Published On: Wed, Nov 13th, 2024

पुष्कर मेले में आया 11 करोड़ का घोड़ा: दावा- यह देश का सबसे ऊंचा; ऊंचाई 72 इंच, धोरों पर बनाया राम-मंदिर और देवमाली गांव – Pushkar News


इंटरनेशनल पुष्कर फेयर में मोहाली (पंजाब) से आए घोड़े की 11 करोड़ की बोली लगी है। दावा है कि ये देश का सबसे ऊंचा घोड़ा है। इस घोड़े का नाम ‘कर्मदेव’ है। इसके पिता द्रोणा और दादा शानदार और परदादा आलीशान है। ‘कर्मदेव’ की ऊंचाई 72 इंच और उम्र 4 साल तीन महीने

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पुष्कर मेले में लाया गया कर्मवीर, जिसकी 11 करोड़ की बोली लग चुकी।

पुष्कर मेले में लाया गया कर्मवीर, जिसकी 11 करोड़ की बोली लग चुकी।

मोहाली से आए घोड़ा विक्रेता गुरु प्रताप सिंह गिल ने बताया- उनके वीर स्टड फार्म में 82 घोडे़ हैं। पुष्कर मेले में वे 30 घोडे़ लेकर आए हैं। कर्मवीर के अलावा महंगे घोड़ों में ब्रह्मदेव भी है। इसकी 11 करोड़ कीमत पिछले साल लग चुकी। इसकी हाइट 70 इंच है और पंचकल्याणक है। कर्मवीर और ब्रह्मदेव दोनों की कीमत 11-11 करोड़ लग चुकी है, लेकिन वे इसे बेचना नहीं चाहते। जब ढाई साल के थे तो दोनों ही जोधपुर का रंसी शो जीत चुके हैं।

अरावली पर्वतमाला की गोद में बसे 52 घाटों वाला तीर्थ-राज पुष्कर सरोवर।

अरावली पर्वतमाला की गोद में बसे 52 घाटों वाला तीर्थ-राज पुष्कर सरोवर।

पुष्कर मेले में सैंड आर्टिंस्ट की रेत की अनोखी दुनिया

इस मेले में बने बड़े-बड़े सैंड आर्ट भी सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। बालू के धोरों पर… बेहतरीन बालू कला शैली लोगों को हैरान कर रही है। इन कलाकृतियों को पुष्कर के ग्रामीण इलाके में रहने वाले अजय रावत ने बनाई हैं।

अजय रावत बताते हैं- 15 सालों से रेतीले धोरों की इस कला को अपने संघर्ष और उत्साह की बदौलत जिंदा रखे हुए हैं। त्योहारों, राष्ट्रीय पर्वों और समसामयिक घटनाओं को लेकर अपनी सैंड आर्ट शैली के जरिए लोगों को सकारात्मक मैसेज देते आए हैं। इसके लिए उन्होंने कभी भी सरकार से मदद नहीं ली। वो मेलों में अपने खर्चे से इन आर्ट को तैयार करते हैं और कुछ अलग संदेश देने की कोशिश करते हैं।

अजय रावत ने रेत से पुष्कर मेले की थीम पर सेल्फी पॉइंट बनाया है। मेले की यादों को अपने साथ ले जाने के लिए सैलानी यहां फोटो ले रहे हैं।

अजय रावत ने रेत से पुष्कर मेले की थीम पर सेल्फी पॉइंट बनाया है। मेले की यादों को अपने साथ ले जाने के लिए सैलानी यहां फोटो ले रहे हैं।

अजय रावत ने सैंड आर्ट को डिजिटल माध्यम से समझने के व्यवस्था की है। उन्होंने अपनी कलाकृति के सामने एक क्यूआर कोड (QR CODE) लगाया है। क्यूआर कोड को स्कैन करते ही उसे कलाकृति का इतिहास और इस संबंध में उसकी जानकारी मिल जाती है। दुनिया भर से आए पर्यटक सैंड आर्ट देखकर और उसकी जानकारी अंग्रेजी भाषा में लेकर खासा उत्साहित नजर आ रहे हैं।

रावत बताते है कि 10 लोगों की टीम के साथ एक आर्ट को करीब 24-36 घंटे में बना पाता हूं। इस बार हमने करीब 30 सैंड आर्ट तैयार किए हैं। जो राजस्थान और देश की कला-संस्कृति से प्रेरित है।

जर्मन सिटीजन कूनो अपनी वाइफ के साथ सेल्फी पाॅइंट पर फोटो लेते हुए।

जर्मन सिटीजन कूनो अपनी वाइफ के साथ सेल्फी पाॅइंट पर फोटो लेते हुए।

जर्मन कपल पहली बार इंडिया घूमने आया है। कूनो बताते हैं कि पहले इंडिया टूर में ही उन्हें पुष्कर फेयर देखने का मौका मिला। यहां उन्होंने बहुत सारी चीजें पहली बार देखने को मिली हैं। ऊंट की सवारी एक अलग एक्सपीरिएंस था। जिसे वो कभी नहीं भूला पाएंगे। कूनो ने अजय रावत की सैंड आर्ट की तारीफ की।

चलिए, आपको अजय रावत के सैंड आर्ट की झलकियां दिखाते हैं-

अजय रावत ने अपने सैंड आर्ट से हाल ही में विश्व पर्यटक गांव घोषित देवमाली गांव और देवनारायण भगवान के मंदिर के प्रतिरूप को भी बनाया है।

अजय रावत ने अपने सैंड आर्ट से हाल ही में विश्व पर्यटक गांव घोषित देवमाली गांव और देवनारायण भगवान के मंदिर के प्रतिरूप को भी बनाया है।

किशनगढ़ शैली के मशहूर चित्र 'बनी-ठनी' जिसे 'भारत की मोनालिसा' भी कहा जाता है, उसे भी अपने सैंड आर्ट के जरिए दुनियाभर के लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की है।

किशनगढ़ शैली के मशहूर चित्र ‘बनी-ठनी’ जिसे ‘भारत की मोनालिसा’ भी कहा जाता है, उसे भी अपने सैंड आर्ट के जरिए दुनियाभर के लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की है।

इस आर्ट के जरिए भारत के पारंपरिक एकल स्कूल को दिखाया गया है। जहां गुरुकुल की तर्ज पर बच्चों को पढ़ाया जाता है।

इस आर्ट के जरिए भारत के पारंपरिक एकल स्कूल को दिखाया गया है। जहां गुरुकुल की तर्ज पर बच्चों को पढ़ाया जाता है।

साफे और मूंछ में राजस्थानी पुरुष के प्रतिरूप को सैंड आर्ट के जरिए दिखाया गया है।

साफे और मूंछ में राजस्थानी पुरुष के प्रतिरूप को सैंड आर्ट के जरिए दिखाया गया है।

भगवान श्रीकृष्ण की गाय के साथ रेत पर छवि उकेरी गई है।

भगवान श्रीकृष्ण की गाय के साथ रेत पर छवि उकेरी गई है।

राम मंदिर सैंड आर्ट के सामने अजय रावत के साथ एक फेमिली सेल्फी लेते हुई।

राम मंदिर सैंड आर्ट के सामने अजय रावत के साथ एक फेमिली सेल्फी लेते हुई।

5 हजार से ज्यादा पशु आए पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील घीया ने बताया- मेले में अब तक 5000 से अधिक पशु पहुंच चुके हैं। इनमें 1831 ऊंट और 3328 घोड़े हैं। अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले को लेकर विदेशी टूरिस्ट में खास आकर्षण होता है। यहां विदेशी मेहमानों को लुभाने के लिए टेंट सिटी बसाई गई है। ऊंटों की परेड, कालबेलिया समेत पारंपरिक डांस, गीत-संगीत समारोह, खेल प्रतियोगिताओं और पुष्कर सरोवर पर दीपदान जैसे कार्यक्रमों के कारण इसे लेकर विदेशी पर्यटकों में आकर्षण रहता है। मेला 15 नवंबर चलेगा।

पुष्कर मेले में अब तक करीब चार करोड़ से ज्यादा का कारोबार हो चुका है। करीब 5 हजार घोडे़ बिकने के लिए आए हैं।

पुष्कर मेले में अब तक करीब चार करोड़ से ज्यादा का कारोबार हो चुका है। करीब 5 हजार घोडे़ बिकने के लिए आए हैं।

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