Published On: Tue, Jul 2nd, 2024

पुणे में जीका वायरस के केस बढ़कर 6 हुए: इनमें 2 प्रेग्नेंट महिलाएं; होने वाले बच्चे का सिर डेवलप नहीं हो पाता, छोटा रह जाता है


पुणे2 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
पुणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन जीका वायरस संक्रमित मरीजों के इलाकों में दवाओं का छिड़काव करवा रहा है। - Dainik Bhaskar

पुणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन जीका वायरस संक्रमित मरीजों के इलाकों में दवाओं का छिड़काव करवा रहा है।

महाराष्ट्र के पुणे में जीका वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। 1 जुलाई को 2 प्रेग्नेंट महिलाओं में वायरस की पुष्टि होने के साथ, पिछले 11 दिनों में मरीजों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है। ये दोनों नए केस एरंडवाने में मिले हैं।

21 जून को पुणे में जीका वायरस का सबसे पहला केस एक डॉक्टर में मिला था। इसके बाद उनकी 15 साल की बेटी भी संक्रमित मिली थी। दोनों उसी इलाके में रहते हैं, जहां 2 नए मामले मिले हैं।

टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित इलाके से कई सैंपल लिए हैं। इसके अलावा यहां दवाओं का स्प्रे और फॉगिंग की जा रही है, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।

मुंधवा और एंडरवाने से कलेक्ट किए गए थे 25 सैंपल
पुणे नगर निगम (PMC) की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कल्पना बलिवंत के मुताबिक उनकी टीम ने 25 सैंपल कलेक्ट किए थे। एरंडवाने इलाके से लिए 12 सैंपल में से 7 गर्भवती महिलाओं के थे। इनमें से दो गर्भवती महिलाओं की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली। इन मरीजों की देश या विदेश की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। टीम ने मुंधवा से भी 13 सैंपल लिए थे, जिनमें से किसी भी गर्भवती महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं थी।

क्या होता है जीका वायरस?
जीका वायरस एडीज मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है। इसमें ऑर्गेनिज्म हमारी कोशिकाओं का इस्तेमाल करके अपनी ढेर सारी कॉपीज बना लेता है। इस बीमारी के साथ मुश्किल यह है कि ज्यादातर संक्रमित लोगों को पता नहीं चलता है कि वे जीका वायरस से संक्रमित हैं।

असल में जीका वायरस के लक्षण बहुत हल्के होते हैं। इसके बावजूद यह गर्भवती महिलाओं को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। इस वायरस के कारण भ्रूण का मस्तिष्क पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाता है।

जीका वायरस के क्या लक्षण हैं
जीका से पीड़ित ज्यादातर लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, जीका वायरस से संक्रमित केवल 5 में से 1 व्यक्ति में ही लक्षण दिखाई देते हैं। जो लक्षण नजर आते हैं, वे इतने कॉमन हैं कि यह अंदाज लगा पाना मुश्किल हो जाता है कि यह जीका वायरस के कारण ही है।

गर्भवती महिला से भ्रूण को खतरा ज्यादा
जीका वायरस सबसे अधिक गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है। यह वायरस महिला के भ्रूण को भी संक्रमित कर सकता है और उसके विकास को बाधित कर सकता है। गर्भवती महिला में जीका वायरस प्लेसेंटा के जरिए भ्रूण तक पहुंच सकता है।

जीका के कारण बच्चा माइक्रोसेफली जैसी जन्मजात मेडिकल कंडीशन के साथ पैदा हो सकता है। माइक्रोसेफली का मतलब यह हो सकता है कि बच्चे का मस्तिष्क ठीक से विकसित नहीं हुआ है। इन बच्चों का सिर भी देखने में औसत से छोटा होता है।

इसके अलावा ये लक्षण भी हो सकते है…

जन्मजात जीका सिंड्रोम: बच्चे के जन्म के समय ही कई कंडीशन दिख सकती हैं। इसमें गंभीर माइक्रोसेफली, हल्की चपटी खोपड़ी, मस्तिष्क में न्यूरॉन्स की कमी, कमोजर आंखें, जोड़ों की समस्याएं और हाइपरटोनिया जैसी समस्याएं शामिल हैं।

मस्तिष्क का पूर्ण विकास न होना: इसमें न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट, मस्तिष्क में फोल्ड्स न होना, मस्तिष्क में कुछ संरचनाओं का न होना और ब्रेन एट्रॉफी जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं।

सेरेब्रल पाल्सी: सेरेब्रल हमें ब्रेन और बाकी अंगों के बीच कोऑर्डिनेशन की क्षमता देता है और यह हमारी मसल्स को कंट्रोल करता है। अगर सेरेब्रल पाल्सी की समस्या है तो इन क्षमताओं में कमी आ जाती है।

इनके अलावा दृष्टि या श्रवण संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। जन्म के समय बच्चे का वजन कम हो सकता है।

ये खबर भी पढ़ें…

क्या है यह वायरस, कैसे फैलता है, कितना खतरनाक और कैसे होगा बचाव

जीका वायरस संक्रमित एडीज मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है। ये मच्छर आमतौर पर थोड़े गर्म इलाकों में होते हैं। यह वायरस सेक्स से भी फैल सकता है। अगर कोई गर्भवती महिला इससे संक्रमित हो जाती है तो जीका वायरस उसके भ्रूण को प्रभावित कर सकता है। यह बच्चे की जन्मजात मेडिकल कंडीशंस का कारण बन सकता है। इससे बच्चे का मानसिक विकास बाधित हो सकता है और दृष्टि संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। पढ़ें पूरी खबर…

.



Source link

About the Author

-

Leave a comment

XHTML: You can use these html tags: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>