पूर्णिया के बाद रुपौली भी जेडीयू हारी, नीतीश और मंत्रियों के प्रचार पर निर्दलीय शंकर सिंह अकेले भारी

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को बिहार के सीमांचल क्षेत्र में एक बार फिर करारा झटका लगा है। लोकसभा चुनाव में पूर्णिया सीट हारने के बाद अब विधानसभा उपचुनाव में जेडीयू को रुपौली में भी हार का सामना करना पड़ा है। रुपौली में उपचुनाव के लिए 10 जुलाई को वोटिंग हुई थी, जिसके नतीजे शनिवार को मतगणना के बाद जारी हुए। इसमें जेडीयू प्रत्याशी कलाधर मंडल को निर्दलीय शंकर सिंह ने 8211 वोटों से हरा दिया, जबकि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की बीमा भारती तीसरे नंबर पर रहीं। एनडीए समर्थित जेडीयू कैंडिडेट कलाधर के लिए उपचुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और कई मंत्रियों ने खूब प्रचार किया था। मगर निर्दलीय लड़े शंकर सिंह अकेले सभी पर भारी पड़ गए।
नीतीश की पार्टी ने रुपौली उपचुनाव के नतीजों को चौंकाने वाला बताया है। जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि हार जीत लगी रहती है, लेकिन चुनाव परिणाम की समीक्षा की जाएगी। रुपौली उपचुनाव जेडीयू के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ था। रुपौली से जेडीयू की विधायक रहीं बीमा भारती लोकसभा चुनाव से पहले पाला बदलकर लालू एवं तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी में चली गईं। आरजेडी के टिकट पर पूर्णिया से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गईं। हालांकि, इस चुनाव में पूर्णिया से सांसद रहे जेडीयू के संतोष कुशवाहा को भी हार का सामना करना पड़ा। निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव ने एनडीए और महागठबंधन दोनों को धूल चटाई थी।
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रुपौली उपचुनाव में प्रचार करने पहुंचे नीतीश समेत कई दिग्गज
रुपौली विधानसभा उपचुनाव में एनडीए ने जीत के लिए अपना पूरा जोर लगा दिया। जेडीयू प्रत्याशी कलाधर मंडल के लिए खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी प्रचार करने पहुंचे। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान एवं जीतनराम मांझी ने भी रुपौली में रैली कर कलाधर के लिए वोट मांगे। इसके अलावा नीतीश सरकार में जेडीयू और बीजेपी के कई मंत्रियों ने भी गांव-गांव घूमकर प्रचार किया। मगर इन सभी दिग्गजों के सामने निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह अकेले भारी पड़ गए।
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जेडीयू के लिए चुनौती बना सीमांचल
बिहार का सीमांचल क्षेत्र सीएम नीतीश की पार्टी जेडीयू के लिए चुनौती बना हुआ है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में सीमांचल की चार में से तीन सीटों पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज में एनडीए के तहत जेडीयू ने अपने उम्मीदवार उतारे थे। इन तीनों सीटों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। दो पर कांग्रेस तो एक पर निर्दलीय उम्मीदवार की जीत हुई। लोकसभा चुनाव के कुछ दिनों बाद ही पूर्णिया जिले की रुपौली विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी जेडीयू को हार का सामना करना पड़ा। बिहार में अगले साल ही विधानसभा चुनाव होने वाला है। रुपौली उपचुनाव को विधानसभा इलेक्शन के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा था, जिसमें जेडीयू जीत नहीं पाई।