Published On: Sun, Dec 8th, 2024

प्रवासी पक्षी: मोरेल बांध पर बढ़ेगा इको टूरिज्म, दौसा बना प्रवासी मेहमानों का फेवरेट अड्डा, इस बार 20000 पक्षियों के आने की संभावना



दौसा. सर्दी का सीजन शुरू होते ही हजारों किलोमीटर से सात समुंदर पार कर कई विदेशी मेहमान राजस्थान के अलग-अलग जगहों पर पहुंचते हैं. दौसा जिले के लालसोट क्षेत्र में स्थित एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा मिट्टी से बना मोरेल बांध शीतकालीन प्रवासी पक्षियों की शरणस्थली के रूप में अपनी पहचान बनाए हुए है. प्रतिवर्ष यहां हजारों जलीय और स्थलीय पक्षी प्रवास पर आते है.

केंचुआ है इनका प्रिय भोजन
राजेश पायलट राजकीय स्नातकोत्तर कॉलेज के प्राचार्य पक्षी विशेषज्ञ प्रोफेसर सुभाष पहाड़िया ने बताया कि मोरेल बांध पर प्रवासी पक्षियों का आना शुरू हो गया है. बांध में सैकड़ों पाइड अवोसेट ने डेरा डाला है.
यह पक्षी मध्यम आकार का होता है. इसके सफेद शरीर के ऊपर काले रंग की पट्टियां नजर आती है.  इसकी चोंच एकदम पतली, नुकीली और सुराही की तरह होती है. ये सूक्ष्म जीव, केंचुए को अपना भोजन बनाते हैं.

लगातार 5 साल से आ रहे मोरेल बांध

यूरोप और मध्य एशिया में प्रजनन करने वाला यह पक्षी लगभग 2300 किलोमीटर की यात्रा करके भारत में शीतकालीन प्रवास पर आते है. ये अपने अंडे जमीन पर ही देते है. प्रोफेसर सुभाष पहाड़िया के अनुसार ये पक्षी पिछले 5 सालों से लगातार मोरेल बांध पर प्रवास पर आते है.

 20 हजार पक्षी आने की संभावना 
मोरेल बांध में इनके साथ ही ग्रेटर फ्लेमिंगो, ब्लैकटेल गॉडविट,ब्लैक हेडेड गील आदि लाभग पांच हजार पक्षी बांध पर पहुंच चुके है. अभी लगभग 20 हजार पक्षियों के पहुंचने की संभावना है. प्रोफेसर सुभाष पहाड़िया के अनुसार पक्षियों के प्रवास में इस बार परिवर्तन आया है. पिछले वर्ष से यदि तुलना करते हैं तो पिछली बार सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में प्रवासी पक्षी मोरेल बांध पर आ गए थे. लेकिन इस बार अक्तूबर तक भी बहुत कम जलीय पक्षी आए है. प्रवास में देरी का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन है जिसके कारण मध्य एशिया में अभी तक तापमान का अधिक होना है. अभी तापमान कम होने पर नवम्बर से प्रवासी पक्षियों का आना प्रारंभ हुआ है.

इको टूरिज्म के लिए बांध पर होगा विकास
जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार ने बताया कि मोरेल बांध पर अधिक से अधिक पक्षियों की आवाजाही हो और देश-विदेश के लोगों को इस जगह के बारे में जानकारी हो इसके प्रयास किया जा रहे हैं. कुल मिलाकर मोरल बांध को इको टूरिज्म के लिए तैयार करने का एक प्रस्ताव भी तैयार करके सरकार के पास भेजा गया है.

Tags: Bird Expert, Dausa news, Eco Friendly, Local18, News18 rajasthan, Rare Bird, Winter season

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