Published On: Mon, Dec 2nd, 2024

पंजाब में डल्लेवाल की भूख हड़ताल 7वें दिन भी जारी: तबीयत बिगड़ रही, दिल्ली कूच की तैयारी, बातचीत के लिए 4 दिन का समय – Patiala News


अम्बाला के एक गांव में दिल्ली चलो का संदेश देने के लिए स्पेशल तैयार की गई कार। स्पीकर की मदद से इस कार से लोगों तक दिल्ली चलने का संदेश दिया जा रहा है।

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल सातवें दिन में प्रवेश कर गई है। उनका वजन करीब 5 किलो कम हो गया है। चलने पर उनकी सांस फूलती है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है कि उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही है। कैंसर के मरीज होने के बावजूद वह दवा न

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यह वह जत्था है जो जिंदगी और मौत की परवाह किए बिना आगे बढ़ेगा। सरवन सिंह पंधेर ने रविवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि सरकार के पास बातचीत के लिए 5 दिसंबर तक का समय है। केंद्र ने 18 जनवरी के बाद से उनसे बातचीत बंद कर दी है। यही वजह है कि किसानों को यह कदम उठाना पड़ रहा है।

खनौरी बॉर्डर पर मरण व्रत पर बैठे किसान नेता डल्लेवाल।

खनौरी बॉर्डर पर मरण व्रत पर बैठे किसान नेता डल्लेवाल।

‘हम पैदल दिल्ली जाएंगे’

उन्होंने कहा कि किसानों पर इल्जाम लगाए गए कि वे ट्रेक्टर ट्रालियां लेकर दिल्ली जाएंगे। इससे लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति खराब होगी। लेकिन अब 6 दिसंबर को किसान पैदल दिल्ली जाएंगे। मरजीवड़े जत्था के लिए हरियाणा में चार पढ़ाव रखे गए हैं, पांचवां पड़ाव दिल्ली होगा।

दिल्ली जाने के लिए पूरी प्लानिंग के साथ किसान आगे बढ़ेंगे। जत्था पहले जग्गी सिटी अंबाला में रुकेगा। फिर मोहड़ा मंडी, खानपुर, जट्‌टा के और पीपली में जत्था पहुंचेगा। जत्थे के आगे बढ़ने का समय सुबह 9 से शाम 5 बजे का रहेगा। किसान रात को सड़कों पर रात गुजारेंगे।

केवल MSP कानून चाहते हैं किसान

पंधेर ने कहा कि 18 फरवरी के बाद सरकार की किसानों से बातचीत बंद की गई है। भाजपा प्रवक्ता सिर्फ मीडिया में ही बातें करते हैं। असलियत यह है कि खुद पीयूष गोयल कह चुके हैं कि वह कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग चाहते हैं जबकि, किसान MSP कानून चाहते हैं।

पंधेर ने कहा कि इस समय सदन चल रहा है। देखना है कि कितने लोगों ने किसानों की बातों को सदन में उठाया? हम सिर्फ MSP कानून की बात कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में भी कहा गया कि किसान अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहा। इसलिए किसान MSP कानून की मांग कर रहा है।

हिरासत से छोड़े डल्लेवाल की सुरक्षा में किसान तैनात

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर से हिरासत में लेने के बाद से किसान अलर्ट पर हैं। डल्लेवाल की सुरक्षा खुद किसानों ने संभाल ली है। फार्मर फोर्स की तरह करीब 70 किसान मोर्चे के दोनों तरफ तैनात हैं। डल्लेवाल के पास किसान 4-4 घंटे की शिफ्ट में पहरा दे रहे हैं।

किसानों का कहना है कि 26 नवंबर को पंजाब पुलिस ने डल्लेवाल को हिरासत में लिया था। तब उनका वजन करीब 86.800 किलोग्राम था। वहां से आने के बाद उनका वजन 4 किलो घट गया है। वह 26 नवंबर से ही मरणव्रत पर हैं। डल्लेवाल के लिए मोर्च पर नई स्टेज बनाई गई है। आज से वह यहीं बैठकर अपना मरणव्रत जारी रखेंगे। स्टेज के आसपास भी किसानों की ड्यूटी लगाई गई है।

6 राज्य के किसान नेताओं की मीटिंग हुई

शनिवार को किसान मजदूर मोर्चा ने 6 राज्यों के किसान संगठनों के नेताओं के साथ बैठक की। बैठक की अध्यक्षता केरल के किसान नेता पीटी जोन और पंजाब के गुरअमनीत सिंह मांगट ने की।

6 दिसंबर को दिल्ली कूच की तैयारी को लेकर सभी संगठनों के बीच सहमति बन गई है। बैठक में लंगरों की व्यवस्था, सुरक्षा प्रबंधन और वालंटियर्स की संख्या पर चर्चा की गई। इस जत्थे में सिर्फ पंजाब-हरियाणा ही नहीं, देशभर से 6 राज्यों के किसान शामिल होंगे।

डल्लेवाल ने कहीं 3 अहम बातें…

1. मुझे जहां रखा, वहां मोबाइल ले जाने की परमिशन नहीं थी

लुधियाना DMC अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा- मुझे रात खनौरी से उठाया और अस्पताल में दाखिल किया। मुझे जहां रखा, वहां मोबाइल ले जाने की परमिशन नहीं थी। दूसरे मरीजों को भी मोबाइल नहीं लाने दिया। सच्चाई ये थी कि मुझे यहां नजरबंद रखा गया। मैं किसानों की मेहनत की वजह से बाहर आया हूं।

2. टेस्ट करने की कई कोशिशें की

ये लोग बहुत कोशिश करते रहे कि मुझे ट्रीटमेंट दे दें। ब्लड टेस्ट, दवा देने, टेस्ट करने की कई कोशिशें की। अगर मुझे मरणव्रत पर नहीं बैठना होता तो पुलिसवालों की चाय पी लेता।

3. हमारा पंजाब से कोई झगड़ा नहीं

लड़ाई 13 फरवरी से शुरू हुई। ये लड़ाई किसानी का फ्यूचर बचाने के लिए है। इस लड़ाई को शांतिमय तरीके से ऊपर ले जाने का एक ही तरीका बचता है कि नेता अपने प्राणों की आहूति देने की तैयारी करें। पंजाब सरकार ने जो किया, वो केंद्र की बुक्कल में बैठकर किया। हमारा पंजाब से कोई झगड़ा ही नहीं है। पंजाब सरकार को हमसे कोई लेना देना ही नहीं है।

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