पूर्णिया का मखाना जापान और ऑस्ट्रेलिया में मचा रहा धूम; अब स्वीट कॉर्न, बेबी कॉर्न और स्ट्रॉबेरी की बारी
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पूर्णिया का मखाना जापान और आस्ट्रेलिया जाने लगा है। जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने कहा कि यहां के उद्यमियों द्वारा मखाना जापान एवं ऑस्ट्रेलिया में भेजा जा रहा है। जिसे किसानों के आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है। जिलाधिकारी ने कहा कि स्वीट कॉर्न, बेबी कॉर्न, मशरूम, स्ट्रॉबेरी, ड्रैगन फ्रूट एवं वेजीटेरियन फ्रूट पर काम करने की जरूरत है। मखाना, स्वीट कॉर्न, बेबी कॉर्न, ड्रैगन फ्रूट,स्ट्रॉबेरी एवं औषधि की खेती के लिए यहां की जमीन उपयुक्त है। डीएम की अध्यक्षता में स्वीट कॉर्न एवं बेबी कॉर्न की तकनीकी खेती और बढ़ावा देने के लिए युवा प्रगतिशील किसान एवं संबंधित पदाधिकारियों के साथ परिचर्चा की गयी। इसमें उप विकास आयुक्त साहिला,जिला कृषि पदाधिकारी एवं सहायक निदेशक शष्य प्रक्षेत्र ,सभी अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक, एटम, बीटीएम, किसान सलाहकार, स्टार्टअप पूर्णिया के प्रतिनिधिगण शामिल हुए। परिचर्चा के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि इस परिचर्चा का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय को बढ़ाना, नए युवा वर्ग को कृषि के प्रति प्रोत्साहित करना, नए युवा वर्ग को कृषि उद्यमी की ओर बढ़ावा देना है।
नवाचारी युवा प्रगतिशील किसानों से लिया फीडबैक जिला पदाधिकारी द्वारा नवाचारी युवा प्रगतिशील किसानों से खेती किसानी के बारे में फीडबैक लिया गया। इसी क्रम में प्रखंड पूर्णिया पूर्व के पंचायत चांदी के युवा प्रगतिशील किसान शशि भूषण द्वारा बताया गया कि एक एकड़ में स्वीट कॉर्न की खेती से दोगना मुनाफा हुआ है। इसकी खेती साल में तीन बार होती है। स्वीट कॉर्न के हरा चारा पशुओं के उपयोग में लाने से 2 लीटर दूध की वृद्धि पाई गई है। इसी प्रकार प्रखंड रुपौली के पंचायत घूरनारटीका पट्टी के युवा प्रगतिशील किसान मिथिलेश कुमार द्वारा बताया गया कि प्रथम बार स्वीट कॉर्न की खेती कर स्थानीय बाजार में बेचा तो मुझे लागत से दोगुना मुनाफा हुआ है।
50 एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की होती है खेती
जिले में ड्रैगन फ्रूट की खेती 50 एकड़ में किसानों द्वारा किया जा रहा हैं। जिससे एक एकड़ में 5 लाख रुपए की आमदनी किसानों को हो रही हैं। नई सोच एवं जज्बा के साथ खेती करें। बताया गया कि पूर्णिया में स्वीट कॉर्न की खेती के लिए 149 एकड़ एवं बेबी कॉर्न की खेती के लिए 140 एकड़ में विभाग की ओर से लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
रजनीगंध फूल व काली हल्दी की भी खेती
बनमनखी के प्रगतिशील किसान द्वारा बताया गया कि स्ट्रॉबेरी एवं रजनीगंधा फूल, काला हल्दी, अदरक की खेती करता हूं। स्ट्रॉबेरी की एक एकड़ में खेती करने से मुझे साल में 3 लाख की आमदनी हुई। जिलाधिकारी द्वारा परिचर्चा के क्रम में कृषकों से कहा गया कि जिला प्रशासन द्वारा बड़ा अभियान चलाया जा रहा है कि किसानों की कठिनाइयों को दूर किया जा सके। प्रशासन, किसान तथा फूड प्रोसेसिंग वाले उद्यमी हम सब मिलकर पूर्णिया को नेशनल स्तर पर ले जा सकते हैं। हम सभी को समन्वय बनाकर काम करना होगा।