पंजाब में SGPC अंतरिम कमेटी की बैठक आज: सुखबीर बादल पर हमले के बाद बुलाई; प्रधान और कमेटी सदस्य कर चुके जत्थेदार से मुलाकात – Amritsar News

एसजीपीसी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी व कमेटी के सदस्य। (प्रतिकात्मक तस्वीर)
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की अंतरिम बैठक आज सोमवार होने जा रही है। श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से सजा सुनाए जाने और सुखबीर बादल पर हमले के बाद ये पहली बैठक है। इस बैठक का मुख्य एजेंडा भी सुखबीर बादल पर हुआ हमला ही रखा गया है। इसके अलावा
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इस बैठक की घोषणा से पहले कमेटी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी और घोषणा के बाद अंतरिम कमेटी के सदस्य श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मिलने भी पहुंचे थे। वहीं, सुखबीर बादल की सजा अभी भी चल रही है। तीन गुरुद्वारों पर सेवा के बाद अब दमदमा साहिब और श्री मुक्तसर साहिब में सुखबीर बादल को सजा पूरी करने के लिए जाना है।

सुखबीर बादल को सजा सुनाए जाने और उन पर हमले के बाद ये पहली बैठक है।
SGPC को वसूलने हैं विज्ञापनों के 90 लाख
सुखबीर बादल को सजा सुनाए जाने के बाद श्री अकाल तख्त साहिब ने डेरा सच्चा साध द्वारा माफी के बाद दिए गए 90 लाख के विज्ञापन पर भी टिप्पणी की थी। श्री अकाल तख्त साहिब ने स्पष्ट किया था कि सुखबीर बादल और उनके साथियों से यह राशि ब्याज सहित वसूल की जानी है। इस पैसे को वसूलने की जिम्मेदारी एसजीपीसी को दी गई है। उम्मीद है कि इस बैठक में इस पैसे को वापस लेने की प्रक्रिया पर भी चर्चा होगी।
13 दिसंबर को पूरी होगी सुखबीर बादल की सजा
सुखबीर बादल की सजा 3 दिसंबर को गोल्डन टेंपल से शुरू हुई थी, जो 13 दिसंबर को पूरी होगी। श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से सुखबीर बादल और अन्य द्वारा दिए गए इस्तीफों को मंजूर कर इसकी रिपोर्ट भेजने का भी आदेश दिया गया है। लेकिन सजा के चलते अकाली दल ने श्री अकाल तख्त साहिब से इसे मंजूर करने और रिपोर्ट सौंपने के लिए समय मांगा था और उनकी यह मांग श्री अकाल तख्त साहिब ने स्वीकार भी कर ली है।
वहीं सुखबीर बादल के इस्तीफे को स्वीकार करने में हो रही देरी पर बागी गुट एक बार फिर अलग नजर आया। बागी गुट ने सुखबीर बादल के इस्तीफे को स्वीकार करने में हो रही देरी को श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों की अवहेलना बताया है।
बादल सरकार को 4 मामलों में सजा मिली
1. राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस ली- 2007 में सलाबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने सिखों के 10वें गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़े पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। इस पर राम रहीम के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया गया था, लेकिन बादल सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया।
2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने माफी दिलवाई थी- श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए राम रहीम को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। सुखबीर ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए राम रहीम को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिखों के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने राम रहीम को माफी देने का फैसला वापस लिया।
3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई- बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान 1 जून 2015 को कुछ लोगों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए और बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए।
4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को इंसाफ नहीं दे पाए- अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। उन्हें राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने का दोषी माना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया।