पोते के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं अतुल सुभाष की मां: कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक सरकार को जारी किया नोटिस, 7 जनवरी को अगली सुनवाई – Samastipur News

बिहार के समस्तीपुर के AI इंजीनियर अतुल सुभाष की मां अंजू मोदी ने 4 साल के पोते की कस्टडी के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं हैं। उन्होंने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने उत्तर प्रदेश
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अंजू मोदी की याचिका में दावा किया गया है कि न तो अतुल की अलग रह रही पत्नी निकिता सिंघानिया और न ही उसके परिवार के सदस्यों (जो वर्तमान में हिरासत में हैं) ने बच्चे के ठिकाने का खुलासा किया है। निकिता ने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि बच्चे का नाम फरीदाबाद के एक बोर्डिंग स्कूल में दर्ज है और वह उसके चाचा सुशील सिंघानिया की देखरेख में है। हालांकि, सुशील ने बच्चे के बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया है।

याचिका के अनुसार अंजू मोदी का कहना है कि सिंघानिया परिवार ने बच्चे को खोजने के प्रयासों में बाधा डाली है। सुभाष के पिता पवन कुमार ने भी सार्वजनिक रूप से बच्चे की कस्टडी की मांग की है। 8 दिसंबर को आत्महत्या करने वाले अतुल ने अपने पीछे वीडियो और लिखित नोट छोड़े हैं, जिसमें उसने अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर उत्पीड़न और झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया है।
16 अगस्त को निकिता, उसकी मां, भाई हुआ था गिरफ्तार
सुभाष की आत्महत्या के मामले में कई लोगों की गिरफ़्तारी हुई हैं। निकिता सिंघानिया, उसकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया को 16 दिसंबर को गिरफ़्तार किया गया था। कर्नाटक पुलिस ने अतुल सुभाष की ओर से छोड़े गए सुसाइड नोट और वीडियो के सबूतों का हवाला देते हुए तीनों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया। वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
अतुल सुभाष के परिवार ने आरोप लगाया है कि निकिता और उसके परिवार ने झूठे कानूनी मामलों और पैसे की मांग के ज़रिए उसे परेशान किया। सुभाष के पिता पवन कुमार और भाई विकास कुमार ने न्याय मिलने तक सुभाष की अस्थियों को विसर्जित न करने की कसम खाई है।

विकास कुमार ने कहा कि इस घटना के पीछे जो लोग हैं, उन्हें भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए। जब तक हमारे खिलाफ दर्ज सभी झूठे मामले वापस नहीं लिए जाते, हमें न्याय नहीं मिलेगा। जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता, हम अपने भाई की अस्थियों का विसर्जन नहीं करेंगे। हमारी लड़ाई जारी रहेगी।
उन्होंने कहा था कि मैं अपने भतीजे (सुभाष के बेटे) के बारे में भी उतना ही चिंतित हूं। उसकी सुरक्षा हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय है। हमने उसे हाल की तस्वीरों में नहीं देखा है। मैं मीडिया के माध्यम से उसके ठिकाने के बारे में जानना चाहता हूं। हम चाहते हैं कि उसे जल्द से जल्द हिरासत में लिया जाए।

बेटे व्योम के लिए अतुल सुभाष ने छोड़ा था गिफ्ट
भास्कर से परिवार वालों ने बताया, ‘अतुल की इच्छा थी कि गिफ्ट उसके बेटे को 18वें बर्थडे पर मिले। उसने गिफ्ट के ऊपर एक मैसेज भी लिखा है- ‘मेरे प्यारे बेटे व्योम मोदी को यह गिफ्ट 20 फरवरी 2038 को उसके 18वें जन्मदिन पर देना। तब तक यह गिफ्ट मेरे भाई विकास के पास रहेगा।’
यह गिफ्ट अतुल के भाई विकास ने पूरी पैकिंग और मैसेज के साथ संभाल के रखा है, ताकि वह अपने भतीजे को समय आने पर दे सके।

पोते के लिए लगता है डर
अतुल के पिता पवन मोदी ने कहा- ‘मैं अपने भारत के न्याय प्रणाली पर कोई सवाल नहीं उठा रहा हूं। हमारी न्याय प्रणाली बहुत अच्छी है, लेकिन उसका दुरुपयोग भी हो रहा है। मैं तो उस पोते का दादा हूं, जिसका पता अभी तक नहीं चल पाया है। जिसका चेहरा मैंने आज तक कभी सामने से नहीं देखा। मुझे डर है कि अगर वह आपराधिक किस्म के लोगों के साथ रहेगा तो कहीं वह भी अपराधी ना कहलाए।’
अतुल की मां अंजू मोदी ने कहा- मैं हर चीज को सह लेती थी, लेकिन अब मेरी बस यही इच्छा है कि मैं अपने पोते को अपने सामने देखूं। व्योम को याद करते हुए उसकी दादी की आंख भर आती है। अंजू रोते हुए कहती हैं- ‘मेरा पोता, मेरा दूसरा अतुल सुभाष होगा। मैं अपने पोते के सहारे जी लूंगी। मेरे पोते को कोई दिलवा दो।’ अभी तक व्योम का कोई पता नहीं चल पाया है। वह कहां है, किसके साथ है। पुलिस भी उसकी लगातार छानबीन कर रही है।
