नौकरी के लिए महिला ने दीवार से टकराकर तोड़ डाली सुहाग की निशानी, चूड़ियों से ज्यादा टूटा ‘दिल’
बाड़मेर. महिलाओं के लिए चूड़ियां सुहाग की निशानी होती है. लेकिन इन्हीं चूड़ियों को राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक महिला को सरकारी नौकरी के लिए तोड़ना पड़ा तो उसका दिल टूट गया. परीक्षा केन्द्र में जाने से लिए चूड़ियां तोड़ने का महिला का यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. नौकरी की परीक्षा के लिए चूड़ियां तोड़ने वाली महिला का कहना है कि चूड़ियां कब तोड़ी जाती है यह सब लोग जानते हैं. लेकिन आज इस परीक्षा की वजह से यह सब करना पड़ा.
दरअसल राजस्थान में बीते दो दिनों से पशु परिचर सीधी भर्ती परीक्षा का आयोजन हो रहा है. इस परीक्षा में करीब ढाई लाख अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं. परीक्षा का आयोजन प्रदेशभर में जिला मुख्यालयों पर हो रहा है. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से आयोजित यह परीक्षा रविवार को शुरू हुई थी और मंगलवार तक चलेगी. राजस्थान में बीते बरसों में हुए पेपर लीक और नकल की घटनाओं से सबक लेते हुए सभी परीक्षा एजेंसियों ने अभ्यर्थियों के पहनावे और परीक्षा केन्द्र में एंट्री को लेकर सख्त गाइड लाइन लागू कर दी है. इसके तहत परीक्षा केन्द्र में कुछ भी पहनकर जाने की इजाजत नहीं है. यहां तक कि चूड़ियां भी नहीं.
मजबूरन दीवार पर हाथों की चूड़ियां तोड़नी पड़ी
परीक्षा के लिए चूड़ियां तोड़ने का यह मामला बाड़मेर के एक परीक्षा केन्द्र पर रविवार को सामने आया. यहां परीक्षा देने आई बाड़मेर जिले के बाटाडू गांव निवासी परीक्षार्थी पार्वती देवी ने बताया कि पशु परिचर भर्ती परीक्षा के लिए गर्ल्स स्कूल केंद्र में प्रवेश के लिए मंगलसूत्र और नाक की फनी आदि सब कुछ उतार दिया था. लेकिन चूड़िया हाथों से निकल नहीं रही थी. परीक्षा केंद्र पर पहुंची तो चूड़ियां उतारने के लिए कहा गया तो मजबूरन दीवार पर हाथों की चूड़ियां तोड़नी पड़ी.
चूड़ियां तोड़ते वक्त बहुत बुरा लग रहा था
उन्होंने कहा की चूड़ियां तोड़ते वक्त बहुत बुरा लग रहा था. लेकिन बेरोजगारी है तो मजबूरन तोड़नी पड़ी. सुहागिन महिलाओं के लिए चूड़ियां बेहद महत्वपूर्ण होती है. चूड़ियां कब तोड़ी जाती है यह बताने की जरुरत नहीं है. लेकिन नौकरी की मजबूरी में दिल पर पत्थर रखकर यह सब भी करना पड़ा. पार्वती देवी ने बताया कि इससे पहले वह पुलिस और पटवारी भर्ती के लिए एग्जाम दे चुकी है. लेकिन उनमें इस तरह की कड़ी चैकिंग नहीं की गई.
FIRST PUBLISHED : December 2, 2024, 14:46 IST