फ़ैल रहा है वैरिएंट
नए वैरिएंट के बारे में अभी तक ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह तेजी से फैल सकता है. हालांकि, मौजूदा टीकों के प्रभावी होने की संभावना है. राजस्थान में टीकाकरण अभियान पहले ही 10 मिलियन से अधिक लोगों को कवर कर चुका है, जो एक सकारात्मक संकेत है. फिर भी विशेषज्ञों ने बूस्टर डोज लेने की सलाह दी है, खासकर बुजुर्गों और अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोगों को. स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने पहले की लहरों में सख्त कदम उठाए थे, जैसे कर्फ्यू और कंटेनमेंट जोन बनाना. वर्तमान में भी, अगर मामले बढ़ते हैं तो ऐसे उपाय दोबारा लागू किए जा सकते हैं. उदयपुर में पहले 2020 में एक होमगार्ड कांस्टेबल के पॉजिटिव होने के बाद पूरे शहर को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया था. इस बार भी प्रशासन ने स्थानीय स्तर पर निगरानी बढ़ा दी है.
स्वास्थ्य विभाग ने दिलाया भरोसा
स्थानीय लोग इस खबर से चिंतित हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने भरोसा दिलाया है कि स्थिति नियंत्रण में है. मरीजों को घर पर ही क्वारंटीन किया गया है और उनकी संपर्क ट्रेसिंग शुरू हो चुकी है. साथ ही जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल और उदयपुर के स्वास्थ्य केंद्रों में जीनोम सीक्वेंसिंग की सुविधा उपलब्ध है, जिससे वैरिएंट की प्रकृति को समझने में मदद मिलेगी. यह खबर एक बार फिर हमें सतर्क रहने की याद दिलाती है. पिछले अनुभवों ने दिखाया है कि लापरवाही से मामले तेजी से बढ़ सकते हैं. 2020 में उदयपुर में एक दिन में 59 मामले सामने आए थे, जिसके बाद सख्त कर्फ्यू लगाना पड़ा था. स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की है.

न्यूज 18 में बतौर सीनियर सब एडिटर काम कर रही हूं. रीजनल सेक्शन के तहत राज्यों में हो रही उन घटनाओं से आपको रूबरू करवाना मकसद है, जिसे सोशल मीडिया पर पसंद किया जा रहा है. ताकि कोई वायरल कंटेंट आपसे छूट ना जाए.
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