नूंह मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएं बदहाल: मरीजों के लिए घर से कूलर पंखा लेकर आ रहे परिजन,मिल रही भीषण गर्मी से राहत – Nuh News

वार्ड 6 में अपने मरीज के लिए घर से कूलर लेकर आये परिजन।
हरियाणा के नूंह जिले में अरावली पर्वत की वादियों में आलीशान दिखने वाला राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज की स्वास्थ्य व्यवस्था खुद ही इमरजेंसी में चली गई है। अस्पताल जहां स्टाफ, मशीनों और दवाइयों की कमी से जूझ रहा है। वहीं भीषण गर्मी से मरीज बे
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ऑपरेशन करने के बाद गर्मी से परेशान हो रहे मरीज
मंगलवार को दैनिक भास्कर की टीम अस्पताल का जायजा लेने पहुंची, जहां तीसरी बिल्डिंग पर बने वार्ड नंबर 6 में सर्जरी, हड्डी रोग विभाग में ऐसे दर्जनों मरीज मिले जो गर्मी के कारण काफी परेशान थे। वार्ड में पंखे तो लगे हुए थे,लेकिन उनमें कुछ बंद थे तो कुछ पंखे धीमी गति से चल रहे थे। ऐसे में मरीजों को काफी घुटन हो रही थी। कुछ महिलाएं अपने मरीजों को कपड़े से हवा करती भी नजर आई।हालांकि अस्पताल में कुछ जगहों पर कूलर एयर कंडीशनर लगे भी हुए हैं, लेकिन इनकी हवा का लुत्फ अस्पताल में डॉक्टर ही उठा रहे हैं। यह बदहाली किसी एक वार्ड में नहीं है बल्कि कई वार्डों में मरीज गर्मी से काफी परेशान है। जिससे उनकी हालत बजाए सुधरने के बिगड़ती जा रही है।

वार्ड 6 में अपने मरीज के लिए घर से कूलर लेकर आये परिजन।
दिन का तापमान करीब 40 डिग्री दर्ज किया गया
नूंह में गर्मी हर रोज रिकॉर्ड तोड़ रही है। दिन का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच चुका है। दिन के साथ रातें भी लगातार गर्म हो रही हैं। अस्पताल के वार्डों में कुलर पंखा की व्यवस्था अच्छी नहीं होने की वजह से मरीज पसीने से तरबतर हो रहे हैं। मरीजों को परेशान देख कर उनके परिजन अपने घरों से पंखा लाने को मजबूर हैं। गांव उटावड़ के रहने वाले मौसम ने बताया कि उनका करीब 1 महीने पहले एक्सीडेंट हुआ था। जिसमें उनके पैर में फैक्चर हो गया। उनके पैर का ऑपरेशन नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में हो चुका है। अस्पताल में पंखों की व्यवस्था अच्छी नहीं है। इसलिए घर से उन्होंने कुलर मंगवाया है। भीषण गर्मी में कूलर से कुछ राहत मिल रही है। उनके पास ऐसे काफी मरीज हैं जो गर्मी से बेहाल है।

वार्ड 6 में अपने मरीज के लिए घर से कूलर लेकर आये परिजन।
गांव हुसैनपुर के अकरम ने बताया कि करीब 10 दिन पहले उनके पैर की सर्जरी हुई थी। तभी से वह अस्पताल में भर्ती है। गर्मी ज्यादा होने के कारण रात को नींद नहीं आती और सर्जरी वाले पैर में भी गर्मी से खुजली होती है। यहां दो बेड के लिए एक पंख लगा हुआ है जो बड़ी धीमी गति से चल रहा है। कुछ पंखे खराब पड़े हुए है। ऐसे में उन्होंने घर से एक छोटा कुलर मंगवाया है। अब उन्हें कहीं हद तक गर्मी से आराम मिल रहा है।
हथीन के रहने वाले एक मरीज ने बताया कि उनके एक सड़क हादसे में दोनों पैर कट गए हैं। पैरों की सर्जरी हो चुकी है। कई दिनों से उनका इलाज चल रहा है। गर्मी ज्यादा होने के करना उन्होंने भी अपने घर से एक छोटा पंखा मंगवाया है।
दूसरे वार्डों के मरीज इसी वार्ड के शौचालय करते हैं प्रयोग
मरीजों के साथ आए परिजनों ने बताया कि दूसरे वार्डों के मरीज भी वार्ड नंबर 6 के शौचालय का प्रयोग करते हैं। आसपास के सभी शौचालय रुके हुए हैं। गंदगी से भरे हुए है। साफ सफाई नहीं है। अब उनका वार्ड के शौचालय भी गंदगी से भर चुके हैं। डॉक्टर से जब इसकी शिकायत की जाती है तो उनके द्वारा एक ही जवाब दिया जाता है की सफाई वाला नहीं आ रहा है। सीवर की सफाई होने के बाद शौचालय खुलेंगे।

मेडिकल कॉलेज के ऊपर रखी पानी की टंकी के खुले ढक्कन, पानी में मुंह मारता बंदर।
पानी की टंकियों के ढक्कन खुले,बंदर कूदकर नहाते है
अस्पताल में यही एक समस्या नहीं है पीने के पानी के लिए छत पर रखी हुई टंकियों के ढक्कन खुले हुए है। जिसमें रोजाना बंदर कूदकर स्नान करते हैं। इसकी एक मरीज ने बिल्डिंग के ऊपर से वीडियो भी बनाया है, जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में कहां जा रहा है कि नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में पीने के पानी की बहुत ही बेकार व्यवस्था है। लोग दूषित पानी पी रहे है। अस्पताल पर ना ही स्थानीय नेताओं का ध्यान है और ना ही सरकार का। वीडियो में पानी की टंकियों पर बंदर भी चढ़ते हुए नजर आ रहे हैं। ये टंकी इमरजेंसी की छत पर रखी हुई है।

जानकारी देते कांग्रेस विधायक आफताब अहमद।
मेडिकल कॉलेज में व्यवस्थाओं के लिए सड़क से लेकर विधानसभा तक उठाई आवाज:विधायक आफताब अहमद
नूंह से को कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने कहा कि 2014 के बाद से आज तक भाजपा सरकार मेडिकल कॉलेज में स्थाई डॉक्टर नियुक्त नहीं कर पाई। रोजाना हजारों लोग इलाज के लिए कई जिलों और राजस्थान, उत्तर प्रदेश तक से आते है। आज मेडिकल कॉलेज एक रेफरल अस्पताल में तब्दील होता जा रहा है। मेडिकल कॉलेज में व्यवस्थाएं पूरी करने के लिए उन्होंने कई बार सड़क से लेकर विधानसभा तक आवाज उठाई है। लेकिन भाजपा सरकार ध्यान नहीं देती। सरकार मेवात के साथ दोगला व्यवहार कर रही है। भाजपा सरकार नहीं चाहती कि मेडिकल कॉलेज में व्यवस्थाएं पूरी हो।