पिता विदेश में, मां गृहिणी… लेकिन बेटी ने जो कर दिखाया, उससे पूरा परिवार बना मिसाल!

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Government School Topper: झुंझुनूं की सानिया ने 12वीं कला वर्ग में 97.20% अंक प्राप्त कर जिले का नाम रोशन किया है. रोज़ छह घंटे की पढ़ाई, परिवार का साथ और एनसीईआरटी पर भरोसा उनकी सफलता की कुंजी बना. अब वह प्रशा…और पढ़ें

सानिया ने सरकारी स्कूल में बारहवीं कला वर्ग में हासिल किए 97.20, बात करते हुए भा
हाइलाइट्स
- सानिया ने 12वीं कला वर्ग में 97.20% अंक प्राप्त किए.
- रोजाना 6 घंटे पढ़ाई और परिवार का सहयोग मिला.
- सानिया का सपना प्रशासनिक अधिकारी बनना है.
झुंझुनूं. झुंझुनूं जिले के बिसाऊ कस्बे की सानिया ने 12वीं कला वर्ग में 97.20 प्रतिशत अंक प्राप्त कर अपने विद्यालय का नाम रोशन किया है. सानिया बिसाऊ के पीएम श्री सेठ दुर्गादत्त जटिया राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्रा हैं.
सानिया ने बताया कि दसवीं कक्षा में उन्होंने 89 अंक हासिल किए थे. लेकिन उस समय स्कूल की ओर से कोई सम्मान नहीं मिला. इस बात से वे काफी आहत हुईं. तभी उन्होंने तय किया कि आगे की हर कक्षा में वे इतनी मेहनत करेंगी कि उन्हें जरूर सम्मान मिले.
छह घंटे की नियमित पढ़ाई और परिवार का साथ
सानिया ने बताया कि वे रोजाना छह घंटे पढ़ाई करती थीं. स्कूल से लौटने के बाद रात 12 बजे तक अध्ययन करती थीं. वे स्वयं पढ़ाई करती थीं, लेकिन स्कूल के स्टाफ का उन्हें पूरा सहयोग मिलता था. किसी भी प्रकार की शंका होने पर शिक्षक उसका समाधान कर देते थे. पढ़ाई में सबसे बड़ा योगदान उनके दादा-दादी और माता का रहा. उनके पिताजी विदेश में रहते हैं और मां गृहिणी हैं.
एनसीईआरटी को बताया सफलता की कुंजी
सानिया ने कहा कि बच्चों को दूसरी गाइड या संदर्भ पुस्तकें नहीं पढ़नी चाहिए. केवल एनसीईआरटी की किताबें ही पर्याप्त होती हैं. यदि नियमित रूप से पढ़ाई की जाए तो अच्छे अंक लाना मुश्किल नहीं होता.
दादा हुए भावुक, बताया मेहनती पोती
लोकल 18 से बात करते हुए सानिया के दादा भावुक हो गए. उन्होंने बताया कि सानिया रात को जबरन 12 बजे बाद सुलाई जाती थी. वह खुद से पढ़ाई करती थी और साथ ही घर के कामों में भी मदद करती थी. सानिया को पढ़ाई के साथ सिलाई करने का भी शौक है.
प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहती हैं सानिया
सानिया ने कहा कि अब वह सिविल सेवा की तैयारी करना चाहती हैं. उनका सपना है कि वे प्रशासनिक अधिकारी बनकर समाज की सेवा करें. जब उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता था तो वे कुछ देर प्रेरणादायक वीडियो देखती थीं. हालांकि उनका पूरा ध्यान पढ़ाई पर ही केंद्रित रहता था.