पुणे पोर्श केस- नाबालिग 12 जून तक ऑब्जर्वेशन होम में: माता-पिता 10 जून तक पुलिस कस्टडी में, फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की भी मांग

पुणे2 मिनट पहले
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नाबालिग आरोपी के पिता और दादा पर ड्राइवर की किडनैपिंग करने और ड्राइवर पर एक्सीडेंट की जिम्मेदारी लेने का दबाव बनाने का आरोप है।
पुणे पोर्श केस के नाबालिग आरोपी की ओबजर्वेश होम रिमांड जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने बढ़ा दी है। वह 12 जून तक ओबजर्वेश होम में ही रहेगा। नाबालिग पुलिस ने बोर्ड से नाबालिग की रिमांड 14 दिन बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे 7 दिन ही बढ़ाई।
उधर, बुधवार (5 जून) को आई फॉरेंसिक रिपोर्ट में पुष्टि हो गई है कि आरोपी का ब्लड सैंपल उसकी मां से ही बदला गया था। पुलिस ने कोर्ट में बताया कि नाबालिग के नशे में होने की बात छिपाने के लिए मां ने पिता की मौजूदगी में अपना ब्लड दिया था।
नाबालिग का ब्लड सैंपल बदलने के आरोप में जिला कोर्ट ने मां शिवानी अग्रवाल और पिता विशाल अग्रवाल को 10 जून तक पुलिस कस्टडी में भेजा है। वहीं, ब्लड सैंपल बदलने वाले ससून अस्पताल के डॉक्टर अजय तावरे और डॉ. श्रीहरि हेलनोर को 7 जून तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया है।
पुलिस ने मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने की भी मांग राज्य सरकार से की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इसी महीने के अंत तक पुलिस सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर करेगी।
पुणे के कल्याणी नगर इलाके में 18-19 मई की रात 17 साल 8 महीने के एक लड़के ने IT सेक्टर में काम करने वाले बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मारी थी, जिससे दोनों की मौत हो गई। घटना के समय आरोपी नशे में था। वह 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कार चला रहा था।

कार से टक्कर के बाद अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौके पर ही मौत हो गई थी।
नाबालिग से पहली बार केस को लेकर पूछताछ हुई
पुलिस ने आज नाबालिग आरोपी से भी पहली बार केस को लेकर पूछताछ की है। मां की मौजूदगी में उससे बाल सुधार गृह में करीब एक घंटे सवाल-जवाब किए गए। जुवेनाइल बोर्ड ने शुक्रवार (31 मई) को नाबालिग से पूछताछ करने के लिए पुलिस को इजाजत दी थी।
बताया गया कि नाबालिग से सहायक पुलिस आयुक्त और दो महिला पुलिस अधिकारी पूछताछ करेंगे। हादसे के बाद नाबालिग से कोई पूछताछ नहीं की गई और न ही कोई बयान दर्ज किया गया।
अजित पवार बोले- सुनीत टिंगरे गलत नहीं, वे जांच को तैयार
घटना को लेकर पहली बार महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने भी शनिवार (1 जून) चुप्पी तोड़ी। उन्होंने इस केस में अपनी या पार्टी के विधायक सुनील टिंगरे के शामिल होने के आरोपों से इनकार किया। अजित पवार पर आरोपी को बचाने के लिए पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार को फोन करने के आरोप लग रहे हैं।
इस पर अजित पवार ने कहा- मैंने केस को लेकर पुलिस कमिश्नर को कोई कॉल नहीं किया। NCP विधायक सुनीत टिंगरे भी गलत नहीं है। उन्हें हाई शुगर है और वह अभी अस्वस्थ हैं। यही कारण है कि वह जनता के सामने नहीं आ रहे हैं। मैंने उनसे संपर्क किया और उन्होंने मुझे बताया कि वह किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं।
टिंगरे अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NDP) के नेता हैं और पुणे के वडगांव शेरी से विधायक हैं। टिंगरे पर आरोप है कि उनके रिकमंडेशन लेटर के आधार पर ब्लॉ सैंपल बदलने वाले के आरोपी डॉ अजय तावरे की नियुक्ति की गई थी।
पिता-दादा सहित अब तक 11 गिरफ्तार

नाबालिग आरोपी के पिता और दादा पर ड्राइवर की किडनैपिंग करने और उस पर एक्सीडेंट की जिम्मेदारी खुद पर लेने का दबाव बनाने का आरोप है।
इस मामले में आरोपी की मां सहित अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। नाबालिग के पिता को 21 मई और दादा को 25 मई को गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा ससून अस्पताल के दो डॉक्टर, एक स्टाफ और पब के मालिक-मैनेजर और स्टाफ सहित 8 लोग शामिल हैं। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (JJB) ने नाबालिग को 5 जून तक के लिए बाल सुधार गृह भेजा है।
पुणे कोर्ट ने शुक्रवार (31 मई) को आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल और दादा सुरेंद्र अग्रवाल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उन दोनों पर ड्राइवर का अपहरण करने और उस पर हादसे की जिम्मेदारी लेने का दबाव बनाने का आरोप है। पुणे क्राइम ब्रांच ने कहा है कि सबूत मिटाने के लिए किसी तीसरे व्यक्ति ने आरोपियों की मदद की। उसकी पहचान भी की जा रही है।
ब्लड सैंपल बदलने के लिए 50 लाख में डील हुई थी

ससून अस्पताल के डॉ अजय तावरे और चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ श्रीहरि हलनोर पर आरोपी का ब्लड सैंपल बदलने का आरोप है।
पुणे के ससून अस्पताल के डॉ. तावरे ससून और डॉ. हलनोर को अस्पताल के एक स्टाफ अतुल घाटकांले के साथ 27 मई को गिरफ्तार किया गया था। तीनों ने किसी और के ब्लड सैंपल के आधार पर आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें शराब का अंश नहीं था।
डॉ. तावरे ससून अस्पताल के फोरेंसिक मेडिसिन डिपार्टमेंट का प्रमुख और डॉ. हलनोर चीफ मेडिकल ऑफिसर था। दोनों को बुधवार (29 मई) को सस्पेंड कर दिया गया। अस्पताल के डीन डॉ विनायक काले को छुट्टी पर भेज दिया गया है।
डॉ. हलनोर ने पूछताछ में बताया कि ब्लड सैंपल बदलने के लिए आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल और उनके बीच 50 लाख रुपए की डील हुई थी। विशाल अग्रवाल ने डॉ. अजय तावरे से संपर्क किया था। हादसे के बाद दोनों के बीच 15 बार वॉट्सऐप पर बातचीत हुई। तावरे के कहने पर विशाल अग्रवाल ने पहली किस्त के 3 लाख रुपए दिए थे।
पुलिस ने बताया कि अब तक डॉ. हेलनोर के घर से 2.5 लाख रुपए और अस्पताल के कर्मचारी के घर से 50 लाख रुपए बरामद किए गए हैं। डॉ. तावरे के ठिकानों पर अभी सर्चिंग करनी है। पहले माना जा रहा था कि नाबालिग का ओरिजनल ब्लड सैंपल डस्टबिन में फेंक दिया गया था। हालांकि, पुलिस का अब कहना है कि ऐसा नहीं हुआ है। डॉ. हेलनोर ने सैंपल किसी शख्स को सौंपा था। उसकी तलाश की जा रही है।
दोस्त बोले- आरोपी ने शराब पीकर तेज रफ्तार में कार चलाई थी

ये तस्वीर एक पब के CCTV फुटेज की है। हादसे से पहले नाबालिग ने अपने दोस्तों के साथ शराब पी और कार लेकर निकल गया।
पुलिस सूत्रों से पता चला है कि नाबालिग आरोपी के दोस्तों ने कहा है कि घटना वाली रात वे दोनों कार की पिछली सीट पर बैठे हुए थे और आरोपी नाबालिग शराब पीकर तेज रफ्तार में गाड़ी चला रहा था।
सूत्रों का कहना है कि अब पुलिस इस मामले में आरोपी नाबालिग के दोनों दोस्तों को गवाह बनाएगी। हालांकि, इस संबंध में पुणे पुलिस का ऑफिशियल बयान नहीं आया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है, इसके बाद ही कोई फैसला लेगी।
मंत्री मुश्रीफ ने माना- NCP विधायक ने डॉ तावरे की सिफारिश की थी
NCP (अजित गुट) के नेता मुश्रीफ ने यह भी माना है कि पार्टी विधायक सुनील टिंगरे के रिकमंडेशन लेटर के आधार पर डॉ तावरे की नियुक्ति की गई थी। मुश्रीफ ने कहा, ‘सुनील टिंगरे ने डॉ तावरे की नियुक्ति की सिफारिश की थी और मैंने इसकी मंजूरी दी। मुझे तावरे के पिछले आरोपों के बारे में नहीं पता था। जब सिफारिश की गई थी, तो डीन को उसके बारे में बताना चाहिए था।’
हालांकि, डीन डॉ विनायक काले ने दावा किया कि मंत्री मुश्रीफ के आदेश पर ही डॉ तावरे को मेडिकल सुपरिनटैंडैंट का एडिशनल चार्ज दिया गया था। उन्होंने बस मंत्री के आदेश का पालन किया।

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