Published On: Wed, Jun 4th, 2025

न इंसान, न मशीन, फिर भी हर किसी का भला… जोधपुर में एक झोपड़ी बदल रही है किस्मत, जानें क्यों है खास!


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Jodhpur News: जोधपुर के हीरालाल ने एम्स रोड पर सेल्फ सर्विस चुग्गा झोपड़ी की अनूठी पहल की है, जहां राहगीर चिड़ियों से लेकर गायों तक को चुग्गा खिला सकते हैं. यह झोपड़ी आधुनिक ढंग से डिज़ाइन की गई है, जो परंपरा औ…और पढ़ें

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एक झोपड़ी बदल रही है किस्मत

हाइलाइट्स

  • हीरालाल ने एम्स रोड पर सेल्फ सर्विस चुग्गा झोपड़ी बनाई.
  • राहगीर चिड़ियों से लेकर गायों तक को चुग्गा खिला सकते हैं.
  • यह पहल जोधपुर में सेवा और धर्म का अनूठा उदाहरण है.

जोधपुर. बदलते समय में हर कोई धर्म-कर्म करना चाहता है. मगर भागती-दौड़ती इस यांत्रिक जिंदगी में व्यस्तता के कारण बहुत से लोग इन कामों को समय नहीं दे पाते. ऐसे में जोधपुर के एक युवक ने एक अलग सोच के साथ एक अनूठी पहल की है. उन्होंने एम्स रोड पर एक ऐसी सेल्फ सर्विस चुग्गा झोपड़ी स्थापित की है, जहां चिट्टियों से लेकर कबूतर और गायों तक के लिए चुग्गा रखा गया है. यह चुग्गा झोपड़ी इस तरह डिजाइन की गई है कि कोई भी राहगीर उसमें से चुग्गा लेकर बेजुबानों को खिला सके.

इससे एक ओर जहां लोगों को धर्म और सेवा का अवसर मिलता है, वहीं भूखे जानवरों को खाना भी मिल जाता है. इस प्रयास से बिना समय खर्च किए लोग धर्मिक संतोष भी पा रहे हैं. इस अनूठी पहल के पीछे जोधपुर के निवासी हीरालाल हैं. उन्होंने अपने नाम की तरह अपने दिल का भी परिचय दिया है. उनकी सोच और प्रयास को शहर में खूब सराहा जा रहा है. यह पहला मौका है जब किसी ने धार्मिक भावना को आधुनिक सुविधा से जोड़कर सेवा का ऐसा उदाहरण पेश किया है.

गांव की परंपरा को शहर में दिया आधुनिक रूप
हीरालाल की यह सोच पुराने समय की उस परंपरा से प्रेरित है, जिसमें गांवों में “पोल” नामक व्यवस्था होती थी. वहां पर जानवरों और पक्षियों के लिए नियमित रूप से दाना-पानी रखा जाता था. अब उसी परंपरा को उन्होंने शहरी क्षेत्र में तकनीकी रूप से विकसित कर चुग्गा झोपड़ी के रूप में लागू किया है. इस चुग्गा झोपड़ी की सबसे खास बात यह है कि यह एम्स अस्पताल के पास लगाई गई है. जहां प्रदेशभर से मरीज और उनके परिजन आते हैं. ऐसे में जब लोग अस्पताल में अपने मरीज के लिए प्रार्थना करते हैं, तब वहीं पास में यह सेवा का माध्यम उन्हें एक राहत और पुण्य का मार्ग भी देता है.

राहगीरों ने भी की जमकर सराहना
राहगीर रामेश्वरी ने बताया कि यह पहल बहुत ही प्रेरणादायक है. हर गांव, बस स्टैंड और अस्पताल के पास इस तरह की व्यवस्था होनी चाहिए. इससे समाज में सेवा और दान की भावना को मजबूती मिलेगी. हीरालाल की यह पहल न केवल जोधपुर बल्कि पूरे राजस्थान के लिए एक उदाहरण बन रही है. यह दिखाता है कि सेवा और धर्म के कार्य सिर्फ मंदिर या बड़ी संस्थाओं में ही नहीं होते, बल्कि सड़क किनारे एक झोपड़ी से भी बड़ा परिवर्तन आ सकता है.

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न इंसान, न मशीन, फिर भी हर किसी का भला…एक झोपड़ी जो बदल रही किस्मत, जानें…

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