न पुलिस आई, न कोई झगड़ा… 7 पीढ़ियों ने नहीं छुआ गुटखा-शराब! भारत के हर जिले को आईना दिखा रहा यह गांव

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Rajasthan Model Village Story: राजस्थान के किशन नगर गांव ने नशामुक्ति और आत्मनिर्भरता की अनूठी मिसाल कायम की है. सौ साल से यहां न बीड़ी-सिगरेट है, न शराब. मेहमानों का स्वागत काजू-बादाम से होता है. खेती, डेयरी औ…और पढ़ें

Rajasthan Village
हाइलाइट्स
- राजस्थान के किशन नगर गांव ने नशामुक्ति की मिसाल कायम की.
- गांव में सात पीढ़ियों से न बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, न शराब.
- खेती, डेयरी और शिक्षा पर केंद्रित, गांव अपराधमुक्त और समृद्ध.
ब्यावर. किशन नगर गांव की कहानी नशामुक्ति और आत्मनिर्भरता का अद्भुत उदाहरण है. जैतारण विधानसभा क्षेत्र में स्थित यह गांव पूरे राजस्थान ही नहीं, देश भर के लिए प्रेरणा बन चुका है. यहां विकास की राह पर चल रहे लोग नशे की जगह काजू-बादाम से मेहमानों का स्वागत करते हैं. किशन नगर में नशामुक्त जीवन कोई सरकारी योजना का परिणाम नहीं है. यह परंपरा पिछले सौ वर्षों से लगातार चली आ रही है. गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि सात पीढ़ियों से किसी ने बीड़ी, सिगरेट, गुटखा या शराब को हाथ तक नहीं लगाया.
खेती और डेयरी है रोज़गार का मुख्य आधार
गांव की अर्थव्यवस्था खेती और डेयरी पर आधारित है. रोजाना करीब 6 हजार लीटर दूध डेयरी में भेजा जाता है. इसके अलावा, सब्जियों की अच्छी-खासी सप्लाई आसपास की मंडियों में होती है. कृषि वैज्ञानिक भी गांव की कार्यशैली की सराहना कर चुके हैं.
गांव ने जो पैसा नशे से दूर रहकर बचाया, उसे विकास कार्यों में लगाया. हाल ही में यहां एक आधुनिक लाइब्रेरी का निर्माण किया गया है. ताकि गांव की बेटियां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी यहीं से कर सकें. सुरक्षा के लिए पूरे गांव में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.
शिक्षा के क्षेत्र में भी बना मिसाल
गांव के स्कूल में 250 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं, जिनमें बेटियों की संख्या बेटों से ज्यादा है. एक समय था जब गांव में कोई भी महिला शिक्षित नहीं थी. लेकिन अब हर परिवार अपनी बेटियों को पढ़ाने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है. किशन नगर गांव ने यह साबित कर दिया है कि अगर संकल्प और सामूहिक समझ हो तो कोई भी गांव विकास की मिसाल बन सकता है. नशामुक्ति, शिक्षा और सामाजिक जागरूकता के जरिए यह गांव देशभर के गांवों के लिए एक आदर्श बन चुका है.