Published On: Tue, Aug 13th, 2024

पंचायत बोली-गैंगरेप के लिए लड़के दोषी नहीं, 2000 लगाई कीमत: दरभंगा पुलिस को अल्ट्रासाउंड कराने में लगे 4 दिन; आरोपी अब भी गिरफ्त से बाहर – Darbhanga News


दरभंगा में 3 अगस्त को एक नाबालिग (13) के साथ गैंगरेप हुआ। पीड़ित परिवार ने गांव के कुछ जिम्मेदार लोगों को घटना की सूचना दी। फिर पंचायत बुलाई गई, जिसमें गैगरेप पीड़िता की इज्जत की कीमत 2000 रुपए लगाई गई। लेकिन, परिजन नहीं माने और आरोपियों के खिलाफ 7 अगस

.

पुलिस ने अगले दिन यानी 8 अगस्त को पीड़िता और उसकी मां को थाने बुलाया। मेडिकल टेस्ट, अल्ट्रासाउंड करवाने, कोर्ट में 164 के बयान दर्ज करवाने और आरोपियों की गिरफ्तारी के बदले पीड़िता को जमालपुर थाने की बैरक भेज दिया। हालांकि, 9 अगस्त को सिर्फ मेडिकल टेस्ट करवाया गया। सोमवार (12 अगस्त) को अल्ट्रासाउंड और 164 का बयान दर्ज करवाया गया।

रविवार को दैनिक भास्कर की टीम पीड़ित लड़की के गांव पहुंची। यहां पीड़िता के भाई से मुलाकात हुई। उन्होंने बताया कि ‘पीड़िता और उसकी मां जमालपुर थाने की बैरक में हैं’।

इसी खेत से सटे बगीचे में आरोपियों ने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था।

इसी खेत से सटे बगीचे में आरोपियों ने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था।

घास काटकर लौट रही थी नाबालिग

पीड़िता के चचेरे भाई ने बताया कि ‘3 अगस्त की शाम नाबालिग घास काटकर लौट रही थी। घर से करीब 100 मीटर दूर आरोपी नदीम समेत चार युवक अकेली लड़की के पास पहुंचे और उसके मुंह पर गमछा बांध दिया। इसके बाद उसे पास के बगीचे में ले गए। यहां कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाकर बेहोश किया। इसके बाद उसके साथ गैंगरेप किया।’

सड़क किनारे छोड़कर आरोपी हो गए फरार

आरोपियों ने घटना को अंजाम देने के बाद पीड़िता को बाइक से सड़क किनारे लाकर छोड़ दिया। नाबालिग को होश आया तो वह बदहवास हालत में घर आ रही थी। स्थानीय लोगों ने देखा तो उसे सहारा देकर घर पहुंचाया। 4 अगस्त को घटना की सूचना पंचायत को दी गई। पंचायत ने थाना जाने से रोक दिया और कहा- हम न्याय करेंगे। उन्होंने आरोपियों पर कार्रवाई की जगह 2000 रुपए लेकर मामला रफा-दफा करने की बात कहीं।

4 आरोपियों के खिलाफ थाने में की शिकायत

चचेरे भाई ने बताया कि ‘7 अगस्त को बड़गांव थाने में 4 आरोपियों के खिलाफ शिकायत की। 8 अगस्त को ग्रामीण एसपी काम्या मिश्रा और एफएसएल की टीम मौके पर पहुंची और मामले की जांच-पड़ताल की। इस मामले में कांड संख्या 46/24 दर्ज किया गया।’

पीड़िता की एक सहेली ने कहा- घटनास्थल से कुछ दूरी पर लड़कों का जमावड़ा लगा रहता है।

पीड़िता की एक सहेली ने कहा- घटनास्थल से कुछ दूरी पर लड़कों का जमावड़ा लगा रहता है।

पंचायत ने कहा- लड़का दोषी नहीं

पीड़िता के चचेरे भाई ने बताया कि ‘बहन बेहोशी की हालत में दो दिन रही। उसके गले पर खरोंच के निशान थे। कंधे पर भी चोट है। सरकारी अस्पताल में जब हम लोग चेक करवाने गए तो वहां की नर्स ने बताया कि लड़की के प्राइवेट पार्ट में सूजन है। शिकायत देरी से करने के सवाल पर उन्होंने बताया कि घटना के बाद हम लोग समाज के जिम्मेदार लोगों के पास गए।

पंचायत के लोग बोले- लड़का दोषी नहीं है। अगर आप लोग दोषी मानते हैं तो दंड में पैसा लेकर मामला खत्म कीजिए। लेकिन, हम लोग नहीं माने और पुलिस के पास गए।’

मां गई तो लड़की नहीं मिली

पीड़ित नाबालिग की एक सहेली ने बताया ‘हम लोग शाम करीब 4 बजे घास काटने के लिए गए थे। जब हम लोग वापस लौट रहे थे तो काफी शाम हो गई थी। घर लौटते समय नाबालिग के घास का गट्ठर खुल गया। हम उसको छोड़कर वहां से निकल गए। इसके बाद उसकी मां को वहां भेज दिए। जब उसकी मां गई तो वह उस जगह पर नहीं थी। इसके बाद सभी मिलकर उसे ढूंढने लगे, लेकिन वह नहीं मिली।

पीड़िता के चचेरे भाई ने कहा- गले पर खरोंच के निशान थे।

पीड़िता के चचेरे भाई ने कहा- गले पर खरोंच के निशान थे।

भास्कर ने जमालपुर थाना प्रभारी से किया संपर्क

भास्कर के रिपोर्टर को पता चला कि पीड़िता और उसकी मां जमालपुर थाने की बैरक में है। इसके बाद जमालपुर थानाध्यक्ष राहुल कुमार से बात की तो उन्होंने इससे सीधे इनकार कर दिया और कहा- हमारे थाने में कोई पीड़िता नहीं है।

इसके बाद भास्कर ने बड़गांव थाना अध्यक्ष कल्पना कुमारी से बात की तो उन्होंने कहा- पीड़िता हमारे पास है। इसके बाद हम थाने पहुंचे तो वहां ना पीड़िता मिली और ना ही उसकी मां।

शनिवार और रविवार होने की वजह से 164 के बयान में हुई देरी

बड़गांव थाना प्रभारी कल्पना कुमारी ने बताया कि ‘सोमवार को लड़की का अल्ट्रासाउंड और 164 के बयान दर्ज हो गया है। इसके बाद पीड़िता को घर भेज दिया गया।’

लड़की को जमालपुर थाने में रखे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ‘हमारे यहां महिला सिपाही नहीं है। इसलिए जमालपुर थाने की बैरक में रखा गया था।’

चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को करनी चाहिए थी रिपोर्ट

पटना हाईकोर्ट की महिला एडवोकेट शमा सिन्हा ने बताया कि पुलिस को इस मामले में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को रिपोर्ट करनी चाहिए थी। सूचना मिलने के बाद कमेटी पीड़िता की मेंटली काउंसलिंग करती। सारी प्रोसेस तेजी से होनी चाहिए थी। नॉर्मल केस में भी ऐसा नहीं होता है। ये तो गैंगरेप का मामला है। इसमें पुलिस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।

ये भी पढ़ें…

जिस-जिस से मदद मांगी उसने रेप किया:12 घंटे में 6 लोगों ने की दरिंदगी, परिवार कर चुका था पिंडदान; 41 दिन बाद वो लौट आई

”मैं दोस्त से बात कर रही थी। भीड़ ने हमें घेर लिया। मारने लगे। जान बचाकर मैं एक घर में घुस गई। मैंने मदद मांगी थी। वहां 4 लोग मुझे ऑटो में बिठाकर सुनसान जगह पर ले गए। मेरे साथ गैंगरेप किया। 500 रुपए देकर छोड़ दिया। एक बाइक वाले से मदद मांगी तो उसने भी अपने दोस्त के साथ रेप किया। इसके बाद मैं एक घर तक पहुंची। सारी कहानी बताई। मदद की बजाय वो लोग मुझे बेचने की प्लानिंग करने लगे।” पूरी खबर पढ़ें…

.



Source link

About the Author

-

Leave a comment

XHTML: You can use these html tags: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>