Published On: Fri, Dec 27th, 2024

न डिग्री न अनुभव, सर्जरी तक कर रहे झोलाछाप: फिजीशियन के जाली सर्टिफिकेट पर कर रहा इलाज, सर्जन का कंपाउंडर बन गया चाइल्ड स्पेशलिस्ट – Patna News


आपने फिजीशियन या सर्जन से इलाज कराया और स्वस्थ हो गए, इस धोखे में न रहें। आप जान भी गंवा सकते हैं। दैनिक भास्कर ने 20 दिनों की पड़ताल के बाद नकली डॉक्टरों के काले कारोबार की परतें खोली हैं। महज मैट्रिक और इंटर पास लोग स्पेशलिस्ट डॉक्टर होने का दावा कर

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भोजपुर जिले के हर छोटे-बड़े बाजार में करीब 5 अवैध निजी क्लिनिक हैं। बिना रजिस्ट्रेशन के पैथॉलाजी और मेडिकल स्टोर्स भी हैं। जहां मौसमी बीमारियों के इलाज से लेकर ऑपरेशन और डिलीवरी तक हो रही है। करीब एक हजार से अधिक झोलाछाप डॉक्टर भोजपुर जिले में मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।

अरवल, शेखपुरा, बिहारशरीफ और पटना के कई लोगों ने भोजपुर में अस्पताल खोल रखा है। कोई रिश्तेदार टेक्नीशियन की डिग्री पर खुद को जनरल फिजीशियन तो कोई सर्जन का कंपाउंडर चाइल्ड स्पेशलिस्ट बनकर लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहा है। बीते कई वर्षों से सरकार और प्रशासन ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। 4 केसेज के जरिए जानिए बिहार में कैसे-कैसे लोग चला रहे अस्पताल…

केस-1 ग्रेजुएट पत्नी स्त्री रोग, स्वयं हड्डी रोग विशेषज्ञ बना है टेक्नीशियन

नालंदा जिला निवासी महेश कुमार की सन्देश बाजार में क्लिनिक है। एक्स-रे भी करता है। पत्नी मीरा बीएससी पास है। उसे स्त्री रोग विशेषज्ञ और खुद को शिशु और हड्डी रोग का विशेषज्ञ बता रहा है। लेटर पैड भी बनवा लिए हैं।

स्वयं इंटर पास है। पटना में किसी एक्स-रे दुकान में टेक्नीशियन था। बीते वर्षों से धड़ल्ले से इलाज कर रहा है। पूछने पर कहता है सरकारी अस्पताल के डॉक्टर आये थे। बोले थे अस्पताल मत चलाओ। लेकिन, जीने के लिए करना पड़ता है।

केस -2 सर्जन का कंपाउंडर बना चाइल्ड स्पेशलिस्ट, ऑपरेशन भी कर रहा

सन्देश प्रखंड के अजीमाबाद में एक कंपाउंडर संतोष कुमार ने बिना लाइसेंस क्लिनिक एवं मेडिकल स्टोर्स खोल रखा है। बच्चों की इलाज के लिए प्रसिद्ध है। धड़ल्ले से इंजेक्शन और दवाईयां लिख रहा है। पूछने पर बोला, कुछ वर्ष तक सर्जन का कंपाउंडर था। जब यहां अस्पताल खोला तो शिशु रोग के मामले ज्यादा आने लगे। कंपाउंडर से पूछकर इलाज करते करते सीख गया। अब हॉस्पिटल का भी संचालन करता है। चार स्टाफ रखे हैं। पेट का ऑपरेशन भी कर देता है।

केस – 3 अरवल में रिश्तेदार टेक्नीशियन, मैट्रिक पास अनीश उसी आधार पर फिजीशियन

पवना बाजार में अनीश नाम का मैट्रिक पास युवक अस्पताल चला रहा है। बड़े पोस्टर पर जनरल फिजीशियन डॉ एम. कुमार लिखवाकर लोगों का इलाज करता है। इस बाबत जब पूछ गया तो कहता है कि मेरे रिश्तेदार एम कुमार अरवल जिले में टेक्नीशियन हैं। उन्हीं की सलाह पर यहां अस्पताल चला रहा हैं। पढ़ाई नहीं किया हैं, किसी कंपाउंडर के साथ काम सीखा हैं। इस तरह पवना बाजार पर करीब दस फर्जी डॉक्टर हैं।

केस- 4 इंटर पास धर्मेंद्र कर रहा इलाज, दवाईयों का नाम नहीं पढ़ पाया

कोरी बाजार पर फर्जी क्लिनिक की भरमार हैं। इंटर तक पढ़ा धर्मेंद्र इलाज करता है। जब कैमरे के सामने उससे पूछा गया तो कहता है कि हाल ही में क्लिनिक खोली है। बुखार के लिए इंजेक्शन लगाने की बात कहता है। उससे रिएक्शन होने पर भी छह तरह के इंजेक्शन देने को बोला। लेकिन, इंजेक्शन पर लिखे आईपी का मतलब नहीं बता सका। कहता है बिना जानकारी के इलाज करना गलत तो है। लेकिन, सब तो ऐसे ही चल रहा है।

मौखिक ये डिग्रियां बताई, इंटर पास से ज्यादा का सबूत नहीं दे पाए

बीएएमएस, एएएमएस, एनआईओएस, आरएमपी, एमबीबीएस, एमडी बीएएमएस (अल्टरनेटिव), बीवाईपीएस (बायोकेमिकल), वीईएचएमएस (इलेक्ट्रो होम्योपैथी)। अधिकांश डिग्रियां फर्जी की श्रेणी में आती है।

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मरीजों की जान से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। मामले की पूरी पड़ताल कराएंगे। झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई के निर्देश दे रहे हैं। जांच कराने के बाद मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी। -तनय सुल्तानिया, डीएम भोजपुर।

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