Published On: Wed, Jan 1st, 2025

पॉलिप्रोपाइलीन ​​​​​​​उत्पादन के बाद प्लास्टिक उद्योग को मिलेगी मजबूती: डबल लाइन रेल पुल भी इसी साल होगा पूरा, भारतीय सेना चीन सीमा तक आसानी से पहुंचेगी – Begusarai News


हर किसी को उम्मीद रहती है कि नया साल नई संभावनाओं को लेकर आएगा। ऐसे में बेगूसराय में कई ऐसी परियोजनाओं को पूरी होने की उम्मीद है, जो न केवल बिहार को नई औद्योगिक ऊंचाई पर ले जाएगा, बल्कि देश के लिए भी बड़ा आयाम साबित होगा।

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सरकार ने बेगूसराय को कई परियोजनाओं की सौगात दी है। केंद्र सरकार की चार बड़ी परियोजनाएं इस वर्ष पूरी होनी है। जिसमें बरौनी रिफाइनरी में बन रहा पेट्रोकेमिकल, सिमरिया में गंगा नदी पर बन रहा सिक्स लेन सड़क पुल, डबल लाइन रेल पुल और फोरलेन पर बन रहा फ्लाई ओवर।

सबसे महत्वपूर्ण है बिहार में प्लास्टिक उद्योग की क्रांति लाने वाली पेट्रोकेमिकल परियोजना। इंडियन ऑयल की ओर से बरौनी रिफाइनरी में अबतक की सबसे बड़ी परियोजना बीआर-9 का काम चल रहा है। इससे बिहार में पेट्रोकेमिकल युग की शुरुआत होगी और प्रत्येक साल 220 केटीपीए पॉलिप्रोपाइलीन का उत्पादन होगा।

पॉलिप्रोपाइलीन का उत्पादन शुरू होने से न केवल बिहार और आसपास के राज्यों में प्लास्टिक से जुड़े उद्योग को बड़ी मजबूती मिलेगी। बल्कि, स्थानीय स्तर पर भी स्वरोजगार का सृजन होगा। अब तक पॉलिप्रोपाइलीन बिहार में नहीं बनने के कारण प्लास्टिक की तमाम वस्तुएं देश के अन्य राज्यों से मंगाई जाती थी, लेकिन बरौनी रिफाइनरी में इसका निर्माण शुरू होने से बड़े पैमाने पर इससे जुड़े उद्योग धंधे शुरू होंगे।

बरौनी रिफाइनरी में चल रहा विस्तारी करण।

बरौनी रिफाइनरी में चल रहा विस्तारी करण।

ऑटोमोटिव और हेल्थ केयर उद्योग को मिलेगा बढ़ावा

ऑटोमोटिव क्षेत्र में डैशबोर्ड, बंपर, होम अप्लायंस के क्षेत्र में आउटडोर बॉडी, हैंडल, फैब्रिक्स, पीवीसी पाइप, बुके निर्माण उद्योग शुरू होगा।

हेल्थ केयर में पीपीई किट, डायपर, मास्क, सिरिंज, एप्रन आदि निर्माण उद्योग आसानी से शुरू होगा। सीमेंट पैकिंग ही नहीं, चावल समेत तमाम खाद्य पदार्थों की पैकिंग उद्योग के साथ-साथ खेल-खिलौने, कुर्सी, टेबल, प्लास्टिक के डिब्बे आदि के निर्माण शुरू होंगे।

40-45 वर्ष से हो रही थी मांग

स्थानीय स्तर पर जब पॉलिप्रोपाइलीन मिलने लगेगी तो औद्योगिक समूह बिहार में निवेश करना चाहेंगे। बिहार के लोग बरौनी रिफाइनरी में जिस पेट्रोकेमिकल की स्थापना की मांग पिछले 40-45 वर्ष से कर रहे थे, वह 2025 में पूरा होने वाला है। इसके लिए भारत सरकार और इंडियन ऑयल का पूरा सिस्टम तेजी से काम कर रहा। जिससे कि 2025 में उत्पादन शुरू हो सके।

कार्यकारी निदेशक और बरौनी रिफाइनरी प्रमुख सत्य प्रकाश कहते हैं कि बरौनी रिफाइनरी की बीआर-09 विस्तार परियोजना ने पॉलिप्रोपाइलीन यूनिट (पीपी) 2024 को एक और मील का पत्थर हासिल किया। 220 के टीपीए क्षमता की एक पॉलिप्रोपाइलीन इकाई स्थापित की जाएगी। पीपी की उपलब्धता से बिहार में एक नए युग की शुरुआत होगी, पॉलिमर से संबंधित डाउनस्ट्रीम उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, इस क्षेत्र में नए अवसर खुलेंगे।

रेल पुल का हो रहा निर्माण।

रेल पुल का हो रहा निर्माण।

राजेन्द्र पुल के समानांतर डबल लाइन रेल पुल बन रहा

गंगा नदी पर बने राजेन्द्र पुल के समानांतर डबल लाइन रेल पुल बन रहा है, इसका निर्माण भी 2025 में पूरा करने का लक्ष्य है। इससे ना केवल पूर्वोत्तर भारत का देश के अन्य हिस्सों से संपर्क सुदृढ़ हो जाएगा, बल्कि भारतीय सेना को भी तेज गति से चीन की सीमा पर पहुंचने में आसानी होगी। आजादी के बाद देश में गंगा नदी पर सबसे पहले बने राजेन्द्र सेतु के समानांतर पुल निर्माण में लगे अधिकारियों के अनुसार डबल रेल ट्रैक वाले इस पुल की लंबाई 1.86 किलोमीटर है, इसके निर्माण में करीब 11 सौ करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं।

अभी राजेन्द्र सेतु के रेल मार्ग में सिंगल रेल ट्रैक रहने के कारण बरौनी से राजेन्द्र पुल स्टेशन, औंटा और रामपुर-डुमरा के बीच ट्रेन को खड़ी करनी पड़ती है।‌ इससे ट्रेन में सवार यात्रियों और रेलवे को बेवजह समय गंवानी पड़ती है। इस पुल का निर्माण हो जाने से ट्रेन को बेवजह रुकने और समय की बर्बादी होने से छुटकारा मिल जाएगा।

रेल पुल निर्माण में लगी मशीन।

रेल पुल निर्माण में लगी मशीन।

8 पुल-पुलिया का निर्माण करीब पूरा हो चुका है

डबल रेल ट्रैक पुल के उत्तरी छोड़ में सिमरिया-बरौनी तो दक्षिणी छोड़ लखीसराय जाने वाले रूट में रामपुर-डुमरा और पटना की ओर जाने वाले रूट में औंटा-टाल में मिलेगी। औंटा टाल, रामपुर डुमरा और हाथीदह में तीन जगह आरओबी का निर्माण चल रहा है। जबकि कुल आठ मंझोले पुल-पुलिया का निर्माण करीब पूरा हो चुका है।

हाथीदह में एनएच-80 पर एक आरयूबी (रोड अंडर ब्रिज) का निर्माण और दो जगह आरओबी (रेल ऊपरी ब्रिज) हाथीदह जंक्शन और औंटा के पास बन रहा है। वेल फाउंडेशन ढांचा पर आधारित पुल का 18 पाया जमीन से 65-70 मीटर गहराई पर है। इसमें 17 स्पेन हैं, जिसमें 32 मीटर के दो, 123 मीटर के 13 और 110 मीटर का एक स्पेन है। वहीं, 123 मीटर का स्पेन एक हजार 450 मैट्रिक टन क्षमता है।

राजेन्द्र पुल स्टेशन पर कुल पांच रेल ट्रैक और तीन प्लेटफार्म के साथ दो फुट ओवर ब्रिज बन रहा

राजेन्द्र पुल स्टेशन पर कुल पांच रेल ट्रैक और तीन प्लेटफार्म के साथ दो फुट ओवर ब्रिज बन रहा है। छह सौ मीटर लंबे प्लेटफार्म पर एक सौ मीटर लंबा एवं नौ मीटर चौड़ा दो मंजिला स्टेशन भवन होगा। इसके अलावा स्टेशन परिसर में ही स्टॉल, फूड प्लाजा, काम्प्लेक्स, दुकानें, एटीएम, शेड, पर्याप्त मात्रा में प्रकाश की व्यवस्था, यात्रियों को समान चढ़ाने के लिए रैम (स्लोपिंग सीढ़ी) और पार्किंग आदि का भी काम प्रगति पर है।

दो लेन रेल पुल के साथ हाथीदह जंक्शन के ऊपरी रेल ट्रैक पर आधुनिक सुविधाओं से लैस करीब चार सौ मीटर लंबा चार रेल ट्रैक का निर्माण हो रहा है। इसमें दो रेल ट्रैक मेन लाइन एवं दो रेल ट्रैक लूप लाइन की होगी। प्लेटफार्म पर चढ़ने के लिए लिफ्ट सहित सभी अत्याधुनिक सुविधाएं होगी। अभी हाथीदह जंक्शन के तीन नंबर प्लेटफार्म पर एक ही रेल ट्रैक एवं कोई सुविधा नहीं रहने के कारण यात्रियों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

तैयार होने पर ऐसा दिखेगा सिक्स लेन पुल।

तैयार होने पर ऐसा दिखेगा सिक्स लेन पुल।

सिक्सलेन सड़क पुल पर परिचालन इसी साल शुरू हो जाएगा

सिमरिया में ही गंगा नदी पर बिहार के सबसे पहले और सबसे अधिक चौड़े एक्स्ट्रा डोजेज स्टे केबल सिक्सलेन सड़क पुल पर परिचालन इसी साल शुरू हो जाएगा। पटना के औंटा और बेगूसराय के सिमरिया के बीच बने पुल पर फिनिशिंग का काम चल रहा है। करीब 1161 करोड़ की लागत से 1.865 किलोमीटर लंबे ब्रिज और इसके दोनों ओर औंटा और सिमरिया साइड में एप्रोच पथ मिलाकर कुल 8.15 किलोमीटर लंबे ब्रिज का शिलान्यास पीएम नरेन्द्र मोदी ने किया था।

सिक्सलेन सड़क पुल के दोनों ओर औंटा से हाथीदह और सिमरिया बिंदटोली से राजेन्द्र पुल स्टेशन के समीप एनएच-31 तक 1 रेल ओवर ब्रिज (आरओबी), 2 रेल अंडर ब्रिज (आरयूबी) और 6 वेकल अंडर ब्रिज (वीयूवी) का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। हाथीदह जंक्शन के पास एनएच-80 के ऊपर से एनएच-31 गुजरेगा। इसी जगह हाथीदह जंक्शन के ऊपर से एनएच-31 पास करेगा।

एशिया का सबसे अधिक चौड़ा यह पुल एक्स्ट्रा डोजेज स्टे केबल ब्रिज का पूरा लोड केबल पर ही रहेगा। नई तकनीकी से बन रहे इस पुल की चौड़ाई 34 मीटर रहने से आवागमन में सुविधा होगी। पुल पर दोनों साइड 13-13 मीटर चौड़ी तीन-तीन लेन की सड़क रहेगी जबकि दोनों साइड डेढ़ मीटर चौड़ा फुटपाथ सड़क रहेगा। जिस पर पैदल, साईकिल या बाइक चल सकेंगे, रोशनी की भी व्यवस्था रहेगी।

बन रहा फ्लाई ओवर

बन रहा फ्लाई ओवर

NH-31 फोरलेन पर फ्लाई ओवर निर्माण

चौथी बड़ी परियोजना है बेगूसराय जिला मुख्यालय में NH-31 फोरलेन पर फ्लाई ओवर निर्माण। कपस्या चौक से पश्चिम से लेकर जेल गेट तक करीब 300 करोड़ की लागत से बनने वाले इस फ्लाईओवर का निर्माण कार्य काफी तेजी से चल रहा है। फ्लाई ओवर के निर्माण से जहां पूर्वोत्तर भारत की ओर जाने वाले वाहनों को जाम से मुक्ति मिलेगी। वहीं बेगूसराय बाजार में NH के कारण लगने वाले जाम से भी लोगों को राहत मिलेगी। पहले इसका निर्माण ट्रैफिक चौक तक ही होना था, लेकिन अब इसकी लंबाई 700 मीटर बढ़ाकर जेल गेट तक कर दिया गया है।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह।

पड़ोसी देश को भी बड़ा फायदा होगा

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह कहते हैं कि बीते 2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उम्मीदों की नई पंखुड़ियां सुगंधित हो चुकी है। ऐसे में बिहार की औद्योगिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक राजधानी बेगूसराय के लोगों की उम्मीदों को पंख लग गए हैं। प्रधानमंत्री के संकल्प से सिद्धि अभियान के तहत बेगूसराय को मिल रहे तोहफा से ना सिर्फ बेगूसराय और आसपास के जिला, बल्कि पूरे बिहार, आसपास और पड़ोसी देश को भी बड़ा फायदा होगा।

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