पानीपत पहुंचे कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला: किसान बिजेंद्र हत्याकांड पर पर हरियाणा सरकार से पूछे 7 सवाल; कंपनी मालिक से भाजपा का बताया संबंध – Panipat News

प्रेस कांफ्रेंस में अपनी रखते हुए रणदीप सुरजेवाला।
राज्यसभा सांसद व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला गुरुवार को पानीपत पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि हरियाणा के इतिहास में 75 वर्षों में जो अपराध नहीं हुआ, वह अब पानीपत की धरती पर भाजपा सरकार के संरक्षण और मिलीभगत में हुआ। इंसानियत के ख
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रणदीप सुरजेवाला ने सिलसिलेवार बताई कहानी – साल 2014 में भाजपा सरकार के गठन के साथ ही एक ‘जमीन डेवलपर’ का उदय हुआ, जिसका नाम है – सुमित कुमार नरवर। साल 2014 से 2021 तक हरियाणा की सत्ता के गलियारों में हर व्यक्ति सुमित कुमार नरवर व भाजपा सरकार में उसकी पहुंच व दबदबे को जानता है। – सुमित कुमार नरवर की पैरेंट कंपनी है ‘ट्राइडेंट होल्डिंग कॉर्पोरेशन। इस लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप के दो पार्टनर हैं – सुमित कुमार नरवर व पूनम नरवर। इससे पहले इसका नाम था, ट्राइडेंट रियल्टी। – सुमित नरवर का ट्राइडेंट ग्रुप ट्राइडेंट पार्क टाउन प्राईवेट लिमिट के नाम से पानीपत में सेक्टर 19 में लगभग 125 एकड़ में एक टाउनशिप बना रहे हैं। – ट्राइडेंट इन्फ्रा होम्स प्राईवेट लिमिटेड कंपनी ट्राइडेंट पार्क टाउन प्राईवेट लिमिटेड की 99.9 प्रतिशत मालिक है। ट्राइडेंट इन्फ्रा होम्स के मैनेजिंग डायरेक्टर खुद सुमित नरवर हैं। – पानीपत के इस प्रोजेक्ट बारे कई प्रिलॉन्च वेबसाइट भी हैं, जिन पर दिखाया जा रहा है कि पानीपत का यह प्रोजेक्ट सुमित नरवर की ट्राइडेंट रियल्टी (जो अब ट्राइडेंट होल्डिंग कॉर्पोरेशन LLP है) द्वारा बनाया जा रहा है। – सुमित कुमार नरवर की इस कंपनी ट्राइडेंट पार्क टाउन प्राईवेट लिमिटेड का विवाद एक गरीब किसान विजेंद्र कुमार, गांव निजामपुर, जिला पानीपत से चल रहा था। पानीपत प्रशासन ने भी पार्टीशन के दावे में बहुत तीव्र गति से कार्रवाई कर इस गरीब किसान के हकों को खारिज कर सुमित कुमार नरवरी की कंपनी के हक में फैसला दे दिया। पूरे पानीपत प्रशासन की भूमिका संदेह के घेरे में है। यह कहने की जरूरत नहीं कि प्रशासन हरियाणा के सचिवालय में बैठे सफेदपोशों के दबाव में काम कर रहा है। किसान परिवार ने बताया कि पूरा मामला हाईकोर्ट में है। – 2 जून 2025 की शाम को गांव निजामपुर किसान विजेंद्र कुमार पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर कंपनी के बाउंसरों द्वारा उसे जिंदा जला दिया गया। विजेंद्र अपनी जमीन न छीनने को लेकर बिलखता रहा, रोता रहा, पर कंपनी, जो अब कंपनी सरकार बन गई है, के गुंडों ने एक नहीं सुनी। गरीब किसान विजेंद्र की जलाकर सुनियोजित हत्या की गई। – जब गरीब किसान विजेंद्र को परिवारजन उठाकर दिल्ली ले जा रहे थे, तो बाकायदा उसने स्वयं कैमरे पर कंपनी के कारिंदों द्वारा जिंदा आग लगाकर जलाने की बात कही। – सरकार प्रशासन और पुलिस की मिलीभगत है 2 जून को कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई। एफआईआर दर्ज हुई 3 जून को 12:46 पर और वो भी तब, जब किसानों ने बाकायदा पुलिस स्टेशन पर धरना दिया।
दर्ज FIR में ये गलतियां बताई – एफआईआर में गरीब किसान को कत्ल करने वाले किसी दोषी का नाम नहीं लिखा, ताकि बाद में मामला रफा-दफा हो सके। – एफआईआर में किसान को जलाकर कत्ल करने को केवल ‘शक’ लिख दिया गया, ताकि बाद में मामला रफा-दफा हो जाए। – एफआईआर में कंपनी का नाम ही गलत लिख दिया गया। – एफआईआर में कंपनी के असली मालिक सुमित कुमार नरवर या कंपनी के डायरेक्टरों का नाम ही नहीं लिखा गया। – एफआईआर में गरीब किसान को जलाकर मारने का कारण ही नहीं लिखा गया।
सुरजेवाला ने पूछे मुख्यमंत्री नायब सैनी से 7 सवाल – सुमित कुमार नरवर कौन हैं व उनके भाजपा सरकार से क्या संबंध हैं? – क्या जमीन के मालिक किसानों को अब बिल्डर लॉबी को जमीन न देने पर जलाकर कत्ल कर दिया जाएगा? क्या किसी कंपनी को विवादित ज़मीन के मालिक गरीब किसान को जलाकर मारने का अधिकार है? – जब गरीब किसान विजेंद्र की हत्या 2 जून को हुई, तो भाजपा सरकार प्रशासन व पुलिस द्वारा एफआईआर 3 जून को 12:46 पर क्यों दर्ज किया गया? क्या जब बुरी तरह से जले हुए किसान विजेंद्र का आखिरी वीडियो परिवार के पास उपलब्ध है, तो फिर पुलिस इसका संज्ञान क्यों नहीं ले रही? – पुलिस ने किसान विजेंद्र को जलाकर मारने पर कंपनी के मालिकों, डायरेक्टरों पर कत्ल का मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया? क्या भाजपा सरकार असरदार कंपनी को नहीं बचा रही? – क्या मुख्यमंत्री नायब सैनी कंपनी के लाईसेंस को इसी आधार पर खारिज करेंगे व जिम्मेवारी लेंगे? क्या मुख्यमंत्री सुमित कुमार नरवर की हरियाणा के पंचकूला, गुरुग्राम और फरीदाबाद में चल रही सभी कंपनियों की जांच करवाएंगे। – क्या मुख्यमंत्री नायब सैनी किसान विजेंद्र की हत्या की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच करवाएंगे, क्योंकि तथ्यों से सरकार व प्रशासन की मिलीभगत साफ है? – क्या मुख्यमंत्री नायब सैनी गरीब किसान विजेंद्र के परिवार को अंतरिम राहत के तौर पर 2 करोड़ रुपए का मुआवजा देंगे।