पक्षी का टकराना, पायलट की चूक या फिर… एअर इंडिया प्लेन क्रैश की वजह क्या?

मुंबई. एविएशन इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स ने शुक्रवार को कहा कि एअर इंडिया विमान दुर्घटना की पूरी जांच से ही हादसे के कारणों का पता चल सकेगा और लोगों को उपयुक्त जांच पूरी होने तक इंतजार करना चाहिए. लंदन जा रहा बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से बृहस्पतिवार दोपहर उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई. यह देश की सबसे भयावह हवाई दुर्घटनाओं में से एक है. एअर इंडिया का स्वामित्व टाटा समूह के पास है.
भार्गव ने कहा, “हां, दुर्घटना हुई, लेकिन यह क्यों हुई, इसकी पूरी जांच करनी होगी. लेकिन जहां तक दुर्घटना के कारण का सवाल है, मैं बहुत स्पष्ट हूं. मैं यह अनुमान लगाने या अटकलें लगाने का जोखिम नहीं उठाऊंगा कि यह संभवतः पक्षी के टकराने के कारण हुई होगी या यह किसी तकनीकी समस्या, या पायलट (की चूक) या किसी और वजह से हुई होगी. उपयुक्त जांच, वस्तुनिष्ठ जांच के निष्कर्ष तक इंतजार करना चाहिए.”
उन्होंने कहा, “अब, जहां तक फ्लैप (उड़ान भरने या उतरते समय गति धीमी करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला भाग) या इंजन का सवाल है, जब तक हमें सही जांच रिपोर्ट नहीं मिल जाती, हम इस पर ज्यादा अटकलें नहीं लगा सकते.” दमानिया ने कहा कि ब्लैक बॉक्स डेटा से हमें पता चल जाएगा कि विमान में क्या खराबी थी, क्योंकि बोइंग 787 विमान आधुनिक युग का विमान है, जो पायलट के इनपुट के अलावा बहुत सारे सेंसर, मशीनरी और ऑटोमेशन से लैस है.
उन्होंने कहा, “इसलिए, तकनीकी रूप से या फ्लैप या इंजन के मामले में बहुत-सी गड़बड़ियां हुई हो सकती हैं. इसलिए, हमें ब्लैक बॉक्स पर जांच रिपोर्ट का इंतजार करना होगा. ब्लैक बॉक्स रिकॉर्डिंग से हमें जो भी डेटा मिलेगा, वह हमें बताएगा कि वास्तव में क्या हुआ था और दुर्घटना का वास्तविक कारण क्या था.”